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पीएम मोदी कल राजस्थान के दौरे पर आएंगे, नाथद्वारा में श्रीनाथजी के दर्शन और जनसभा को करेंगे संबोधित

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Published : May 9, 2023, 11:10 AM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल 10 मई को राजस्थान के दौरे पर आएंगे व आबूरोड़ के मानपुर में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे. इस दौरान पीएम मोदी नाथद्वारा में श्रीनाथजी दर्शन व एक जनसभा कर सकते है.

नाथद्वारा में श्रीनाथजी के दर्शन
नाथद्वारा में श्रीनाथजी के दर्शन

नाथद्वारा (उदयपुर). प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल 10 मई को राजस्थान के दौरे पर आएंगे व आबूरोड़ के मानपुर में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे. इस दौरान पीएम मोदी नाथद्वारा में स्थित श्रीनाथजी के दर्शन के लिए भी जाएंगे. पीएम मोदी जनसभा से पूर्व मावली मारवाड़ ब्रॉडगेज लाइन व उदयपुर रेलवे स्टेशन के नवीनीकरण कार्य का शिलान्यास करेंगे ओर भी कई योजनाओं का ऐलान कर सकते हैं. इस दौरान नाथद्वारा स्थित श्रीनाथजी के मंदिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुँच रहे है, जानें क्या है इस मंदिर का इतिहास, कब व कैसे यहां पहुँचे भगवान, कोन कोन सी हस्तियां अब तक कर चुकी है दर्शन..

राजस्थान के राजसमंद जिले के नाथद्वारा तहसील में स्थित श्रीनाथजी मंदिर में बाल स्वरूप की सेवा होती है. झीलों की नगरी उदयपुर से यह मंदिर 45 किलोमीटर दूर है, वल्लभ सम्प्रदाय की प्रधान पीठ श्रीनाथजी मंदिर स्थित है, भगवान के अन्योर जतीपुरा से यहां तक आने का इतिहार भी बेहद रोचक है.

नाथद्वारा मंदिर का इतिहास : मुगल शासक औरंगजेब ने अपने शासनकाल में मंदिरों को तोड़ने के आदेश दिए थे और अनेक मंदिरों की तोडफ़ोड़ करते हुए जब मुगल सेना साथ मथुरा के जतीपुरा में श्रीनाथजी के मंदिर को तोड़ने पहुँची इससे पूर्व श्रीनाथजी के विग्रह को तत्कालीन मुख्य पुजारी तिलकायत महाराज बैलगाड़ी में विराजित कर वहां से ले आये. उनके बाद मथुरा से आगरा, जोधपुर, कोटा होते हुए उदयपुर ओर फिर राजसमंद पहुँचे जहां सिंहाड़ ग्राम में उनकी बैलगाड़ी का पहिया रुक गया तो मेवाड़ के राजा राणा राजसिंह ने यहीं विराजित होने का न्यौता दिया. साथ ही विग्रह की रक्षा करने का वादा किया. जिसके बाद आज से करीब 350 वर्ष पूर्व श्रीनाथजी को सिंहाड़ में मंदिर बना कर विराजित किया गया ओर नगर को नाथद्वारा का नाम दिया गया.

अंबानी परिवार की श्रीनाथजी में है गहरी आस्था : मुकेश अंबानी, अमित शाह, अमिताभ बच्चन, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व राष्ट्रपति डॉ शंकर दयाल शर्मा सहित देश की तमाम बड़ी हस्तियां यहां दर्शन के लिए आती रही है. कुछ समय पूर्व ही मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी और उनकी मंगेतर राधिका मर्चेंट ने श्रीनाथजी मंदिर में ही रोका सेरेमनी की थी.

यह रहता है सेवा का क्रम : श्रीनाथजी मंदिर में प्रतिदिन 8 दर्शन होते है, सुबह से शाम तक यहां पर मंगल, श्रृंगार, ग्वाल, राजभोग, उत्थापन, भोग, संध्या आरती, शयन कुल 8 झांकी के दर्शन होते हैं.
बाल स्वरूप होने से श्रीजी को सुबह उठाने से लेकर शाम को सुलाने तक कि पूरी प्रक्रिया एक बालक की तरह सेवा पूजा की जाती है.

जन्माष्टमी पर दी जाती है 21 तोपों की सलामी : यहां पर जन्माष्टमी का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. यह भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां कृष्ण जन्म पर 21 तोपों की सलामी दी जाती है, इसके साथ ही होली, दीपावली प्रमुख रूप से मनाया जाता है ओर पूरे महीने महीने भर तक उत्सव जारी रहता है.

