नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में हुए डीडीसी चुनाव के लिए 280 सीटों पर मतगणना जारी है. इसके महत्व और आगामी विधानसभा चुनाव पर पड़ने वाले इसके प्रभाव को लेकर ईटीवी भारत ने राजनीतिक विश्लेषक देशरत्न निगम से खास बातचीत की.
देशरत्न निगम ने बताया कि अनुच्छेद 370 और 35ए हटाए जाने के बाद यह पहला चुनाव है, इसीलिए यह और भी महत्वपूर्ण है. देशरत्न निगम ने बताया कि कश्मीर की राजनीतिक पार्टियां लोकसभा चुनाव लड़ती थीं, लेकिन लोकल चुनाव का बहिष्कार करते थे. इन चुनाव का होना इस बात का प्रमाण है कि जम्मू-कश्मीर में धीरे-धीरे लोकतंत्र की वापसी हो रही है.
निगम ने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि जमीनी स्तर पर केंद्र शासित प्रदेश में लोकतंत्र स्थापित हो, जिससे लोगों तक सरकार की योजनाएं पहुंच सकें. केंद्र शासित प्रदेश में यह बदलाव बहुत बड़ा है. चुनावों के रूझानों को देखकर साफ देखा जा सकता है कि लोगों में चुनाव के प्रति जागरूकता बढ़ रही है. समस्याओं का समाधान बुलेट से नहीं बैलेट से निकलेगा.
पढ़ें-जम्मू-कश्मीर : डीडीसी की 280 सीटों पर मतगणना जारी
चुनाव परिणामों की घोषणा के पहले कुछ स्थानीय नेताओं की नजरबंदी पर निगम ने कहा कि लोकतांत्रिक चुनाव की प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. निगम ने दावा किया कि डीडीसी चुनाव के परिणामों का असर अन्य राज्यों के चुनाव पर भी पड़ेगा. उन्होंने हाल ही में हैदराबाद में हुए चुनावों का उदारहण देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में हो रहे चुनावों का असर पश्चिम बंगाल पर भी पड़ेगा.