लखनऊः राजधानी लखनऊ के बहुचर्चित संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा हत्याकांड में आज कोर्ट ने हत्या को अंजाम देने वाले शूटर विजय यादव को तीन दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड दे दी. इसके बाद अब लखनऊ पुलिस आरोपी विजय यादव से पूछताछ करेगी. लखनऊ पुलिस ने आरोपी विजय यादव की पांच दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड मांगी थी. कोर्ट ने रिमांड अर्जी की स्वीकृत कर ली.
यह आदेश प्रभारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट साक्षी गर्ग ने मामले के विवेचक मनोज कुमार मिश्र के प्रार्थना पत्र पर पारित किया. प्रार्थना पत्र में विवेचक ने अभियुक्त के पांच दिन के रिमांड की मांग की थी. कहा गया था कि अभियुक्त ने पुलिस के समक्ष दिए बयान में बिहार के मुंगेर से असलहा प्राप्त करने, नेपाल में काम करने के दौरान जीवा की हत्या के लिए 20 लाख रुपये की सुपारी लेने तथा लखनऊ आने के पश्चात वकील की यूनिफ़ॉर्म पहने आदि बातें बताई हैं. विवेचक का कहना था कि अभियुक्त द्वारा बताए गए स्थानों का चिन्हीकरण किया जाना है तथा यह पता लगाना है कि इतनी बड़ी वारदात को अभियुक्त ने किसके इशारे पर अंजाम दिया. विवेचक का यह भी कहना था कि इस षडयंत्र में शामिल लोगों का पता लगाने के साथ-साथ घटना की कड़ियां जोड़ी जानी हैं और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों को एकत्र करना है.
कोर्ट ने विवेचक के प्रार्थना पत्र को शर्तों के साथ मंजूर करते हुए कहा कि तीन दिनों की रिमांड इस शर्त के साथ मंजूर की जाती है कि अभियुक्त को न तो शारीरिक और न ही मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जाएगा, साथ ही यदि अभियुक्त के अधिवक्ता साथ रहना चाहें तो उचित दूरी पर वह मौजूद रह सकते हैं. कोर्ट ने यह भी निर्देश दिए हैं कि पुलिस रिमांड के दौरान बरामद सभी सामानों व कार्यवाही की वीडियोग्राफी करवाई जाएगी.
बता दें कि पिछले दिनों विजय यादव ने राजधानी लखनऊ के कोर्ट परिसर में पहुंचकर एससी/एसटी कोर्ट के सामने कुख्यात अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी थी. घटना के दौरान ही मौके पर मौजूद वकीलों ने हत्यारे को पकड़ लिया था, जिसके बाद में जमकर पिटाई की गई थी. मौके पर पहुंची पुलिस ने विजय को हिरासत में लिया था. हालांकि गंभीर रूप से चोटिल होने के चलते विजय को केजीएमयू में भर्ती कराया गया था. बीमार होने के चलते विजय से पूछताछ नहीं हो सकी थी. हालांकि, अब तीन दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड मिली है तो उम्मीद है कि विजय से पूछताछ के बाद घटना के संदर्भ में कई सुराग मिल सकते हैं. बताते चलें कि इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसआईटी का गठन किया था. एसआईटी इस पूरे मामले की जांच कर रही है. अब तक की जांच के बाद यह निकलकर सामने आया है कि घटना से ठीक पहले आरोपी नेपाल गया था जहां पर उसे हत्या के लिए सुपारी दी गई थी.
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