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पीएम मोदी आक्रामक, कहा- विपक्ष ने सदन जैसी पवित्र जगह का प्रयोग देश की बजाय दल के लिए किया - parliament news

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर लोक सभा में चार दिनों तक चर्चा की गई. संसद में बजट सत्र के छठे दिन पीएम मोदी ने धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद दुनिया में बड़ा बदलाव आया है. पीएम मोदी ने कहा, पीएम मोदी ने लोक सभा में विपक्ष पर हमला करते हुए कहा, सदन जैसी पवित्र जगह देश के बजाय दल के लिए प्रयोग किया.

modi lok sabha
संसद में पीएम मोदी
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Published : Feb 7, 2022, 5:38 PM IST

Updated : Feb 7, 2022, 7:56 PM IST

नई दिल्ली : संसद के बजट सत्र में पीएम मोदी ने कहा कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद दुनिया में बड़ा बदलाव आया है. पीएम मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए यह बात कही. विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश की जनता इन्हें (विपक्ष) क्यों नकार रही है, इस पर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कई जगहों पर खारिज किए जाने पर भी इनका अहंकार नहीं जाता है. विपक्षी दलों पर हमलावर पीएम मोदी की बिंदुवार बातें-

  • देखिए आपका क्या हाल है, कई राज्यों ने सालों से आपको मौका नहीं दिया.
  • हम एक भी चुनाव हारते हैं, तो आप महीनों तक चर्चा करते रहते हैं.
  • फिर भी न आपका अहंकार जाता है, न आपका इको सिस्टम इसे जाने देता है.
  • वो जब दिन को रात कहें, तो तुरंत मान जाएं, नहीं मानोगे, तो वे दिन में नकाब ओढ़ लेंगे
  • जरूरत हुई, तो हकीकत को थोड़ा बहुत मड़ोड़ लेंगे, वो मगरूर है, खुद की समझ पर बेइंतहा
  • उन्हें आईना मत दिखाओ, वो आईने को भी तोड़ देंगे.

पीएम मोदी ने कहा, हम लोक तंत्र के प्रति प्रतिबद्ध रहते हैं. आलोचना जीवंत लोकतंत्र का एक आभूषण है. लेकिन अंध विरोध, ये लोक तंत्र का अनादर है. सबका प्रयास, इस भावना से भारत ने जो कुछ हासिल किया, अच्छा होता, उसे खुले मन से स्वीकार किया गया होता, उसका गौरव गान करते. बीते दो सालों से सबसे बड़ी महामारी को पूरी दुनिया झेल रही है. जिसे भारत को अतीत के आधार पर देखने की आदत है, वैसा होता, तो आज स्थिति कुछ और होती. मेड इन इंडिया के कोविड टीके दुनिया में सबसे अधिक प्रभावी है.

लोक सभा में पीएम मोदी का बयान (वीडियो भाग-एक)

कोविड वैक्सीन को भी दलगत राजनीति में ले आए
अधीर रंजन चौधरी के टोकने पर टिप्पणी करते हुए पीएम ने कहा, कोई भी टोपी पहनने की क्या जरूरत है, मैंने तो किसी का नाम नहीं लिया. अब नाम लेकर मैं बोलूंगा. कांग्रेस ने हद कर दी इस कोरोना काल में. उन्होंने कहा कि पहली लहर के दौरान जब लोगों को संदेश दिया जा रहा था कि जो जहां है, वहीं रहें, तब कांग्रेस ने मुंबई के रेल स्टेशन पर खड़े होकर मुंबई में श्रमिकों को मुफ्त में टिकट देकर कहा गया, जाओ... महाराष्ट्र में हम पर बोझ कम हो, आपने कहा कि आप बिहार- यूपी में जाकर कोरोना फैलाओ. हमारे श्रमिकों को परेशानी में धकेल दिया. तब दिल्ली की सरकार ने जीप पर माइक पर जाकर कहा, कि संकट बड़ा है, दिल्ली से जाने के लिए गाड़ियां दीं. इस कारण यूपी-उत्तराखंड-पंजाब में कोरोना अधिक फैला.

सौ साल तक सत्ता में आपको नहीं आना है
कुछ लोगों ने सोचा कि कोरोना तो मोदी की छवि को खत्म कर देगा. अगर मोदी ने वोकल फॉर लोकल कहा, तो क्या गलत बोला, यह तो गांधी का आदर्श था. मेरे शब्दों को छोड़िए, इसका अभिप्राय तो आप समझते हैं. आप गाधी के सपने को सच होते नहीं देखना चाहते हैं.

