वाराणसी : आज का दिन देश के इतिहास के लिए एक बड़ा दिन है. इसकी बड़ी वजह यह है कि वाराणसी में 251 सालों के बाद बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath temple) के भव्य विश्वनाथ धाम में परिवर्तित किए जाने के संकल्प की पूर्णाहुति होने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra modi) ने 2014 में जो संकल्प लिया था वह सोमवार को पूर्ण होने जा रहा है. सोमवार सुबह 10:30 पीएम मोदी बनारस पहुंचेंगे और काल भैरव दर्शन पूजन करने के बाद लगभग डेढ़ घंटे के लिए विश्वनाथ कॉरिडोर ( Vishwanath Corridor) में होंगे.
यहां पर 15 मिनट की विशेष पूजा और फिर संतो के साथ पद्म पुरस्कार पाने वाले काशी के विशिष्ट जनों और 12 राज्यों के मुख्यमंत्री और 21 उप मुख्यमंत्रियों के साथ लगभग ढाई हजार लोगों की भीड़ को विश्वनाथ कॉरिडोर परिसर में बनाए गए मंदिर चौक में ही संबोधित करेंगे.पूरे मंदिर परिसर को दुल्हन की तरह सजाया जा चुका है. माला फूल के साथ बैठने का प्रबंध पूर्ण हो चुका है या यूं कहें तैयारी पूरी है बस पीएम मोदी के आने का इंतजार है.
दरअसल, विश्वनाथ धाम (Vishwanath dham) की भव्यता को पूर्ण करने के लिए एक के बाद एक प्रयासों को फलीभूत करते हुए अब विश्वनाथ धाम के सजावट की तैयारी भी पूरी हो चुकी है. गंगा के रास्ते ऊपर आने के बाद 24 अलग-अलग भवनों के मंदिर कॉरिडोर और से मंदिर चौक होते हुए गर्भगृह आने के रास्ते को पूरी तरह से माला फूल से सजाया जा चुका है.
रोशनी से पूरी तरह से विश्वनाथ मंदिर परिसर नहा गया है. दीपावली और देव दीपावली का अद्भुत नजारा देखने के लिए 13 दिसंबर की शाम तैयारियां पूरी कर ली गई है. पीएम के आगमन को भव्य बनाने के लिए डमरु दल शंखनाद करने के साथ ही घंटा घड़ियाल और पुजारियों की पूरी टोली तैयार हो चुकी है. मंदिर चौक में पीएम मोदी लोगों को संबोधित करेंगे. इसमें संत मोरारी बापू, बाबा रामदेव, श्रीश्री रविशंकर, शंकराचार्य समेत महामंडलेश्वर और कई अन्य विख्यात संतों की मौजूदगी रहेगी. कुल 251 संतो के साथ ही देशभर से आए विशिष्टजनों की लंबी चौड़ी टीम मौजूद रहेगी.
मंदिर परिसर के अंदर ही 12 राज्यों के मुख्यमंत्री और 21 उप मुख्यमंत्रियों को भी प्रधानमंत्री मोदी संबोधित करेंगे. पीएम मोदी लगभग 12:00 बजे यहां पर पहुंचेंगे और लगभग डेढ़ घंटे तक मंदिर परिसर में ही मौजूद रहेंगे. कॉरिडोर की भव्यता को देखने के साथ ही यहां पर लगाई गई अहिल्याबाई होल्कर भारत माता और आदि शंकराचार्य की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करने के बाद बाबा विश्वनाथ के मंदिर परिसर में प्रधानमंत्री मोदी प्रवेश करेंगे.
मंदिर परिसर को सजाया जा चुका है. काशी के पद्म पुरस्कार पाने वाले लोगों को भी आमंत्रण भेजा गया है. जिसमें पद्मश्री रजनीकांत भी शामिल हैं. जीआई प्रोडक्ट के लिए सबसे बेहतर कार्य करने वाले पद्मश्री रजनीकांत से ईटीवी भारत में खास बातचीत की.
इस दौरान उन्होंने बताया कि पीएम मोदी को तोहफे में देने के लिए कुछ खास तरह की चीजें भी तैयार की गई हैं. जिनमें वुड कार्विंग का विश्वनाथ मंदिर का मॉडल रुद्राक्ष से तैयार हुआ अंग वस्त्र और कई अन्य चीजें शामिल हैं. रजनीकांत ने बताया कि काशी के पद्म पुरस्कार पाने वाले लोगों को भी इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है. हम सभी का सौभाग्य है कि पीएम के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में विशिष्ट लोगों में हम सभी को जगह मिल रही है.
