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पीएम मोदी का प्रमुख कश्मीरी नेताओं को आमंत्रण, सियासी सरगर्मियां तेज

पिछले दो हफ्तों से जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, सीपीआईएम और उनके पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन (Peoples Alliance for Gupkar Declaration) की राजनीतिक गतिविधियों से गुलजार है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 24 जून को जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के मुख्यधारा के राजनीतिक दलों (mainstream political parties) की बैठक बुलाई है, जिससे राज्य में एक बार फिर राजनीतिक गतिविधियां बढ़ गई हैं. पढ़िए ईटीवी भारत संवाददाता मीर फरहत की रिपोर्ट.

जम्मू कश्मीर
जम्मू कश्मीर
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Published : Jun 20, 2021, 7:40 PM IST

Updated : Jun 20, 2021, 10:06 PM IST

श्रीनगर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा 24 जून को बुलाई गई जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के मुख्यधारा के राजनीतिक दलों (mainstream political parties) की बैठक ने घाटी में सरकार द्वारा पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से रुकी हुई राजनीतिक गतिविधि को फिर से शुरू कर दिया है.

पिछले दो हफ्तों से जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, सीपीआईएम और उनके पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन (Peoples Alliance for Gupkar Declaration) की राजनीतिक गतिविधियों से गुलजार है.

जानकारी देते संवाददाता

बैठक के मद्देनजर नेशनल नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी, अपनी पार्टी और पीपुल्स कॉन्डरेंस (Peoples Conderence) प्रधानमंत्री से मुलाकाता को लेकर आम सहमति बनाने के लिए अपनी बैठकों में तेजी लाई हैं.

पीडीपी की राजनीतिक मामलों की समिति (Political Affairs Committe) ने रविवार को वर्चुअल मोड (virtual mode) पर जम्मू और कश्मीर स्थित नेताओं के साथ बैठक की, जहां पार्टी अध्यक्ष को पीएम के साथ बैठक पर निर्णय लेने का सुझाव दिया गया.

जम्मू कश्मीर में राजनीतिक गतिविधि तेज

बैठक के बाद पीडीपी के प्रवक्ता (PDP Spokesperson ) सुहैल बुखारी (Suhail Bukhari ) ने मीडिया से कहा कि पार्टी समिति ने फैसला किया है कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में सभी दलों की बैठक में भाग लेने के संबंध में अंतिम निर्णय महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) द्वारा लिया जाएगा. सभी सदस्यों ने उन्हें अधिकृत (authorised) किया है. पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन की बैठक दो दिनों में होगी. इस मामले पर वहां भी चर्चा की जाएगी.

पीडीपी के प्रवक्ता का बयान

नेशनल कांफ्रेंस ने आज पार्टी अध्यक्ष डॉ फारूक अब्दुल्ला (Dr Farooq Abdullah) के आवास पर अपने शीर्ष दस नेताओं की परामर्शी बैठक (consultative meeting) भी की.

नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव (General Secretary ) अली मुहम्मद सागर (Ali Muhammad Sagar) ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि फारूक अब्दुल्ला सोमवार और मंगलवार को अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ अभी और परामर्श करेंगे और वह बुधवार को पीएम मोदी के साथ बैठक में अपनी भागीदारी के बारे की घोषणा करेंगे.

हालांकि पीडीपी की महबूबा मुफ्ती ने बैठक में शामिल होने को लेकर सस्पेंस बरकरार रखा है, लेकिन फारूक अब्दुल्ला और अन्य नेताओं ने संकेत दिया है कि वे 24 जून को बैठक में शामिल होंगे.

सूत्रों का कहना है कि सभी आमंत्रित नेताओं के प्रधानमंत्री से मिलने और विधानसभा चुनाव (assembly elections) से पहले जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल (restoration of statehood) करने का सुझाव देने की संभावना है.

अल्ताफ बुखारी (Altaf Bukhari) के नेतृत्व वाली जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी बैठक (Apni Party) में भाग लेने के लिए सोमवार दोपहर को एक बैठक करेगी.

केंद्रीय गृह सचिव (Union Home Secretary) अजय कुमार भल्ला (Ajay Kumar Bhalla) ने पिछले दो दिनों में जम्मू-कश्मीर के प्रमुख नेताओं को टेलीफोन पर निमंत्रण भेजे हैं. इनमें डॉ फारूक अब्दुल्ला, पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, उमर अब्दुल्ला, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, सजाद गनी लोन, अल्ताफ बुखारी, रविंदर रैना, जीए मीर, एमवाई तारिगामी, प्रो. भीम सिंह, मुजफ्फर हुसैन बेघ, तारा चंद , निर्मल सिंह और भाजपा के कविंदर गुप्ता शामिल हैं.

पढ़ें - जम्मू-कश्मीर के 14 नेताओं को दिल्ली में पीएम के साथ बैठक के लिए किया गया आमंत्रित

पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के वरिष्ठ नेता कविंदर गुप्ता (Kavinder Gupta) ने ईटीवी भारत को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक विधानसभा चुनाव कराने, जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने और जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने के बारे में होगी.

