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पीएम मोदी 5 जनवरी को करेंगे कोच्चि-मंगलुरु गैस पाइपलाइन का उद्घाटन - एक देश एक गैस ग्रिड

यह पाइपलाइन घरों को पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) के रूप में पर्यावरण के अनुकूल और किफायती ईंधन की सप्लाई करेगी और परिवहन क्षेत्र को संकुचित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) देगी.

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पीएम मोदी
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Published : Jan 4, 2021, 9:12 AM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोच्चि-मंगलुरू प्राकृतिक गैस पाइपलाइन मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से देश को समर्पित करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय ने रविवार को बयान जारी कर बताया कि यह 'एक देश, एक गैस ग्रिड' के निर्माण में महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी. 450 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन का निर्माण गेल (भारत) लिमिटेड ने किया है.

पीएमओ ने बताया कि इसके पास प्रति दिन 12 मिलियन मीट्रिक स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर की परिवहन क्षमता है और यह कोच्चि में तरलीकृत प्राकृति गैस टर्मिनल से मंगलुरू तक प्राकृतिक गैस ले जाएगा. यह एर्णाकुलम, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझिकोड, कन्नूर और कासरगोड जिलों से गुजरेगा.

पढ़ें : सोमवार को नेशनल मेट्रोलॉजी कॉन्क्लेव को संबोधित करेंगे प्रधानमंत्री मोदी

परियोजना की पूरी लागत करीब 3000 करोड़ रुपये है और इसके निर्माण से 12 लाख श्रम दिवस रोजगार का सृजन हुआ. पाइपलाइन से पर्यावरण हितैषी और सस्ता ईंधन घरों में पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) के रूप में मिलेगा और परिवहन क्षेत्र को कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) मिलेगी. बयान में बताया गया कि यह पाइपलाइन जिन जिलों से गुजरेगी वहां व्यावसायिक एवं औद्योगिक इकाइयों को प्राकृतिक गैस मिलेगी. बयान में कहा गया कि स्वच्छ ईंधन के उपभोग से वायु प्रदूषण कम होगा, जिससे वायु की गुणवत्ता में सुधार आएगा.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोच्चि-मंगलुरू प्राकृतिक गैस पाइपलाइन मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से देश को समर्पित करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय ने रविवार को बयान जारी कर बताया कि यह 'एक देश, एक गैस ग्रिड' के निर्माण में महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी. 450 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन का निर्माण गेल (भारत) लिमिटेड ने किया है.

पीएमओ ने बताया कि इसके पास प्रति दिन 12 मिलियन मीट्रिक स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर की परिवहन क्षमता है और यह कोच्चि में तरलीकृत प्राकृति गैस टर्मिनल से मंगलुरू तक प्राकृतिक गैस ले जाएगा. यह एर्णाकुलम, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझिकोड, कन्नूर और कासरगोड जिलों से गुजरेगा.

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परियोजना की पूरी लागत करीब 3000 करोड़ रुपये है और इसके निर्माण से 12 लाख श्रम दिवस रोजगार का सृजन हुआ. पाइपलाइन से पर्यावरण हितैषी और सस्ता ईंधन घरों में पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) के रूप में मिलेगा और परिवहन क्षेत्र को कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) मिलेगी. बयान में बताया गया कि यह पाइपलाइन जिन जिलों से गुजरेगी वहां व्यावसायिक एवं औद्योगिक इकाइयों को प्राकृतिक गैस मिलेगी. बयान में कहा गया कि स्वच्छ ईंधन के उपभोग से वायु प्रदूषण कम होगा, जिससे वायु की गुणवत्ता में सुधार आएगा.

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