पीएम ने कहा, कोरोना के दौरान योग ने अपनी जगह बनाई. लेकिन आपने योग का भी विरोध कर दिया. फिट इंडिया मूवमेंट का भी विरोध किया. इससे तो युवाओं को ही फायदा होता है. फिर भी विरोध कर दिया. आपने मन बना लिया है कि अब सौ साल तक सत्ता में नहीं आना है. इसलिए मैंने भी तैयारी कर ली है.

लोक सभा में पीएम मोदी का बयान (वीडियो भाग-दो)

कृषि एक्सपोर्ट ऐतिहासिक
दुनिया के दूसरे लोगों से आपने और आपके इको सिस्टम ने ऐसी बातें आपने बुलवा ली, कि पता नहीं आप क्या चाहते थे. मेरी समझ से ज्यादा मेरा समर्पण था. हमने ऐसा कर दिखाया. आज सबको मानता है कि भारत का कदम सही था. दुनिया की बड़ी इकोनोमी में तेजी से बढ़ती हुई व्यवस्था में भारत शामिल है. इस देश ने भूख से इस दौरान किसी को मरने नहीं दिया. कृषि एक्सपोर्ट ऐतिहासिक है. मोबाइल फोन एक्सपोर्ट बढ़ा है. डिफेंस एक्सपोर्ट (आत्मनिर्भर भारत की बदौलत) अपनी पहचान बना रहा है.

एफडीआई रिकार्ड स्तर पर आ रहा है. क्योंकि हमने अपने कर्तव्य पर काम किया. एमसएमई समेत हर उद्योग को जरूरी सपोर्ट मिला. सप्लाई चैन चरमरा गई थी दुनिया में. फर्टिलाइजर पर संकट आ गया था. लेकिन हमने किसानों को पीड़ा झेलने पर मजबूर नहीं किया.

पीढ़ियों से जिन्हें महलों में बैठने की आदत है, वे छोटे किसानों से नफरत करते हैं. आप उनके लिए रोड़े अटकाते हैं. उन्हें मजबूत बनाना होगा. ग्रामीण व्यवस्था तभी मजबूत होती. वे आधुनिक कृषि करेंगे, तभी आर्थिक वृद्धि होगी.

21वीं सदी के अनुरूप हमें बदलाव लाने की जरूरत है. फ्रेट कॉरिडोर- 2006-14 तक कोई प्रगति नहीं. यूपी में सरयू नहर परियोजना 1970 में शुरू हुई थी. इसे हमारी सरकार ने पूरा किया. यूपी का अर्जुन डैम परियोजना 2009 में शुरू हुआ, इसे हमने पूरा किया. चारधाम को ऑलवेदर सड़कों से जोड़़ सकते थे. वाटर-वे पर हम काम कर रहे हैं. गोरखपुर का फर्टिलाइजर कारखाना हमने फिर से शुरू किया. आप फाइल में खोए रहे, हम लाइफ बदलने में जुटे रहे. पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान का उद्देश्य देखिए. मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम को मजबूत कर रहे हैं. नेशनल हाइवे, रेलवे का बिजलीकरण हो रहा है, एयरपोर्ट बन रहा है. गांवों में ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क पहुंच रहा है. ये सभी रोजगार बढ़ाने वाले काम हैं.

सरकार ही भाग्य विधाता, यह सोच बदलनी है
एमएसएमई की परिभाषा में हमने बदलाव किया. छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिल रहा है. एसबीआई का स्टडी कहता है कि इस बदलाव के कारण 13.5 लाख एमएसएमई बच गया. स्वनिधि योजना, स्ट्रीट वेंडर योजना से उन्हें फायदा मिल रहा है. गरीब श्रमिकों के लिए दो लाख करोड़ से ज्याद हमने खर्च किया. मुद्रा योजना से सीधे पैसा मिलता है. स्पेस, डिफेंस, माइनिंग में निजी क्षेत्रों को आमंत्रित किया गया है. सिंपल टैक्स सिस्टम की शुरुआत की गई है. लेवल प्लेइंग फील्ड हम उपलब्ध करवा रहे हैं. सरकार ही भाग्य विधाता है, इस सोच को बदलना है. 500 स्टार्ट अप था, 2014 से पहले. अब 60 हजार स्टार्ट अप काम कर रहे हैं. हम इस मामले में दुनिया में तीसरे स्थान पर चले आए हैं.