पूरे मंदिर परिसर की सजावट भी देखने लायक है, मंदिर चौक परिसर में बनाए गए प्रशासनिक भवनों के झरोखे लाल पर्दे से सजाए गए हैं, जो अपने आप में किसी महल के होने का अहसास कराने के लिए काफी हैं. चारों तरफ बनारसी गेंदे और रजनीगंधा के साथ अन्य फूलों की सजावट देखते ही बन रही है. भव्य द्वार के अंदर प्रवेश करने के बाद 251 साल पहले विश्वनाथ मंदिर की पुनर्स्थापना करने वाली इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होलकर (Queen Ahilyabai Holkar) की प्रतिमा कुछ आगे बढ़ने पर भारत माता की प्रतिमा और फिर गंगा तट के निकट आदि शंकराचार्य की प्रतिमा (Statue of Adi Shankaracharya) को स्थापित किया जा चुका है.
काले रंग की पत्थर की प्रतिमाओं की सुंदरता अद्भुत है. हाथ में तिरंगा झंडा लिए भारत माता की प्रतिमा शायद पूरे देश में ही नहीं बल्कि विश्व में इकलौती ऐसी प्रतिमा है जो किसी धार्मिक स्थल पर स्थापित की गई है. विश्वनाथ धाम में भारत माता की प्रतिमा लगाने से पूरे परिसर में एक भक्तिमय माहौल भी नजर आ रहा है.
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इतना ही नहीं वह 24 भवन भी सज-धज कर तैयार हो गए हैं जो इस पूरे मंदिर परिसर में सबसे खास होने वाले हैं. ईटीवी भारत (ETV Bharat) की टीम ने इन भवनों का भी जायजा लिया. इनमें सबसे महत्वपूर्ण भवन माना जा रहा है बनारस आर्ट गैलरी, जहां पर प्रवेश करने के साथ ही इसकी भव्यता आपको साफ तौर पर नजर आ जाएगी.
यहां अंदर 3D प्रिंटिंग के साथ अहिल्याबाई होल्कर का भव्य स्केच विश्वनाथ धाम शिखर का भव्य स्केच और काशी की अलग अलग संस्कृति को दर्शाती हुई पेंटिंग बनाई गई है. यह 3D पेंटिंग दीवार पर इस तरह महसूस हो रही है जैसे सामने चीजें मौजूद हैं. इस भवन के अंदर एक से बढ़कर एक बनारस की संस्कृति सभ्यता संगीत को विजुअल और ऑडियो के जरिए प्रदान करने की तैयारी की जा रही है.
24 भवन जो बनकर तैयार हुए हैं उनमें गेस्ट हाउस, यात्री सुविधा केंद्र, पर्यटक सुविधा केंद्र, बुक स्टॉल, पुजारियों के रहने के लिए आवास, वैदिक केंद्र, योग केंद्र, भोग शाला, वाराणसी गैलरी, सिटी म्यूजियम और सबसे महत्वपूर्ण मुमुक्षु भवन शामिल है. इतना ही नहीं एक आध्यात्मिक पुस्तक केंद्र भी बनाया गया है जहां पर गीता प्रेस से जुड़े पुराण सनातन धर्म की सभी महत्वपूर्ण किताबें और अन्य चीजें मौजूद रहेंगी.
पूरे कॉरिडोर को लाल पत्थरों से तैयार किया गया है, जिसकी भव्यता देखते ही बन रही है. वृद्ध और दिव्यांगों के लिए एस्केलेटर और लिफ्ट की व्यवस्था भी की गई है. फिलहाल. पूरा कॉरिडोर भव्यता के साथ सज-धज कर तैयार हो चुका है. पीएम के आगमन के इंतजार के साथ ही सोमवार सुबह पूरे कॉरिडोर को एसपीजी अपने कब्जे में ले लेगी. जिसके बाद यहां आम लोगों के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया जाएगा. आम लोग 14 दिसंबर की दोपहर बाद से विश्वनाथ कॉरिडोर में दर्शन पूजन और इसका अवलोकन कर सकते हैं.