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प्रधानमंत्री मोदी 26-28 जून तक जर्मनी और यूएई की यात्रा पर जाएंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 26 जून को जर्मनी जाएंगे. इस समय जर्मनी जी-7 की अध्यक्षता कर रहा है. उसके बाद पीएम मोदी 28 जून को यूएई की यात्रा पर जाएंगे. इस यात्रा को लेकर ईटीवी भारत ने विदेश सचिव से कुछ सवाल किए. क्या कहा उन्होंने, जानें. उनसे सवाल किया हमारी वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी ने.

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पीएम मोदी, दुनिया के दूसरे नेताओं के साथ
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Published : Jun 24, 2022, 5:11 PM IST

Updated : Jun 24, 2022, 7:15 PM IST

नई दिल्ली : जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26-27 जून को जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए शोल्स एल्माउ जायेंगे. सम्मेलन के दौरान यूक्रेन संघर्ष, हिन्द प्रशांत क्षेत्र की स्थिति, खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु सहित महत्वपूर्ण वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा होगी. विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने शुक्रवार को संवाददाताओं को यह जानकारी दी.

ईटीवी भारत ने जब विदेश सचिव विनय क्वात्रा से पूछा कि क्या भारत पर जी-7 देशों का दबाव भी होगा, खासकर रूस से तेल खरीदने के विषय पर, इसके जवाब में क्वात्रा ने कहा कि भारत जो भी फैसला ले रहा है वह हमारे हितों, ऊर्जी जरूरतों, को ध्यान में रखकर लिया जा रहा है और रूस ही नहीं दुनिया के दूसरे देशों से भारत इसी तरह खरीदता है. क्वात्रा ने कहा, 'कच्चे तेल की खरीद के लिए भारत का विचार बहुत अच्छी तरह से समझा जाता है. इसकी सभी देशों में सराहना की जाती है. मैं इसे किसी भी तरह के दबाव के रूप में नहीं देखता.'

उन्होंने आगे कहा, 'रूस-यूक्रेन की स्थिति ने दुनिया भर में खाद्य सुरक्षा संकट पैदा कर दिया है. भारत ने एक्टिव रुख अपनाया है ताकि कमजोर देशों की खाद्य सुरक्षा प्रभावित न हो, और भारत की खाद्य सुरक्षा भी प्रभावित न हो. भारत की स्थिति की सराहना की गई है.'

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी 28 जून को संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा पर जायेंगे, जहां वे यूएई के पूर्व राष्ट्रपति एवं अबू धाबी के शासक रहे शेख खलीफा बिन जायेद अल नाह्यान के निधन पर व्यक्तिगत रूप से श्रद्धांजलि देंगे.

यह पूछे जाने पर जी-7 शिखर बैठक यूक्रेन संकट के मुद्दे पर भारत का रूख क्या रहेगा, क्वात्रा ने कहा कि यूक्रेन संकट शुरू होने के समय से ही भारत का रूख स्पष्ट है कि जल्द से जल्द युद्ध विराम होना चाहिए और बातचीत एवं कूटनीति के जरिये समस्या का समाधान निकाला जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि यूक्रेन संकट के कारण खाद्य, ऊर्जा सुरक्षा से जुड़े विषयों, उत्पादों से जुड़ी मुद्रास्फीति, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बाधित होने के मुद्दों पर भारत ने विभिन्न मंचों पर अपना दृष्टिकोण स्पष्ट किया है. क्वात्रा ने कहा कि वैश्विक मंचों पर भारत का रूख भारत के हितों एवं उसके सिद्धांतों के तहत तय होता है और इसको लेकर कोई शंका या संकोच नहीं होना चाहिए.

जी-7 समूह दुनिया के सात सबसे अमीर देशों का समूह है, जिसकी अध्यक्षता अभी जर्मनी कर रहा है. इस समूह में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, ईटली, जापान और अमेरिका शामिल है. विदेश सचिव ने बताया कि जी-7 शिखर सम्मेलन का आयोजन जर्मनी की अध्यक्षता में हो रहा है, जिसमें अर्जेंटीना, इंडोनेशिया, सेनेगल, दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों को भी आमंत्रित किया गया है.

