वाराणसी : स्टेडियम के शिलान्यास और संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी में महिलाओं को संबोधित करने के बाद पीएम मोदी रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर पहुंचे. यहां पर पीएम सांस्कृतिक महोत्सव में हिस्सा ले रहे हैं. इसमें 17 विधाओं के 37,000 से अधिक लोग हिस्सा ले रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की सौगात देने के बाद पीएम मोदी ने 16 अटल आवासीय विद्यालयों की भी सौगात दी. इन विद्यालयों के माध्यम से श्रमिकों और निराश्रितों के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सकेगी. 1145 करोड़ की लागत से यह विद्यालय तैयार हुए हैं.
जी20 की सफलता महादेव के आशीर्वाद से संभव हुई : कार्यक्रम में मंच पर पीएम मोदी के साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे. प्रधानमंत्री ने कहा कि, बाबा के आशीर्वाद से काशी का सम्मान आज नित नई ऊंचाइयों को छू रहा है. जी20 के जरिए भारत ने पूरी दुनिया में अपना झंडा गाड़ा है. उसमें काशी की चर्चा विशेष है. काशी की सेवा, काशी का स्वाद, काशी की संस्कृति और काशी का संगीत. जी20 के लिए जो-जो मेहमान काशी आया वो इसे अपनी यादों में समेटकर साथ ले गया है. जी20 की अद्भुत सफलता महादेव के आशीर्वाद से ही संभव हुई है. बाबा की कृपा से काशी अब विकास के ऐसे आयाम गढ़ रही है जो अभूतपूर्व है.
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सपना धीरे-धीरे हो रहा साकार : पीएम मोदी ने संबोधन में कहा कि, आज की मैंने बनारस के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का शिलान्यास किया है. अभी यूपी के 16 अटल आवासीय विद्यालयों के लोकार्पण का अवसर मिला है. इसके लिए मैं काशी वासियों को बधाई देता हूं. यूपी के लोगों को बधाई देता हूं. श्रमिक परिवारों को बधाई देता हूं. 2014 में जब मैं यहां आया था तो मैंने जिस काशी की कल्पना की थीस विकास और विरासत का वो सपना अब धीरे-धीरे साकार हो रहा है. मुझे गर्व है सांसद सांस्कृतिक महोत्सव के जरिए यहां की प्रतिभाओं से सीधा जुड़ने का अवसर मिला है. करीब 40 हजार लोगों कलाकारों ने इसमें हिस्सा लिया. लाखों दर्शक इसके लिए आए.
बनारस दुनिया में एक नया आकर्षण का केंद्र बनेगा : पीएम ने उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि बनारस के लोगों के प्रयास से आने वाले वर्षों में यह सांसद सांस्कृतिक महोत्सव अपने आप में काशी की अलग पहचान बनने वाला है. काशी आकर्षण का नया केंद्र बनेगा. काशी और संस्कृति एक ही ऊर्जा के दो नाम हैं. आप इनको अलग नहीं कर सकते. काशी को देश की सांस्कृतिक राजधानी होने का गौरव प्राप्त है. काशी की गली-गली में गीत गूंजते हैं. यह नटराज की अपनी नगरी है. सारी नृत्य कलाएं नटराज के तांडव से ही प्रकट हुई हैं. सारे स्वर महादेव के डमरू से उत्पन्न हुए हैं. सारे विधाओं ने बाबा से जन्म लिया है. काशी मतलब 7 वार 9 त्योहार. यहां कोई उत्सव गीत-संगीत के बिना पूरा हो ही नहीं सकता.
बनारस ने सदियों से शास्त्रीय संगीत को सहेजकर रखा : प्रधानमंत्री ने कहा कि, चाहे घर की बैठकी हो, बुढ़वा मंगल, संगट मोचन का संगीत समारोह या देव दीपावली सब कुछ सुरों में समाया हुआ है. काशी में शास्त्रीय संगीत की जितनी गौरवशाली परंपरा है उतनी ही उद्धुत यहां के लोकगीत हैं. यहां सारंगी के सुर हैं, वीणा का वादन है, सारंगी के धुन है. कजरी जैसी विधाओं को बनारस ने सदियों से सहेजकर रखा है. पीढ़ी दर पीढ़ी परिवारों ने भारत की इस मधुर आत्मा को जीवित बनाए रखा है. बनारस का तेलिया, कबीरचौरा के संगीतज्ञों की विरासत समृद्ध रही है. बनारस के कलाकारों ने पूरे विश्व में अपनी छाप छोड़ी है. मुझे बनारस के कई आचार्यों से मिलने का और बात करने का सौभाग्य मिला है.
काशी सांसद ज्ञान प्रतियोगिता का भी आयोजन : पीएम मोदी ने कहा कि, काशी में नई परंपराओं की शुरुआत है. अब यहां पर काशी सांसद ज्ञान प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा. काशी के इतिहास, विरासत, त्योहार और खान-पान के प्रति जागरुकता बढ़ाना है. यह प्रतियोगिता बनारस के शहरी और ग्रामीण इलाकों में अलग-अलग स्तर पर आयोजित की जाएगी. काशी के बारे में सबसे ज्यादा काशी के ही लोग जानते हैं. यहां का हर व्यक्ति और परिवार काशी की ब्रांड अंबेसडर है. सभी लोग काशी के बारे में अच्छी तरह से बता सकें इसके लिए देश में पहली बार वाराणसी में कुछ शुरू करने की योजना है.