कांग्रेस पर तीखा हमला
आपने देश के लिए उद्यमियों को कोरोना का वैरिएंट बता दिया. इससे कांग्रेस का ही नुकसान हो रहा है. इतिहास से सबक नहीं लेंगे, तो इतिहास में खो जाएंगे. 1960-80 के बीच कांग्रेस वाले नेहरू-इंदिरा की सरकार को कई लोग कहते थे कि ये तो टाटा-बिड़ला की सरकार है. मेक इन इंडिया हो ही नहीं सकता है, ऐसा कोई हिंदुस्तान के लिए कैसे सोच सकते हैं.

लेकिन आज आप मजाक का विषय बन गए हैं. इस योजना से आप लोगों को तकलीफ हो रही है. क्योंकि कमीशन के रास्ते, भ्रष्टाचार के रास्ते, तिजोरी भरने के रास्ते बंद हो चुके हैं. आप लघु उद्योमियों का अपमान कर रहे हैं. इनोवेटिव क्षमता का अपमान कर रहे हैं. खुद निराश हैं, असफल हैं, इसलिए विरोध कर रहे हैं आप.

डिफेंस में- खरीददारी के लिए लंबी प्रक्रिया अपनाई जाती थी. उसके बाद वह मशीन ही पुरानी हो जाती थी. इसे हमने खत्म कर दिया. इक्विपमेंट के लिए दूसरे देशों की ओर देखते थे. स्पेयर्स पार्ट के लिए भी हम दूसरे देशों पर निर्भर रहते थे. इससे देश की सुरक्षा सुनिश्चि नहीं हो सकती है. इसलिए रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना जरूरी है.

महंगाई पर बयान
यूपीए के आखिरी कार्यकाल में देश को डबल डिजिट महंगाई देखने को मिलीं. खुद सरकार मानती थी कि महंगाई उनके नियंत्रण से बाहर है. 2011 में वित्त मंत्री ने कहा था- महंगाई कम करने के लिए किसी अलाउद्दीन के जादू की उम्मीद न करें. चिदंबरम कहते थे- 2012 में...15 रुपये के पानी और 20 रु. के आइस्क्रीम खरीदने में दिक्कत नहीं होती, लेकिन गेंहू के दाम एक रुपये बढ़ जाएं, तो चिंतता होने लगती है. ये थी आपकी सरकार.

हमने जरूरी चीजों की कीमत पर नियंत्रण रखा. कीमत आसमान न छुए, इसे सुनिश्चित किया. कांग्रेस के समय मंहगाई दर 10 फीसदी से ज्यादा थी, 2014-20 के दौरान महंगाई दर पांच फीसदी से कम रही. इस समय भी 5 फीसदी के आसपास है. फूड इन्फ्लेशन 3 फीसदी के आसपास है.

यह भी पढ़ें- parliament day five : धन्यवाद प्रस्ताव पर लोक सभा में चर्चा, अधीर रंजन का तीखा हमला

महंगाई को लेकर नेहरू ने क्या कहा, लाल किले से, उसे बताते हैं. कभी कभी कोरिया में लड़ाई हमें प्रभावित करती है. इसके चलते वस्तुओं की कीमतें बढ़ जाती हैं. और यह हमारे नियंत्रण से भी बाहर हो जाती हैं. अगर अमेरिका में कुछ हो जाता है, तो इसका इसर वस्तुओं की कीमत पर पड़ता है. आज आप होते, तो यह कहते कि कोरोना के कारन महंगाई बढ़ रही है. आज अमेरिका, ओईसीडी में महंगाई सात फीसदी है. लेकिन फिर भी हम दूसरे देशों पर ठीकरा नहीं फोड़ते हैं.

गरीबी पर सरकार संवेदनशील
आप 44 सीटों पर आकर सिमट गए. 1971 से गरीबी हटाओ के नारे पर आप जीतते आ रहे थे. बाद में कांग्रेस ने नई परिभाषा दे दी. (कुछ लोग, (राहुल), भाग जाते हैं, और झेलना ऐसे लोगों (अधीर रंजन चौधरी) को पड़ता है.) 2013 में यूपीए ने कहा- कि 17 करोड़ लोग अमीर बन गए. समझिए, क्या किया उन्होंने. बेसिक नॉर्म्स ही बदल दिए.