गौरतलब है कि इस बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडू सहित कई अन्य शीर्ष नेता हिस्सा ले रहे हैं. क्वात्रा ने कहा कि जर्मनी की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी दो सत्रों को संबोधित कर सकते हैं, जिसमें एक सत्र पर्यावरण, ऊर्जा, जलवायु का होगा और दूसरे सत्र में खाद्य सुरक्षा, लैंगिक समानता और लोकतंत्र जैसे विषय शामिल हैं.

इस शिखर बैठक से इतर प्रधानमंत्री सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले कुछ देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे. उल्लेखनीय है कि मोदी पिछली बार 2 मई को जर्मनी गए थे, जहां उन्होंने छठी भारत-जर्मनी अंतर सरकारी विचार विमर्श बैठक में हिस्सा लिया था. जी-7 शिखर बैठक में हिस्सा लेने के लिये प्रधानमंत्री मोदी को निमंत्रण दोनों देशों की करीबी गठजोड़ और उच्च स्तरीय राजनीतिक सम्पर्क की परंपरा के मद्देनजर दिया गया है.

विदेश सचिव ने बताया कि जर्मनी में जी-7 शिखर बैठक में हिस्सा लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 जून को संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा पर जायेंगे. प्रधानमंत्री मोदी संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा के दौरान यूएई के पूर्व राष्ट्रपति एवं अबू धाबी के शासक रहे शेख खलीफा बिन जायेद अल नाह्यान के निधन पर व्यक्तिगत श्रद्धांजलि देंगे.

प्रधानमंत्री इस दौरान यूएई के नये राष्ट्रपति एवं अबू धाबी का शासक चुने जाने पर शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाह्यान को बधाई भी देंगे. मोदी 28 जून की रात को ही यूएई से देश वापस लौटेंगे. गौरतलब है कि यूएई के पूर्व राष्ट्रपति एवं अबू धाबी के शासक रहे शेख खलीफा बिन जायेद अल नाह्यान का निधन 13 मई को हुआ था. भारत की ओर से शोक प्रकट करने के लिये उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू वहां गए थे.

ये भी पढ़ें : Presidential Election 2022: राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू ने दाखिल किया नामांकन

नई दिल्ली : जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26-27 जून को जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए शोल्स एल्माउ जायेंगे. सम्मेलन के दौरान यूक्रेन संघर्ष, हिन्द प्रशांत क्षेत्र की स्थिति, खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु सहित महत्वपूर्ण वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा होगी. विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने शुक्रवार को संवाददाताओं को यह जानकारी दी.

ईटीवी भारत ने जब विदेश सचिव विनय क्वात्रा से पूछा कि क्या भारत पर जी-7 देशों का दबाव भी होगा, खासकर रूस से तेल खरीदने के विषय पर, इसके जवाब में क्वात्रा ने कहा कि भारत जो भी फैसला ले रहा है वह हमारे हितों, ऊर्जी जरूरतों, को ध्यान में रखकर लिया जा रहा है और रूस ही नहीं दुनिया के दूसरे देशों से भारत इसी तरह खरीदता है. क्वात्रा ने कहा, 'कच्चे तेल की खरीद के लिए भारत का विचार बहुत अच्छी तरह से समझा जाता है. इसकी सभी देशों में सराहना की जाती है. मैं इसे किसी भी तरह के दबाव के रूप में नहीं देखता.'

उन्होंने आगे कहा, 'रूस-यूक्रेन की स्थिति ने दुनिया भर में खाद्य सुरक्षा संकट पैदा कर दिया है. भारत ने एक्टिव रुख अपनाया है ताकि कमजोर देशों की खाद्य सुरक्षा प्रभावित न हो, और भारत की खाद्य सुरक्षा भी प्रभावित न हो. भारत की स्थिति की सराहना की गई है.'

