नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 'स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2022' के ग्रैंड फिनाले (grand finale of smart india hackathon) को संबोधित करेंगे. पीएमओ ने एक बयान में कहा कि देश में खासकर युवाओं में नवाचार (इनोवेशन) की भावना को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री का निरंतर प्रयास रहा है. पीएमओ के अनुसार, 'इस दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर, स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन (एसआईएच) की शुरुआत वर्ष 2017 में की गई थी. एसआईएच छात्रों को समाज, संगठनों और सरकार की गंभीर समस्याओं को हल करने के लिए एक मंच प्रदान करने की एक देशव्यापी पहल है. इस पहल का उद्देश्य छात्रों के बीच उत्पाद संबंधी नवाचार, समस्या-समाधान और लीक से हटकर सोचने की संस्कृति विकसित करना है.'
बयान में आगे कहा गया है कि एसआईएच की बढ़ती लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एसआईएच के लिए पंजीकृत टीमों की संख्या पहले संस्करण में लगभग 7531 से चार गुना बढ़कर वर्तमान में चल रहे पांचवें संस्करण में लगभग 29,634 हो गई है. इस वर्ष एसआईएच 2022 के ग्रैंड फिनाले में भाग लेने के लिए 15,000 से अधिक छात्र एवं संरक्षक 75 नोडल केंद्रों पर पहुंच रहे हैं. इस फिनाले में 2900 से अधिक स्कूलों और 2200 उच्च शिक्षा संस्थानों के छात्र 53 केंद्रीय मंत्रालयों द्वारा सामने रखी गई 476 समस्याओं का समाधान ढूढेंगे. हैकाथॉन में प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान के लिए पुरस्कार राशि क्रमशः 1 लाख, 75 हजार एवं 50 हजार निर्धारित की गई है. इसमें प्रत्येक प्रश्न पत्र के लिए पुरस्कार राशि निर्धारित की गई है जिसका मतलब है कि इस वर्ष छात्रों की पुरस्कार राशि के वितरण में लगभग 5 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
यह भी पढ़ें-हर घर जल उत्सव में पीएम मोदी बोले, 10 करोड़ ग्रामीण परिवार पाइप से स्वच्छ पानी की सुविधा से जुड़े
इनमें मंदिर में उत्कीर्ण शिलालेखों एवं देवनागरी लिपि में उनके अनुवादों के ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन (ओसीआर), जल्द खराब होने वाले खाद्य पदार्थों की शीत आपूर्ति श्रृंखला में आईओटी-आधारित जोखिम निगरानी प्रणाली, किसी इलाके के उच्च-रिजॉल्यूशन वाले 3डी मॉडल, आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे और सड़कों की स्थिति आदि से जुड़ी समस्याएं शामिल हैं. इस वर्ष, स्कूली छात्रों में नवाचार की संस्कृति का निर्माण करने और स्कूल के स्तर पर समस्या-समाधान का दृष्टिकोण विकसित करने के उद्देश्य से एक प्रयोग के तौर पर स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन-जूनियर की शुरुआत भी की गई है.