नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) 30 मार्च को 5वें बिम्सटेक (5th BIMSTEC Summit) शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. यह शिखर बैठक वर्चुअल मोड में होगी. इसकी मेजबानी वर्तमान बिम्सटेक अध्यक्ष श्रीलंका द्वारा की जाएगी. चौथा बिम्सटेक शिखर सम्मेलन वर्ष 2018 में काठमांडू (नेपाल) में आयोजित किया गया था.
बिम्सटेक, बंगाल की खाड़ी से तटवर्ती या समीपी देशों का एक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग संगठन है. इसकी स्थापना वर्ष 1997 में हुई थी. इसके 7 सदस्य देशों में बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका तथा थाईलैंड शामिल हैं. गौरतलब है कि इसस पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत बिम्सटेक ढांचे के तहत क्षेत्रीय सहयोग को गति देने तथा इसे एक मजबूत, विविधतापूर्ण एवं परिणामोन्मुख समूह बनाने को प्रतिबद्ध है. एक संबोधन में जयशंकर ने कहा कि बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल (बिम्सटेक) में दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया को जोड़ने की एक अनोखी ताकत है.
उन्होंने कहा कि मई 2019 में हमारे सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में बिम्सटेक नेताओं का शामिल होना इसकी गवाही देता है. विदेश मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद एवं संगठित अपराध तथा मादक पदार्थो की तस्करी से मुकाबला करने में सहयोग को लेकर बिम्सटेक संधि पिछले महीने प्रभाव में आई. उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि सदस्य देशों ने बिम्सटेक परिवहन सम्पर्क मास्टर प्लान को अंतिम रूप दिया है और इसे बिम्सटेक की पांचवी शिखर बैठक में अंगीकार किया जायेगा.
ये भी पढ़ें- पाकिस्तान: इमरान सरकार के 50 मंत्री गायब
जयशंकर ने बैठक में कहा कि यह हमारे क्षेत्र में बेहतर सम्पर्क एवं जुड़ाव की लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. गौरतलब है कि बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल (बिम्सटेक) में भारत के अलावा बांग्लादेश, म्यामांर, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं. विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, जयशंकर ने उन क्षेत्रों में भारत की प्रगति को रेखांकित किया जिसमें उसने काफी बढ़त बनायी है. उन्होंने सीमापार आतंकवाद, परिवहन एवं संचार, पर्यटन और पर्यावरण एवं आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में बिम्सटेक के बीच सहयोग को गहरा बनाने के लिये भारत की गतिविधियों का उल्लेख किया.