नेशन वर्सेस यूनियन ऑफ स्टेट्स
राष्ट्रीय विरासत- क्या बिना राष्ट्र के विरासत संभव है. हमारे संविधान में राष्ट्र शब्द नहीं आता है. ऐसा कहा गया. लेकिन क्या वह नहीं जानते हैं, कि यह संविधान की प्रस्तावना में लिखा है. अंग्रेज चले गए, कांग्रेस आज टुकड़े-टुकड़े गैंग की लीडर बन गई है. उनके डीएनए में बांट करो शासन करो की नीति अपना ली है. यहां अनुशासनहीनता कर हमें रोकना चाहते हैं.

यह भी पढ़ें- लोकसभा में राहुल का मोदी-शाह पर तीखा हमला, बताया- 'किंग' की तरह कर रहे शासन

मुझे कहा गया कि पीएम कर्तव्य की बात क्यों करते हैं
खुद को लाइम लाइट में रहने के लिए कुछ लोग कुछ भी बोल देते हैं. कांग्रेस का गेम प्लान समझिए. आप कहते रहते हैं कि मोदी नेहरू का नाम क्यों नहीं लेते हैं. अब सुनिए. नेहरू-ने कहा था... आजाद हिंदुस्तान है, हम इस सालगिरह को मनाते हैं, लेकिन आजादी के साथ जिम्मेदारी भी होती है. जिम्मेदारी हरेक आजाद शख्स की होती है, आप इसे महसूस नहीं करते, तब पूरी तौर पर आप आजादी के माने नहीं समझे, आप आजादी को पूरी तौर पर बचा नहीं सकते हैं. क्या कांग्रेस वाले इसे भी भूल गए. इसी कर्तव्य की तो बात मैंने कही, तो सवाल क्यों उठा रहे हैं.

इससे पहले पीएम मोदी ने लता मंगेशकर के निधन पर शोक जताया. गौरतलब है कि पीएम मोदी के बयान से पहले लता मंगेशकर के निधन पर लोक सभा स्पीकर ने शोक संतप्त परिवार और लता जी के प्रशंसकों के प्रति संवेदना प्रकट की. बता दें कि लता मंगेशकर का रविवार को मुबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया था. वह 92 वर्ष की थीं. मुंबई में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.

यह भी पढ़ें- भारत रत्न लता मंगेशकर को लोक सभा में दी गई श्रद्धांजलि

इससे पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चार दिनों तक चर्चा की गई. गत शुक्रवार को लोक सभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोक सभा में पीएम मोदी की मौजूदगी में भाजपा नेताओं पर कटाक्ष किया था. उन्होंने कहा कि जितना टाइम मोदी-मोदी करने में लगाया, अगर वैसे ही भगवान राम का नाम लिया होता तो खुद भगवान राम यहां उतर आते.

यह भी पढ़ें- 'समर्थकों ने जितनी बार मोदी-मोदी कहा, अगर राम का नाम लेते तो वे खुद उतर आते'

पीएम मोदी के समर्थकों को साइकोफैंट्स (sycophants) बताते हुए अधीर रंजन ने कहा, तीन दिन से लोक सभा में चर्चा हो रही है. जितनी बार मोदी-मोदी-मोदी का उच्चारण किया गया, मुझे लगता है कि उतनी बार राम-राम-राम सही ढंग से पुकारा होता तो खुद भगवान राम संसद में उतर आते.

नई दिल्ली : संसद के बजट सत्र में पीएम मोदी ने कहा कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद दुनिया में बड़ा बदलाव आया है. पीएम मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए यह बात कही. विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश की जनता इन्हें (विपक्ष) क्यों नकार रही है, इस पर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कई जगहों पर खारिज किए जाने पर भी इनका अहंकार नहीं जाता है. विपक्षी दलों पर हमलावर पीएम मोदी की बिंदुवार बातें-

  • देखिए आपका क्या हाल है, कई राज्यों ने सालों से आपको मौका नहीं दिया.
  • हम एक भी चुनाव हारते हैं, तो आप महीनों तक चर्चा करते रहते हैं.
  • फिर भी न आपका अहंकार जाता है, न आपका इको सिस्टम इसे जाने देता है.
  • वो जब दिन को रात कहें, तो तुरंत मान जाएं, नहीं मानोगे, तो वे दिन में नकाब ओढ़ लेंगे
  • जरूरत हुई, तो हकीकत को थोड़ा बहुत मड़ोड़ लेंगे, वो मगरूर है, खुद की समझ पर बेइंतहा
  • उन्हें आईना मत दिखाओ, वो आईने को भी तोड़ देंगे.

