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बच्चे को अस्पताल जा रही कार को पुलिस ने चालान भरने को रोका, इलाज में देरी से मौत

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Published : Jun 1, 2022, 1:57 PM IST

एक मां ने शिकायत की है कि जब वह अपने बेटे को अस्पताल ले जा रही थी तो पुलिस ने उनकी गाड़ी रोक दी. जिस वजह से उसे अस्पताल पहुंचने में देरी हुई और उसके बेटे की मौत हो गई. उन्होंने मांग की कि जिम्मेदारों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए.

अस्पताल जा रहे कार को पुलिस ने चालान भरने को रोका, इलाज में देरी से बच्चे की मौत
अस्पताल जा रहे कार को पुलिस ने चालान भरने को रोका, इलाज में देरी से बच्चे की मौत

हैदराबाद : घटना मंगलवार को यादाद्री भुवनेश्वर जिले के यादगिरिगुट्टा मंडल के उपनगर वांगापल्ली गांव में उस समय हुई जब पुलिस ने अस्पताल जा रही कार को चलान भरने के लिए आधे घंटे के लिए रोक दिया. सरस्वती दंपति का तीन महीने के बेटा रेवंत को मंगलवार को बीमार पड़ गया. पहले माता-पिता उसे जनागामा के एक निजी अस्पताल में ले गये. जहां डॉक्टरों ने बच्चे की जांच के बाद सरस्वती दंपति को हैदराबाद ले जाने की सलाह दी. एक कार में लड़के को राजधानी ले जाने के दौरान, पुलिस ने उपनगर वांगपल्ली में चालान चेक करने के लिए कार को रोक लिया.

पढ़ें : हैदराबाद में आईटी कंपनी ने भर्ती के नाम पर बेरोजगारों से ₹15 करोड़ लूटे

सरस्वती दंपति कि पुलिस उनके पास आई और कहा कि तुम्हारी कार पर 1000 रुपये का चलान है. पहले वह भर कर आओ फिर कार को आगे जाने देंगे. उन्होंने कहा कि हमने पुलिस को बताया कि आपातकालीन उपचार के लिए जा रहे हैं लेकिन पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी. चालक ने बताया कि चालान भरने में आधा घंटा लग गया. चालक ने कहा कि उसके बाद जबतक हम अस्पताल पहुंचे बच्चे में सांस नहीं बची थी. अस्पताल में भी डॉक्टरों ने बताया कि उसकी मौत अस्पताल आने के आधे घंटे के पहले हो चुकी थी. इस मामले के बारे में पूछे जाने पर यादगिरिगुट्टा ट्रैफिक सीआई सैयदा ने कहा कि हम वाहनों को जांच के लिए रोकते हैं और अगर कोई आपात स्थिति होती है, तो हम पीड़ितों को अपने वाहन से अस्पताल ले जाते हैं.

हैदराबाद : घटना मंगलवार को यादाद्री भुवनेश्वर जिले के यादगिरिगुट्टा मंडल के उपनगर वांगापल्ली गांव में उस समय हुई जब पुलिस ने अस्पताल जा रही कार को चलान भरने के लिए आधे घंटे के लिए रोक दिया. सरस्वती दंपति का तीन महीने के बेटा रेवंत को मंगलवार को बीमार पड़ गया. पहले माता-पिता उसे जनागामा के एक निजी अस्पताल में ले गये. जहां डॉक्टरों ने बच्चे की जांच के बाद सरस्वती दंपति को हैदराबाद ले जाने की सलाह दी. एक कार में लड़के को राजधानी ले जाने के दौरान, पुलिस ने उपनगर वांगपल्ली में चालान चेक करने के लिए कार को रोक लिया.

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सरस्वती दंपति कि पुलिस उनके पास आई और कहा कि तुम्हारी कार पर 1000 रुपये का चलान है. पहले वह भर कर आओ फिर कार को आगे जाने देंगे. उन्होंने कहा कि हमने पुलिस को बताया कि आपातकालीन उपचार के लिए जा रहे हैं लेकिन पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी. चालक ने बताया कि चालान भरने में आधा घंटा लग गया. चालक ने कहा कि उसके बाद जबतक हम अस्पताल पहुंचे बच्चे में सांस नहीं बची थी. अस्पताल में भी डॉक्टरों ने बताया कि उसकी मौत अस्पताल आने के आधे घंटे के पहले हो चुकी थी. इस मामले के बारे में पूछे जाने पर यादगिरिगुट्टा ट्रैफिक सीआई सैयदा ने कहा कि हम वाहनों को जांच के लिए रोकते हैं और अगर कोई आपात स्थिति होती है, तो हम पीड़ितों को अपने वाहन से अस्पताल ले जाते हैं.

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