नई दिल्ली : देश को सेमीकंडक्टर और माइक्रोप्रोसेसर निर्माण का हब बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बेंगलुरु में तीन दिवसीय उद्योग सम्मेलन सेमीकॉनइंडिया का उद्घाटन करेंगे. भारत की आईटी राजधानी बेंगलुरु में आयोजित होने वाले तीन दिवसीय कार्यक्रम का उद्देश्य वैश्विक सेमीकंडक्टर हब बनाने के लिए देश में चिप डिजाइन और विनिर्माण के लिए लॉन्चिंग-पैड तैयार करना है.
अधिकारियों के अनुसार, इस कार्यक्रम में उद्योग संघों, अनुसंधान संगठनों, शिक्षा और उद्योग के प्रमुख हस्तियां भारत को सेमीकंडक्टर के हब बनाने के अवसरों, इसकी चुनौतियों और अभिनव समाधानों पर चर्चा करेंगे. जो भारत में सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में तेजी लाने में मददगार सावित होगी. इस तीन दिवसीय आयोजन की थीम है- भारत के सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र का प्रमोशन करना है. इसमें भारत और विदेशों में सेमीकंडक्टर और माइक्रोप्रोसेसर उद्योग जगत के कुछ बड़े नामों के जुड़ने की उम्मीद है. इनमें इंडो-यूएस वेंचर पार्टनर्स के विनोद धाम, माइक्रोन टेक्नोलॉजी के अध्यक्ष और सीईओ संजय मेहरोत्रा, इंटेल फाउंड्री सर्विसेज के अध्यक्ष रणधीर ठाकुर और इंटेल इंडिया के कंट्री हेड निवृति राय शामिल हैं.
सेमीकॉनइंडिया सम्मेलन 2022: अधिकारियों ने कहा कि सम्मेलन भारत सेमीकंडक्टर मिशन को साकार करने और विश्व स्तर पर इसकी आकांक्षाओं को हासिल करने की दिशा में पहला कदम है. यह आयोजन वर्तमान क्षमताओं, प्रौद्योगिकी रुझानों, अनुसंधान और विकास में निवेश, भारत में वर्तमान और भावी बाजार के अवसरों और वैश्विक स्तर पर पैदा होने वाली अपार संभावनाओं और प्रभाव को प्रदर्शित करने में मदद करेगा. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, रेलवे और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर तीन दिवसीय सम्मेलन में भाग लेंगे. जो अनुकूल विकास वातावरण के लिए नीति, प्रतिभा और सरकार की भूमिका और प्रयासों से लोगों को अवगत कराएंगे.
सेमीकॉनइंडिया सम्मेलन 2022 के लिए संचालन समिति में स्टार्टअप, अकादमिक और वैश्विक उद्योग जगत के लीडर भाग लेंगे. जो भारत के सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण महत्वाकांक्षाओं को गति प्रदान करने के लिए सरकार के सहयोगात्मक नीति पर चर्चा करेंगे. यह सम्मेलन भारत की सेमीकंडक्टर रणनीति और नीति के औपचारिक लॉन्च पैड की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा. जो भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण के क्षेत्र में एक वैश्विक हब बनाने की दिशा में एक पहल है.
भारत के सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र के प्रमोशन के साथ साथ देश को दुनिया के सेमीकंडक्टर मानचित्र पर स्थापित करेगी. इसके साथ ही एक जीवंत अर्धचालक डिजाइन और विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र की स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सावित होगा. वैश्विक सेमीकंडक्टर कॉन्क्लेव भारतीय स्टार्टअप्स द्वारा नवाचार, शैक्षणिक संस्थानों द्वारा शुरू की गई प्रमुख परियोजनाओं, सरकार द्वारा किए जा रहे माइक्रोप्रोसेसर कार्यक्रमों और इस क्षेत्र में अनुसंधान और विकास (R&D) की बौद्धिक शक्ति का प्रदर्शन भी करेगा. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने देश को ओपन सोर्स माइक्रोचिप आर्किटेक्चर के लिए एक प्रतिभा केंद्र बनाने के लिए एक डिजिटल इंडिया RISC-V (जोखिम-पांच) कार्यक्रम शुरू किया था. जिसका उपयोग करके IIT ने 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर SHAKTI बनाया है और वहीं सी-डैक द्वारा विकसित 64-बिट माइक्रोप्रोसेसर VEGA बनाया है.
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