तिरुवनंतपुरम : चुनाव के तारीखों की घोषणा होते ही राजनीतिक पार्टियों के बीच गठबंधन को लेकर हलचल तेज हो गई है. पार्टियां उम्मीदवारों के नामों पर भी गंभीरता से विचार कर रहीं हैं. किन्हें टिकट दिया जाएगा, किनकी टिकट कटेगी, इस पर माथापच्ची जारी है.
लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) की अगुआई कर रही सीपीएम ने अपने सहयोगियों सीपीआई, जनथीपाध्याय केरल कांग्रेस, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी और जनता दल के साथ बातचीत शुरू कर दी है. सीपीएम के सामने सबसे बड़ी चुनौती है केरल कांग्रेस और लोकतांत्रिक जनता दल के लिए सीटों का निर्धारण करना. क्योंकि दोनों पार्टियां एलडीएफ की नई सहयोगी हैं.
एलडीएफ को केरल कांग्रेस (एम) के लिए कोट्टायम और पठानमथिट्टा जिले में सीटें देनी होंगी, जबकि कोझीकोड, वायनाड और कन्नूर जिले में एलजेडी प्रमुख दावेदार है.
लेफ्ट गठबंधन के मंत्री कडन्नप्पल्ली रामचंद्रन (कांग्रेस एस, कन्नूर) और एके सासीद्रन (एनसीपी, एलाथुर) ने चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. वीएस सुनील कुमार (त्रिसूर), पी थिलोथ्मां (चेरथाला) और के राजू (पुनालुर) को टिकट दिए जाने की संभावना कम है. दोनों अभी मंत्री हैं. सीपीआई ने निर्णय लिया है कि वैसे उम्मीदवार जो दो बार लगातार जीत चुके हैं, उन्हें इस बार टिकट के लिए दावेदारी पेश नहीं करनी चाहिए. उनकी जगह पर नए चेहरों को मौका दिया जाएगा.
सीपीएम ने भी ऐसा ही निर्णय लिया है. लेकिन जो जीतने वाले उम्मीदवार हैं, उनके लिए इन नियमों में ढील दी गई है. थॉमस इसाक (अलप्पुझा) और जी सुधाकरन (अंबलाप्पुझा) को टिकट मिलने की संभावना है. दोनों वर्तमान सरकार में मंत्री हैं.
मंत्री ईपी जयराजन ने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया है. जिला कमेटी ने एमएम मणि उदुंबंचोला और टीपी रामकृषणन पेरांबरा को टिकट दिए जाने की अनुशंसा की है. कुंदारा से जे मर्कीकुट्टी अम्मा के नाम पर सहमति बननी है.
के सुरेंद्रन कझाक्कोट्टम और एसी मोइद्दीन कुन्नामकुलम से चुनाव लड़ेंगे. इसकी पुष्टि कर दी गई है. अगर स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा की कूथुपरंबा सीट एलजेडी को चली जाती है, तो सीपीएम को शैलजा के लिए किसी और सीट की व्यवस्था करनी होगी. सीपीएम के अंदर शैलजा को पेरावूर से टिकट दिए जाने की मांग कर रहे हैं. पिछली बार यह सीट कांग्रेस को चली गई थी. अगर ईपी जयराजन चुनाव नहीं लड़ते हैं, तो उनकी जगह पर केके शैलजा को मट्टान्नूर से टिकट दिए जाने की चर्चा की जा रही है. मंत्री एके बालन पिछले चार बार से चुनाव जीतते आ रहे हैं. लेकिन इस बार उनका टिकट काटे जाने को लेकर चर्चा है.
अभिनेता
अभिनेता मुकेश कोल्लम से चुनाव लड़ेंगे. सीपीएम का मानना है कि मुकेश इस बार भी ये सीट निकाल ले जाएंगे. फिल्म निर्माता रंजीत को कोझीकोड उत्तर से सीट दिया जा सकता है. चर्चा है कि यूडीएफ और बीजेपी इस सीट पर नजरें गड़ाए है. दोनों पार्टियां किसी फिल्मी सितारे को यहां से उतार सकती हैं. रंजीत ने कहा कि अभी तक उनका नाम फाइनल नहीं किया गया है.
अभिनेता धर्माजन बोलगट्टी का कहना है कि उनके नाम पर किसी एक वयक्ति ने भी विरोध किया, तो वह बालुस्सेरी से चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी.
भाजपा अभिनेता सुरेश गोपी एमपी को अपनी पार्टी में लाने की कोशिश कर रही है. उन्हें तिरुवनंतपुरम या वट्टीयूरकाव्यू से टिकट दिए जाने पर चर्चा है. टीवी धारावाहिक अभिनेता विवेक गोपन के नाम पर भी चर्चा है. उन्होंने हाल ही में भाजपा का दामन थामा है. मेट्रो मैन ई श्रीधरन को तिरपूनीथारा से टिकट मिल सकता है. वैसे, श्रीधरन पलक्कड़ से चुनाव लड़ना चाहते हैं.
नए चेहरे
यूडीएफ को उम्मीद है कि इस बार जनता उन्हें ही मौका देगी. सत्ता में फिर से उनकी वापसी होगी. कांग्रेस ने कहा है कि उनकी पार्टी के किसी भी विधायक का टिकट नहीं कटेगा. अन्य सीटों पर पार्टी नए उम्मीदवारों के नामों पर विचार करेगी. महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी. केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष वीएम सुधीरन और राज्यसभा के पूर्व उपसभापति पीजे कुरियन ने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर रखा है. केरल कांग्रेस के अध्यक्ष मुल्लाप्पल्ली रामाचंद्रन भी चुनाव नहीं लड़ेंगे.
यूडीएफ में कांग्रेस और आईयूएमएल के बीच सीटों को लेकर अंतिम सहमति नहीं बनी है. पुनालुर और चदायामंगलम सीट पर दोनों के बीच विवाद है. पल्लकड़ में विधायक शफी पारमबिल के नाम पर दोनों आमने-सामने हैं.
अगर एवी गोपीनाथ शफी के खिलाफ चुनाव लड़ते हैं, तो सीपीएम उन्हें समर्थन देगी.
कोन्नी विधानसभा सीट से कौन चुनाव लड़ेगा, इस पर भी विवाद है. रोबिन पीटर इस सीट से कांग्रेस से चुनाव लड़ें या न लड़ें, अंतिम निर्णय नहीं किया गया है. वायनाड से पीके अनिल कुमार ने अपनी ही पार्टी कांग्रेस का विरोध किया. उन्होंने पार्टी तक छोड़ दी. उनका आरोप है कि पार्टी उनकी अनदेखी कर रही थी.
वायनाड से सीनियर कांग्रेस नेता केके विश्वनाथन ने भी पार्टी छोड़ने का ऐलान कर रखा है. चुनाव के ठीक पहले वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं का इस्तीफा पार्टी के लिए शुभ संकेत नहीं है.