नई दिल्ली : भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पीएम मोदी और पोप फ्रांसिस की मुलाकात को इतिहास के किताबों में अंकित होने वाला अवसर बताया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह शांति, समरसता और अंतरधार्मिक संवाद (इंटरफेथ डायलॉग) के लिए एक बड़ा कदम है.
इस अवसर पर भाजपा अध्यक्ष ने भारत में विभिन्न क्षेत्रों में ईसाई समुदाय के योगदान को भी रेखांकित किया. नड्डा ने एक ट्वीट में कहा कि भारत एक वाइब्रेंट और समावेशी लोकतंत्र है, जहां ईसाई समुदाय ने राजनीति, सिनेमा, उद्योग और सशस्त्र सेनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' की राह पर अग्रसर है.
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, 'दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री की ईसाई समुदाय के सर्वोच्च धर्मगुरु के बीच मुलाकात इतिहास के किताबों में अंकित होने वाला अवसर है. यह शांति, समरसता और अंतरधार्मिक संवाद के लिए एक बड़ा कदम है.'
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The meeting between Prime Minister of the world’s largest democracy and the supreme head of the world’s largest Christian denomination is an occasion fit for the history books.
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It is a great step forward towards peace, harmony and inter-faith dialogue. @narendramodi @Pontifex pic.twitter.com/l0XdBCK32z
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भारत की कुल आबादी में ईसाई समुदाय 2.5 प्रतिशत से भी कम है, लेकिन गोवा, केरल और पूर्वोत्तर में इनकी संख्या महत्वपूर्ण है.
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गौर हो कि पीएम मोदी ने शनिवार को पोप फ्रांसिस से पहली बार आमने-सामने बैठक की. इस दरम्यान दोनों के बीच धरती को बेहतर बनाने के लिए जलवायु परिवर्तन से लड़ने तथा गरीबी को दूर करने जैसे कई मुद्दों पर चर्चा हुई.
मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं, जिनसे फ्रांसिस ने 2013 में पोप बनने के बाद मुलाकात की है. इससे पहले किसी भारतीय प्रधानमंत्री की किसी पोप से आखिरी मुलाकात 1999 में हुई थी, जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे और पोप जॉन पॉल द्वितीय भारत आए थे.
सूत्रों ने बताया कि मोदी के प्रधानमंत्री के तौर पर कार्यकाल के दौरान पोप को भारत आने का न्योता दिया गया है.
(पीटीआई भाषा)