आयोजित होगी काशी सांसद टूरिस्ट गाइड की प्रतियोगिता : आजकल टूरिस्ट गाइड बड़ा रोजगार बन रहा है. गाइड को इसके लिए पैसे भी मिल रहे है. मेरी काशी सांसद टूरिस्ट गाइड की प्रतियोगिता की जाए. गाइड बनकर लोगों को समझाने के बाद इनाम भी मिलेगा. मुझे ये काम इसलिए करना है कि मेरी काशी का दुनिया में डंका बजना चाहिए. मैं चाहता हूं कि पूरी दुनिया में कही कोई गाइड की बात करे तो काशी के गाइड का नाम सम्मान से लिया जाए. सभी लोग अभी से तैयारी करें और उस प्रतियोगिता में हिस्सा लें. वाराणसी शिक्षा का भी केंद्र रहा है. यहां देश-दुनिया से आकर लोग पढ़ाई करते हैं. यहां दुनियाभर से लोग यहां ज्ञान लेने आते हैं. यहां से इसीलिए हमने अटल आवासीय विद्यालयों का लोकार्पण किया गया.
हमने शिक्षा की पुरानी व्यवस्था को बदला : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, केंद्र सरकार की तरफ से हमने जनजातीय समाज के बच्चों के लिए एकलव्य स्कूल बनाए हैं. हमने शिक्षा व्यवस्था की पुरानी सोच को बदला है. केंद्र सरकार ने पीएम श्री अभियान शुरु किया है. तत्कालीन राजनीतिक लाभ लेने का इरादा जिनका नहीं होता है और जिनके दिल दिमाग में चुनाव ही भरा होता है, उन दोनों में अंतर दिख रहा है. पैसे सभी राज्यों के पास हैं. भारत सरकार ने उन्हें छूट दे रखी है. ज्यादातर राज्य वोट के लिए पैसे खपा रहे हैं. मगर सीएम योगी ने अटल विद्यालयों का निर्माण करा दिया है. मैंने श्रमिक परिवार के बच्चों में आत्मविश्वास देखा है. मैं मानता हूं कि इन स्कूलों में से यूपी की आन-बान-शान निखरने वाली है.
इन प्रतिभागियों को पीएम मोदी के हाथों मिला पुरस्कार : काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव में एकल श्रेणी में कृष्णा मिश्रा को सितार वादन के लिए प्रथम स्थान मिला. महामाया पांडेय को ध्रुपद गायन के लिए प्रथम स्थान मिला. पूजा भट्टाचार्य को शास्त्रीय गायन में ध्रुपद गायन के लिए प्रथम स्थान मिला. सुभाष चंद्र वर्मा को ढोलक वादन में प्रथम स्थान मिला. निवेदिता पांडेय को भरतनाट्यम के लिए प्रथम पुरस्कार मिला. इसके साथ ही समूह वर्ग में श्रुति और वैष्णवी को गायन में उप शास्त्रीय गायन में प्रथम स्थान मिला. ब्रजभान समूह को जनजातीय कर्मा नृत्य में, सांभवी टंडन वर्ग को नक्कड़ नाटक में प्रथम स्थान मिला. जीवन ज्योति स्कूल समूह को भरतनाट्यम के लिए पुरस्कार मिला
यूपी में ICC के स्तर का पहला स्टेडियम बन रहा : कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि अब तक 9 साल में दुनिया ने भारत को उभरती हुई ताकत के रूप में देखा है. पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत का हर नागरिक गर्व करता है. अभिन्न योजनाएं बनाना और उन्हें क्रियान्वित करने की अद्भुत क्षमता पीएम में है. पीएम मोदी के अंदर एक अद्भुत नेतृत्व क्षमता है. ICC द्वारा बनाया जाने वाला वाराणसी और यूपी में यह पहला स्टेडियम है. समाज के अंतिम पायदान पर बैठे हुए श्रमिकों के बच्चों को अटल आवासीय योजना उपबल्ध कराई गई है. उन विद्यालयों के लोकार्पण के साथ ही उनके श्रमिकों का सम्मान किया गया. संस्कृति कर्मियों के लिए सांसद सांस्कृतिक महोत्सव अपने आप में अभिनव पहल है.
1400 बच्चों को अटल विद्यालयों में दिया गया प्रवेश : सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सांसद सांस्कृतिक महोत्सव में कलाकारों को एक नया मंच प्रदान किया गया. 18 आवासीय विद्यालयों में पहला सत्र शुरू हो गया. श्रमिकों के बच्चों के लिए इस तरीके का काम करने का काम किया गया. 1400 बच्चों को इन विद्यालयों में प्रवेश दिया गया है. इसमें बालक और बालिका के लिए स्पोर्ट्स, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षा की व्यवस्था है. कल से नए सत्र के साथ सभी बच्चे आगे बढ़ने का काम करेंगे. इसके साथ ही इन विद्यालयों में पढ़ाने वाले बच्चों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है. ये सभी शिक्षक बच्चों को पढ़ाने का काम करेंगे.
अटल आवासीय विद्यालय में मिलेगी ये सुविधा : बता दें कि अटल आवासीय विद्यालयों में बच्चों के लिए उत्तम शिक्षा की व्यवस्था होगी, प्रत्येक विद्यालय में 1000 छात्र-छात्राओं को निशुल्क आवासीय सुविधा दी जाएगी, निशुल्क भोजन और पौष्टिक आहार की व्यवस्था होगी, सीबीएसई/राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर आधारित पाठ्यक्रम होंगे, लाइब्रेरी, स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर लैब, साइंस और एस्ट्रोनॉमी लैब भी होंगे. इसके साथ ही इनडोर और आउटडोर खेलकूद की भी व्यवस्था होगी. बच्चों के करियर के परामर्श और मार्गदर्शन सत्र भी चलाए जाएंगे. वहीं, कौशल, तकनीकि, व्यावहारिक एवं मूल्य आधारित शिक्षा दी जाएगी. इसमें योग शिक्षा को भी शामिल किया जाएगा.
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