नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15-16 सितंबर को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए उज्बेकिस्तान की यात्रा करेंगे. सम्मेलन के दौरान नेताओं के पिछले दो दशकों में समूह की गतिविधियों की समीक्षा करने और बहुपक्षीय सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा करने की उम्मीद है. विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, शिखर सम्मेलन में एससीओ सदस्य देशों के नेता, पर्यवेक्षक देशों, एससीओ के महासचिव, एससीओ क्षेत्रीय आतंकवाद रोधी संरचना (आरएटीएस) के कार्यकारी निदेशक, तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति और अन्य आमंत्रित अतिथि शामिल होंगे.
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During the Summit, leaders are expected to review the organization’s activities over past 2 decades & discuss state & prospects of multilateral cooperation. Topical issues of regional & global importance also expected. PM likely to hold bilateral meetings on Summit's sidelines.
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— ANI (@ANI) September 11, 2022
विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री के शिखर सम्मेलन से इतर कुछ द्विपक्षीय बैठकें करने की भी संभावना है. इसमें चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के शामिल होने की उम्मीद है. हालांकि इस संबंध में आधिकारिक बयान नहीं है कि मोदी शी चिनफिंग या शरीफ के साथ बैठक करेंगे या नहीं.
बयान में कहा गया है कि उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव के निमंत्रण पर, प्रधानमंत्री मोदी एससीओ के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की 22वीं बैठक में भाग लेने के लिए 15-16 सितंबर को समरकंद की यात्रा करेंगे. बयान में कहा गया है कि शिखर सम्मेलन के दौरान, नेताओं के पिछले दो दशकों में संगठन की गतिविधियों की समीक्षा करने और राज्य और भविष्य में बहुपक्षीय सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा करने की उम्मीद है. इसमें कहा गया है कि बैठक में क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के सामयिक मुद्दों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है.
वर्ष 2019 के बाद से यह एससीओ का पहला शिखर सम्मेलन होगा जिसमें नेताओं की भौतिक उपस्थिति रहेगी. जून 2019 में एससीओ सम्मेलन किर्गिस्तान के बिश्केक में आयोजित हुआ था. वर्ष 2020 में मास्को शिखर सम्मेलन कोविड-19 महामारी के कारण ऑनलाइन तरीके से आयोजित किया गया था जबकि दुशांबे में 2021 शिखर सम्मेलन 'हाइब्रिड' तरीके से आयोजित किया गया था. एससीओ का मुख्यालय बीजिंग में है और इसमें चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उजबेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान शामिल हैं. बीजिंग में राजनयिक सूत्रों ने पहले कहा था कि मेजबान उज्बेकिस्तान ने सभी नेताओं की अनौपचारिक रूप से उपस्थिति की पुष्टि की है.
(पीटीआई-भाषा)