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मेडिकल और नर्सिंग के पास-आउट स्टूडेंट बन सकते हैं कोविड योद्धा

कोविड-19 से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेषज्ञों के साथ समीक्षा बैठक की. कोरोना से निपटने के लिए कारगर कदम उठाने पर जोर दिया. स्वास्थ्य सेवाएं और मानव संसाधन बढ़ाने पर जोर दिया.

कोरोना से लड़ाई में शामिल हो सकते हैं मेडिकल और नर्सिंग के
कोरोना से लड़ाई में शामिल हो सकते हैं मेडिकल और नर्सिंग के
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Published : May 2, 2021, 3:32 PM IST

Updated : May 2, 2021, 4:04 PM IST

नई दिल्ली : देश में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. रोज करीब पौने चार लाख मरीज सामने आ रहे हैं. हालात को देखते हुए कोविड से लड़ाई में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावी बनाने और मानव संसाधन बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समीक्षा की.

इस दौरान प्रधानमंत्री ने विशेषज्ञों के साथ ऑक्सीजन और दवा की उपलब्धता की भी समीक्षा की.

अस्पतालों में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की कमी न हो इसके भी कदम उठाने पर जोर दिया. महामारी के इस दौर में प्राइवेट डॉक्टरों की भी मदद ली जा रही है. सूत्रों का कहना है कि कोविड ड्यूटी में शामिल होने के लिए मेडिकल और नर्सिंग पाठ्यक्रमों के पास-आउट को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं.

एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के स्टूडेंट्स और नर्सिंग छात्रों की सेवाओं का उपयोग भी कोरोना से लड़ाई के लिए किया जा सकता है. एनईईटी में देरी करने से साथ एमबीबीएस पास-आउट की पढ़ाई को प्रोत्साहित किया जा सकता है ताकि कोविड ड्यूटी में शामिल हो सकें.

पढ़ें- ओडिशा सरकार ने पत्रकारों को घोषित किया 'फ्रंटलाइन कोविड वॉरियर्स'

इसके अलावा कोविड ड्यूटी करने वाले चिकित्सा कर्मियों को सरकारी भर्ती में वरीयता के साथ-साथ वित्तीय प्रोत्साहन भी दिया जा सकता है.

नई दिल्ली : देश में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. रोज करीब पौने चार लाख मरीज सामने आ रहे हैं. हालात को देखते हुए कोविड से लड़ाई में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावी बनाने और मानव संसाधन बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समीक्षा की.

इस दौरान प्रधानमंत्री ने विशेषज्ञों के साथ ऑक्सीजन और दवा की उपलब्धता की भी समीक्षा की.

अस्पतालों में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की कमी न हो इसके भी कदम उठाने पर जोर दिया. महामारी के इस दौर में प्राइवेट डॉक्टरों की भी मदद ली जा रही है. सूत्रों का कहना है कि कोविड ड्यूटी में शामिल होने के लिए मेडिकल और नर्सिंग पाठ्यक्रमों के पास-आउट को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं.

एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के स्टूडेंट्स और नर्सिंग छात्रों की सेवाओं का उपयोग भी कोरोना से लड़ाई के लिए किया जा सकता है. एनईईटी में देरी करने से साथ एमबीबीएस पास-आउट की पढ़ाई को प्रोत्साहित किया जा सकता है ताकि कोविड ड्यूटी में शामिल हो सकें.

पढ़ें- ओडिशा सरकार ने पत्रकारों को घोषित किया 'फ्रंटलाइन कोविड वॉरियर्स'

इसके अलावा कोविड ड्यूटी करने वाले चिकित्सा कर्मियों को सरकारी भर्ती में वरीयता के साथ-साथ वित्तीय प्रोत्साहन भी दिया जा सकता है.

Last Updated : May 2, 2021, 4:04 PM IST
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