श्रीनगर : घाटी में सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश मामले में अदालत ने जम्मू-कश्मीर पुलिस को रिपोर्ट सौंपने के लिए एक सप्ताह की मोहलत दे दी है. पुलिस को 17 जुलाई तक रिपोर्ट (Report) सौंपनी होगी.
दरअसल अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा, जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना और सोशल मीडिया यूजर अमन बाली पर एक छात्र कार्यकर्ता ने आरोप लगाए हैं. उसका आरोप है कि इन लोगों ने सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की.
17 तक सौंपनी होगी रिपोर्ट
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी फारूक अहमद भट ने मामले की पहली सुनवाई के दौरान सदर थाने के प्रभारी को 17 जुलाई तक मामले की रिपोर्ट सौंपने को कहा है. उन्होंने कहा कि अगर वह (एसएचओ) ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
छात्र कार्यकर्ता ने दाखिल की थी याचिका
4 जुलाई को एक छात्र कार्यकर्ता नासिर खुहमी ने अदालत में याचिका दायर कर सिरसा, रैना और बाली के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की थी. सिरसा ने दर्जनों सिख नेताओं के साथ हाल ही में श्रीनगर में चार सिख महिलाओं की मुस्लिम पुरुषों से शादी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था और कई प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी.
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खुहमी ने दावा किया था, 'सिख महिला की मुस्लिम पुरुषों से शादी को लेकर सिरसा, रैना और बाली ने जम्मू-कश्मीर में कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने और झूठ फैलाने की कोशिश की है.' इस पर कोर्ट ने पुलिस को 12 जुलाई तक रिपोर्ट सौंपने को कहा था.