समरकंद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन के बीच की बैठक, रूस के कच्चे तेल में भारत के कुल तेल आयात में 13 प्रतिशत की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी के संदर्भ में महत्वपूर्ण है. इस बीच, बयान में आगे कहा गया है कि नेताओं ने विभिन्न स्तरों पर संपर्कों सहित द्विपक्षीय संबंधों में निरंतर गति की सराहना की. बयान में कहा गया है, 'राष्ट्रपति पुतिन ने इस महीने की शुरुआत में व्लादिवोस्तोक में पूर्वी आर्थिक मंच में प्रधान मंत्री के वीडियो-संदेश की सराहना की.'
पीएम मोदी और पुतिन के बीच काफी दोस्ताना माहौल में बातचीत हुई. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पुतिन ने मोदी से कहा, कि कल आपका जन्म दिन है, लेकिन रूसी परंपरा के अनुसार हम अग्रिम बधाई नहीं दे सकते हैं. लेकिन हम आपको और अपने मित्र देश भारत को शुभकामनाएं देते हैं.
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"I know about your birthday", Russian President Vladimir Putin tells PM Modi but can't wish since "according to Russian traditions we don't wish in advance". pic.twitter.com/O88Z9SMzGY
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यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के संदर्भ में, प्रधान मंत्री मोदी ने शत्रुता को शीघ्र समाप्त करने और बातचीत और कूटनीति की आवश्यकता के लिए अपने आह्वान को दोहराया. ब्यान में कहा गया है कि, "इस साल दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात थी, जहां राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ का वर्ष है."
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को उज्बेकिस्तान में 22वें शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक कोविड-19 महामारी के बाद दुनिया को आर्थिक सुधार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए एससीओ की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. हिंदी में बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्लॉक वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 30 प्रतिशत का योगदान देता है, जबकि दुनिया की 40 प्रतिशत आबादी सदस्य देशों में रहती है.
उन्होंने आगे कहा कि यूक्रेन में चल रहे संकट और वैश्विक महामारी ने ग्लोबल सप्लाई चेन में व्यवधान पैदा किया है, जिससे दुनिया को अभूतपूर्व ऊर्जा और खाद्य संकट का सामना करना पड़ रहा है. मोदी ने कहा कि इसलिए, एससीओ को क्षेत्र में विश्वसनीय, लचीला और विविध सप्लाई चेन विकसित करने का प्रयास करना चाहिए. प्रधानमंत्री ने स्टार्टअप और नवाचार पर एक नए कार्य समूह की स्थापना की घोषणा करते हुए कहा कि देश एक विनिर्माण केंद्र बनने की दिशा में भी प्रगति कर रहा है.
उन्होंने कहा कि इस साल भारत की अर्थव्यवस्था के 7.5 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है, जो दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा है. उन्होंने खाद्य सुरक्षा के बारे में भी बात की, जिसे उन्होंने एक बड़ी चुनौती बताया और सुझाव दिया कि बाजरा की खेती और खपत एक संभावित समाधान हो सकता है. प्रधानमंत्री ने बाजरा को सुपरफूड बताते हुए कि यह खाद्य चुनौती को दूर करने के लिए एक पौष्टिक और कम लागत वाला विकल्प हो सकता है.
मोदी ने कहा कि 2023 को संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में मनाया जाएगा और हमें एससीओ के तहत 'बाजरा खाद्य महोत्सव' आयोजित करने पर विचार करना चाहिए. अपने संबोधन में, उन्होंने भारत को चिकित्सा और कल्याण पर्यटन के लिए सबसे किफायती देशों में से एक बताया और एससीओ सदस्य देशों से पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग करने का आग्रह किया.