नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिलिस्तीन के लिए भारत के अटूट समर्थन की प्रतिबद्धता को दोहराई. 'फिलिस्तीनी लोगों के साथ अंतरराष्ट्रीय एकजुटता दिवस' के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित एक वार्षिक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि मैं फिलिस्तीनियों के मुद्दे पर भारत के अटूट समर्थन को दोहरता हूं.
प्रधानमंत्री ने कहा, 'भारत और फिलिस्तीन के लोगों के बीच दोस्ताना संबंध ऐतिहासिक हैं. हमने हमेशा आत्मनिर्भरता और सम्मान के साथ सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए फिलिस्तीन के लोगों का सर्मथन किया है. हमें उम्मीद है कि फिलिस्तीनी और इजराइली पक्ष के बीच सीधी बातचीत होगी.
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Message of Hon'ble Prime Minister of India Shri Narendra Modi on the occasion of the International Day of Solidarity with the Palestinian people.#IndiaPalestine @MEAIndia@IndiaUNNewYork@PalestinePMO@MofaPPD @pmofa @WAFANewsEnglish @palestinetv95 pic.twitter.com/21hqbcozsj
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बता दें, भारत ने इस साल अक्टूबर में फिलिस्तीन के लिए 2.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर का एक चेक संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी को सौंपा था, जो फिलिस्तीनी शरणार्थियों के स्कूल और स्वास्थ्य केंद्रों का खर्च उठाती है. भारत ने साल 2018 से संयुक्त राष्ट्र की फिलिस्तीन के लिए राहत एवं कार्य एजेंसी को 22.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता दी है. प्रधानमंत्री मोदी ने एक बयान में कहा, 'भारत सरकार और लोगों की तरफ से मैं फिलिस्तीन में शांति और संपन्नता के लिए शुभकामनाएं देता हूं.'
भारत और फिलिस्तीन के बीच लंबे समय से करीबी रिश्ते रहे हैं. भारत वर्ष 1974 में पहला गैर अरब देश बना था जिसने फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइज़ेशन (PLO) को मान्यता दी थी. इसके 14 साल बाद भारत उन कुछ देशों में शामिल हो गया, जिन्होंने फिलिस्तीन को एक देश के रूप में मान्यता दी. फिलिस्तीन के साथ राजनीतिक संबंध 1996 में बढ़े, जब भारत ने गाजा में अपना प्रतिनिधि दफ्तर खोला. बाद में इसे 2003 में रामल्ला में स्थानांतरित कर दिया गया.
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