हालांकि बैठक के उद्देश्य के बारे में पीएम कार्यालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.

यह राजनीतिक घटनाक्रम इस साल फरवरी में भारत और पाकिस्तान (India and Pakistan) के बीच जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर संघर्ष विराम समझौते (ceasefire agreement ) के बाद आया है.

श्रीनगर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा 24 जून को बुलाई गई जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के मुख्यधारा के राजनीतिक दलों (mainstream political parties) की बैठक ने घाटी में सरकार द्वारा पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से रुकी हुई राजनीतिक गतिविधि को फिर से शुरू कर दिया है.

पिछले दो हफ्तों से जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, सीपीआईएम और उनके पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन (Peoples Alliance for Gupkar Declaration) की राजनीतिक गतिविधियों से गुलजार है.

जानकारी देते संवाददाता

बैठक के मद्देनजर नेशनल नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी, अपनी पार्टी और पीपुल्स कॉन्डरेंस (Peoples Conderence) प्रधानमंत्री से मुलाकाता को लेकर आम सहमति बनाने के लिए अपनी बैठकों में तेजी लाई हैं.

पीडीपी की राजनीतिक मामलों की समिति (Political Affairs Committe) ने रविवार को वर्चुअल मोड (virtual mode) पर जम्मू और कश्मीर स्थित नेताओं के साथ बैठक की, जहां पार्टी अध्यक्ष को पीएम के साथ बैठक पर निर्णय लेने का सुझाव दिया गया.

जम्मू कश्मीर में राजनीतिक गतिविधि तेज

बैठक के बाद पीडीपी के प्रवक्ता (PDP Spokesperson ) सुहैल बुखारी (Suhail Bukhari ) ने मीडिया से कहा कि पार्टी समिति ने फैसला किया है कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में सभी दलों की बैठक में भाग लेने के संबंध में अंतिम निर्णय महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) द्वारा लिया जाएगा. सभी सदस्यों ने उन्हें अधिकृत (authorised) किया है. पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन की बैठक दो दिनों में होगी. इस मामले पर वहां भी चर्चा की जाएगी.

पीडीपी के प्रवक्ता का बयान

नेशनल कांफ्रेंस ने आज पार्टी अध्यक्ष डॉ फारूक अब्दुल्ला (Dr Farooq Abdullah) के आवास पर अपने शीर्ष दस नेताओं की परामर्शी बैठक (consultative meeting) भी की.

नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव (General Secretary ) अली मुहम्मद सागर (Ali Muhammad Sagar) ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि फारूक अब्दुल्ला सोमवार और मंगलवार को अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ अभी और परामर्श करेंगे और वह बुधवार को पीएम मोदी के साथ बैठक में अपनी भागीदारी के बारे की घोषणा करेंगे.

हालांकि पीडीपी की महबूबा मुफ्ती ने बैठक में शामिल होने को लेकर सस्पेंस बरकरार रखा है, लेकिन फारूक अब्दुल्ला और अन्य नेताओं ने संकेत दिया है कि वे 24 जून को बैठक में शामिल होंगे.

सूत्रों का कहना है कि सभी आमंत्रित नेताओं के प्रधानमंत्री से मिलने और विधानसभा चुनाव (assembly elections) से पहले जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल (restoration of statehood) करने का सुझाव देने की संभावना है.

अल्ताफ बुखारी (Altaf Bukhari) के नेतृत्व वाली जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी बैठक (Apni Party) में भाग लेने के लिए सोमवार दोपहर को एक बैठक करेगी.

केंद्रीय गृह सचिव (Union Home Secretary) अजय कुमार भल्ला (Ajay Kumar Bhalla) ने पिछले दो दिनों में जम्मू-कश्मीर के प्रमुख नेताओं को टेलीफोन पर निमंत्रण भेजे हैं. इनमें डॉ फारूक अब्दुल्ला, पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, उमर अब्दुल्ला, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, सजाद गनी लोन, अल्ताफ बुखारी, रविंदर रैना, जीए मीर, एमवाई तारिगामी, प्रो. भीम सिंह, मुजफ्फर हुसैन बेघ, तारा चंद , निर्मल सिंह और भाजपा के कविंदर गुप्ता शामिल हैं.

पढ़ें - जम्मू-कश्मीर के 14 नेताओं को दिल्ली में पीएम के साथ बैठक के लिए किया गया आमंत्रित

पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के वरिष्ठ नेता कविंदर गुप्ता (Kavinder Gupta) ने ईटीवी भारत को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक विधानसभा चुनाव कराने, जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने और जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने के बारे में होगी.

हालांकि बैठक के उद्देश्य के बारे में पीएम कार्यालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.

यह राजनीतिक घटनाक्रम इस साल फरवरी में भारत और पाकिस्तान (India and Pakistan) के बीच जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर संघर्ष विराम समझौते (ceasefire agreement ) के बाद आया है.

Last Updated : Jun 20, 2021, 10:06 PM IST
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