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी 28 जून को संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा पर जायेंगे, जहां वे यूएई के पूर्व राष्ट्रपति एवं अबू धाबी के शासक रहे शेख खलीफा बिन जायेद अल नाह्यान के निधन पर व्यक्तिगत रूप से श्रद्धांजलि देंगे.

यह पूछे जाने पर जी-7 शिखर बैठक यूक्रेन संकट के मुद्दे पर भारत का रूख क्या रहेगा, क्वात्रा ने कहा कि यूक्रेन संकट शुरू होने के समय से ही भारत का रूख स्पष्ट है कि जल्द से जल्द युद्ध विराम होना चाहिए और बातचीत एवं कूटनीति के जरिये समस्या का समाधान निकाला जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि यूक्रेन संकट के कारण खाद्य, ऊर्जा सुरक्षा से जुड़े विषयों, उत्पादों से जुड़ी मुद्रास्फीति, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बाधित होने के मुद्दों पर भारत ने विभिन्न मंचों पर अपना दृष्टिकोण स्पष्ट किया है. क्वात्रा ने कहा कि वैश्विक मंचों पर भारत का रूख भारत के हितों एवं उसके सिद्धांतों के तहत तय होता है और इसको लेकर कोई शंका या संकोच नहीं होना चाहिए.

जी-7 समूह दुनिया के सात सबसे अमीर देशों का समूह है, जिसकी अध्यक्षता अभी जर्मनी कर रहा है. इस समूह में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, ईटली, जापान और अमेरिका शामिल है. विदेश सचिव ने बताया कि जी-7 शिखर सम्मेलन का आयोजन जर्मनी की अध्यक्षता में हो रहा है, जिसमें अर्जेंटीना, इंडोनेशिया, सेनेगल, दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों को भी आमंत्रित किया गया है.

गौरतलब है कि इस बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडू सहित कई अन्य शीर्ष नेता हिस्सा ले रहे हैं. क्वात्रा ने कहा कि जर्मनी की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी दो सत्रों को संबोधित कर सकते हैं, जिसमें एक सत्र पर्यावरण, ऊर्जा, जलवायु का होगा और दूसरे सत्र में खाद्य सुरक्षा, लैंगिक समानता और लोकतंत्र जैसे विषय शामिल हैं.

इस शिखर बैठक से इतर प्रधानमंत्री सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले कुछ देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे. उल्लेखनीय है कि मोदी पिछली बार 2 मई को जर्मनी गए थे, जहां उन्होंने छठी भारत-जर्मनी अंतर सरकारी विचार विमर्श बैठक में हिस्सा लिया था. जी-7 शिखर बैठक में हिस्सा लेने के लिये प्रधानमंत्री मोदी को निमंत्रण दोनों देशों की करीबी गठजोड़ और उच्च स्तरीय राजनीतिक सम्पर्क की परंपरा के मद्देनजर दिया गया है.

विदेश सचिव ने बताया कि जर्मनी में जी-7 शिखर बैठक में हिस्सा लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 जून को संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा पर जायेंगे. प्रधानमंत्री मोदी संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा के दौरान यूएई के पूर्व राष्ट्रपति एवं अबू धाबी के शासक रहे शेख खलीफा बिन जायेद अल नाह्यान के निधन पर व्यक्तिगत श्रद्धांजलि देंगे.

प्रधानमंत्री इस दौरान यूएई के नये राष्ट्रपति एवं अबू धाबी का शासक चुने जाने पर शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाह्यान को बधाई भी देंगे. मोदी 28 जून की रात को ही यूएई से देश वापस लौटेंगे. गौरतलब है कि यूएई के पूर्व राष्ट्रपति एवं अबू धाबी के शासक रहे शेख खलीफा बिन जायेद अल नाह्यान का निधन 13 मई को हुआ था. भारत की ओर से शोक प्रकट करने के लिये उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू वहां गए थे.

ये भी पढ़ें : Presidential Election 2022: राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू ने दाखिल किया नामांकन

Last Updated : Jun 24, 2022, 7:15 PM IST
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