पीएम मोदी ने कहा, हम लोक तंत्र के प्रति प्रतिबद्ध रहते हैं. आलोचना जीवंत लोकतंत्र का एक आभूषण है. लेकिन अंध विरोध, ये लोक तंत्र का अनादर है. सबका प्रयास, इस भावना से भारत ने जो कुछ हासिल किया, अच्छा होता, उसे खुले मन से स्वीकार किया गया होता, उसका गौरव गान करते. बीते दो सालों से सबसे बड़ी महामारी को पूरी दुनिया झेल रही है. जिसे भारत को अतीत के आधार पर देखने की आदत है, वैसा होता, तो आज स्थिति कुछ और होती. मेड इन इंडिया के कोविड टीके दुनिया में सबसे अधिक प्रभावी है.

लोक सभा में पीएम मोदी का बयान (वीडियो भाग-एक)

कोविड वैक्सीन को भी दलगत राजनीति में ले आए
अधीर रंजन चौधरी के टोकने पर टिप्पणी करते हुए पीएम ने कहा, कोई भी टोपी पहनने की क्या जरूरत है, मैंने तो किसी का नाम नहीं लिया. अब नाम लेकर मैं बोलूंगा. कांग्रेस ने हद कर दी इस कोरोना काल में. उन्होंने कहा कि पहली लहर के दौरान जब लोगों को संदेश दिया जा रहा था कि जो जहां है, वहीं रहें, तब कांग्रेस ने मुंबई के रेल स्टेशन पर खड़े होकर मुंबई में श्रमिकों को मुफ्त में टिकट देकर कहा गया, जाओ... महाराष्ट्र में हम पर बोझ कम हो, आपने कहा कि आप बिहार- यूपी में जाकर कोरोना फैलाओ. हमारे श्रमिकों को परेशानी में धकेल दिया. तब दिल्ली की सरकार ने जीप पर माइक पर जाकर कहा, कि संकट बड़ा है, दिल्ली से जाने के लिए गाड़ियां दीं. इस कारण यूपी-उत्तराखंड-पंजाब में कोरोना अधिक फैला.

सौ साल तक सत्ता में आपको नहीं आना है
कुछ लोगों ने सोचा कि कोरोना तो मोदी की छवि को खत्म कर देगा. अगर मोदी ने वोकल फॉर लोकल कहा, तो क्या गलत बोला, यह तो गांधी का आदर्श था. मेरे शब्दों को छोड़िए, इसका अभिप्राय तो आप समझते हैं. आप गाधी के सपने को सच होते नहीं देखना चाहते हैं.

पीएम ने कहा, कोरोना के दौरान योग ने अपनी जगह बनाई. लेकिन आपने योग का भी विरोध कर दिया. फिट इंडिया मूवमेंट का भी विरोध किया. इससे तो युवाओं को ही फायदा होता है. फिर भी विरोध कर दिया. आपने मन बना लिया है कि अब सौ साल तक सत्ता में नहीं आना है. इसलिए मैंने भी तैयारी कर ली है.

लोक सभा में पीएम मोदी का बयान (वीडियो भाग-दो)

कृषि एक्सपोर्ट ऐतिहासिक
दुनिया के दूसरे लोगों से आपने और आपके इको सिस्टम ने ऐसी बातें आपने बुलवा ली, कि पता नहीं आप क्या चाहते थे. मेरी समझ से ज्यादा मेरा समर्पण था. हमने ऐसा कर दिखाया. आज सबको मानता है कि भारत का कदम सही था. दुनिया की बड़ी इकोनोमी में तेजी से बढ़ती हुई व्यवस्था में भारत शामिल है. इस देश ने भूख से इस दौरान किसी को मरने नहीं दिया. कृषि एक्सपोर्ट ऐतिहासिक है. मोबाइल फोन एक्सपोर्ट बढ़ा है. डिफेंस एक्सपोर्ट (आत्मनिर्भर भारत की बदौलत) अपनी पहचान बना रहा है.

एफडीआई रिकार्ड स्तर पर आ रहा है. क्योंकि हमने अपने कर्तव्य पर काम किया. एमसएमई समेत हर उद्योग को जरूरी सपोर्ट मिला. सप्लाई चैन चरमरा गई थी दुनिया में. फर्टिलाइजर पर संकट आ गया था. लेकिन हमने किसानों को पीड़ा झेलने पर मजबूर नहीं किया.

