नई दिल्ली : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी से जुड़े 7,000 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में अहम आरोपी सुभाष शंकर परब को एक बड़े अभियान के तहत मिस्र से भारत प्रत्यर्पित करने में सफलता हासिल की है. अधिकारियों ने बताया कि काहिरा में कथित रूप से छिपे हुए परब को प्रत्यर्पित किए जाने के बाद मंगलवार तड़के मुंबई लाया गया. अधिकारियों ने बताया कि नीरव मोदी के करीबी सहयोगी होने के साथ सुभाष शंकर 'फायरस्टार डायमंड' में उप महाप्रबंधक (वित्त) थे. 'फायरस्टार डायमंड' नीरव मोदी की कंपनी थी. सुभाष शंकर के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था.
सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा, 'सुभाष शंकर परब को गिरफ्तार कर लिया गया है. हम उसे मुंबई की एक अदालत में पेश करेंगे और उसकी हिरासत की रिमांड की मांग करेंगे. उसके बाद उससे और पूछताछ की जाएगी.' शंकर को आपराधिक साजिश, एक लोक सेवक और बैंकर व्यापारी और एजेंट द्वारा आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति वितरण के लिए प्रेरित करने और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है.
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चार साल से फरार था परब : सीबीआई चार साल पहले ही उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है, जिसके आधार पर इंटरपोल ने उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था. जेसी जगदाले की विशेष सीबीआई अदालत ने भी उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. 49 वर्षीय शंकर 2018 में नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के साथ विदेश भाग गया था. उसे नीरव मोदी का सबसे भरोसेमंद व्यक्ति माना जाता है.
(एजेंसी इनपुट)