देश के अमीर मंदिरों में से एक : श्रीनाथजी मंदिर पुष्टिमार्गीय वैष्णव सम्प्रदाय की प्रधान पीठ है, यहां अधिकांश वैष्णव संप्रदाय के भक्त आते है, जो गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश सहित अन्य राज्यों से आते है ओर यह मंदिर शिर्डी स्थित सांईबाबा, तिरुपति स्थित बालाजी और मुंबई स्थित सिद्धी विनायक मंदिर जैसे भारत के सबसे अमीर मंदिरों की श्रेणी में आता है.

नाथद्वारा (उदयपुर). प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल 10 मई को राजस्थान के दौरे पर आएंगे व आबूरोड़ के मानपुर में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे. इस दौरान पीएम मोदी नाथद्वारा में स्थित श्रीनाथजी के दर्शन के लिए भी जाएंगे. पीएम मोदी जनसभा से पूर्व मावली मारवाड़ ब्रॉडगेज लाइन व उदयपुर रेलवे स्टेशन के नवीनीकरण कार्य का शिलान्यास करेंगे ओर भी कई योजनाओं का ऐलान कर सकते हैं. इस दौरान नाथद्वारा स्थित श्रीनाथजी के मंदिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुँच रहे है, जानें क्या है इस मंदिर का इतिहास, कब व कैसे यहां पहुँचे भगवान, कोन कोन सी हस्तियां अब तक कर चुकी है दर्शन..

राजस्थान के राजसमंद जिले के नाथद्वारा तहसील में स्थित श्रीनाथजी मंदिर में बाल स्वरूप की सेवा होती है. झीलों की नगरी उदयपुर से यह मंदिर 45 किलोमीटर दूर है, वल्लभ सम्प्रदाय की प्रधान पीठ श्रीनाथजी मंदिर स्थित है, भगवान के अन्योर जतीपुरा से यहां तक आने का इतिहार भी बेहद रोचक है.

नाथद्वारा मंदिर का इतिहास : मुगल शासक औरंगजेब ने अपने शासनकाल में मंदिरों को तोड़ने के आदेश दिए थे और अनेक मंदिरों की तोडफ़ोड़ करते हुए जब मुगल सेना साथ मथुरा के जतीपुरा में श्रीनाथजी के मंदिर को तोड़ने पहुँची इससे पूर्व श्रीनाथजी के विग्रह को तत्कालीन मुख्य पुजारी तिलकायत महाराज बैलगाड़ी में विराजित कर वहां से ले आये. उनके बाद मथुरा से आगरा, जोधपुर, कोटा होते हुए उदयपुर ओर फिर राजसमंद पहुँचे जहां सिंहाड़ ग्राम में उनकी बैलगाड़ी का पहिया रुक गया तो मेवाड़ के राजा राणा राजसिंह ने यहीं विराजित होने का न्यौता दिया. साथ ही विग्रह की रक्षा करने का वादा किया. जिसके बाद आज से करीब 350 वर्ष पूर्व श्रीनाथजी को सिंहाड़ में मंदिर बना कर विराजित किया गया ओर नगर को नाथद्वारा का नाम दिया गया.

अंबानी परिवार की श्रीनाथजी में है गहरी आस्था : मुकेश अंबानी, अमित शाह, अमिताभ बच्चन, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व राष्ट्रपति डॉ शंकर दयाल शर्मा सहित देश की तमाम बड़ी हस्तियां यहां दर्शन के लिए आती रही है. कुछ समय पूर्व ही मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी और उनकी मंगेतर राधिका मर्चेंट ने श्रीनाथजी मंदिर में ही रोका सेरेमनी की थी.

यह रहता है सेवा का क्रम : श्रीनाथजी मंदिर में प्रतिदिन 8 दर्शन होते है, सुबह से शाम तक यहां पर मंगल, श्रृंगार, ग्वाल, राजभोग, उत्थापन, भोग, संध्या आरती, शयन कुल 8 झांकी के दर्शन होते हैं.
बाल स्वरूप होने से श्रीजी को सुबह उठाने से लेकर शाम को सुलाने तक कि पूरी प्रक्रिया एक बालक की तरह सेवा पूजा की जाती है.

जन्माष्टमी पर दी जाती है 21 तोपों की सलामी : यहां पर जन्माष्टमी का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. यह भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां कृष्ण जन्म पर 21 तोपों की सलामी दी जाती है, इसके साथ ही होली, दीपावली प्रमुख रूप से मनाया जाता है ओर पूरे महीने महीने भर तक उत्सव जारी रहता है.

देश के अमीर मंदिरों में से एक : श्रीनाथजी मंदिर पुष्टिमार्गीय वैष्णव सम्प्रदाय की प्रधान पीठ है, यहां अधिकांश वैष्णव संप्रदाय के भक्त आते है, जो गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश सहित अन्य राज्यों से आते है ओर यह मंदिर शिर्डी स्थित सांईबाबा, तिरुपति स्थित बालाजी और मुंबई स्थित सिद्धी विनायक मंदिर जैसे भारत के सबसे अमीर मंदिरों की श्रेणी में आता है.

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