पीढ़ियों से जिन्हें महलों में बैठने की आदत है, वे छोटे किसानों से नफरत करते हैं. आप उनके लिए रोड़े अटकाते हैं. उन्हें मजबूत बनाना होगा. ग्रामीण व्यवस्था तभी मजबूत होती. वे आधुनिक कृषि करेंगे, तभी आर्थिक वृद्धि होगी.

21वीं सदी के अनुरूप हमें बदलाव लाने की जरूरत है. फ्रेट कॉरिडोर- 2006-14 तक कोई प्रगति नहीं. यूपी में सरयू नहर परियोजना 1970 में शुरू हुई थी. इसे हमारी सरकार ने पूरा किया. यूपी का अर्जुन डैम परियोजना 2009 में शुरू हुआ, इसे हमने पूरा किया. चारधाम को ऑलवेदर सड़कों से जोड़़ सकते थे. वाटर-वे पर हम काम कर रहे हैं. गोरखपुर का फर्टिलाइजर कारखाना हमने फिर से शुरू किया. आप फाइल में खोए रहे, हम लाइफ बदलने में जुटे रहे. पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान का उद्देश्य देखिए. मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम को मजबूत कर रहे हैं. नेशनल हाइवे, रेलवे का बिजलीकरण हो रहा है, एयरपोर्ट बन रहा है. गांवों में ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क पहुंच रहा है. ये सभी रोजगार बढ़ाने वाले काम हैं.

सरकार ही भाग्य विधाता, यह सोच बदलनी है
एमएसएमई की परिभाषा में हमने बदलाव किया. छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिल रहा है. एसबीआई का स्टडी कहता है कि इस बदलाव के कारण 13.5 लाख एमएसएमई बच गया. स्वनिधि योजना, स्ट्रीट वेंडर योजना से उन्हें फायदा मिल रहा है. गरीब श्रमिकों के लिए दो लाख करोड़ से ज्याद हमने खर्च किया. मुद्रा योजना से सीधे पैसा मिलता है. स्पेस, डिफेंस, माइनिंग में निजी क्षेत्रों को आमंत्रित किया गया है. सिंपल टैक्स सिस्टम की शुरुआत की गई है. लेवल प्लेइंग फील्ड हम उपलब्ध करवा रहे हैं. सरकार ही भाग्य विधाता है, इस सोच को बदलना है. 500 स्टार्ट अप था, 2014 से पहले. अब 60 हजार स्टार्ट अप काम कर रहे हैं. हम इस मामले में दुनिया में तीसरे स्थान पर चले आए हैं.

कांग्रेस पर तीखा हमला
आपने देश के लिए उद्यमियों को कोरोना का वैरिएंट बता दिया. इससे कांग्रेस का ही नुकसान हो रहा है. इतिहास से सबक नहीं लेंगे, तो इतिहास में खो जाएंगे. 1960-80 के बीच कांग्रेस वाले नेहरू-इंदिरा की सरकार को कई लोग कहते थे कि ये तो टाटा-बिड़ला की सरकार है. मेक इन इंडिया हो ही नहीं सकता है, ऐसा कोई हिंदुस्तान के लिए कैसे सोच सकते हैं.

लेकिन आज आप मजाक का विषय बन गए हैं. इस योजना से आप लोगों को तकलीफ हो रही है. क्योंकि कमीशन के रास्ते, भ्रष्टाचार के रास्ते, तिजोरी भरने के रास्ते बंद हो चुके हैं. आप लघु उद्योमियों का अपमान कर रहे हैं. इनोवेटिव क्षमता का अपमान कर रहे हैं. खुद निराश हैं, असफल हैं, इसलिए विरोध कर रहे हैं आप.

डिफेंस में- खरीददारी के लिए लंबी प्रक्रिया अपनाई जाती थी. उसके बाद वह मशीन ही पुरानी हो जाती थी. इसे हमने खत्म कर दिया. इक्विपमेंट के लिए दूसरे देशों की ओर देखते थे. स्पेयर्स पार्ट के लिए भी हम दूसरे देशों पर निर्भर रहते थे. इससे देश की सुरक्षा सुनिश्चि नहीं हो सकती है. इसलिए रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना जरूरी है.

महंगाई पर बयान
यूपीए के आखिरी कार्यकाल में देश को डबल डिजिट महंगाई देखने को मिलीं. खुद सरकार मानती थी कि महंगाई उनके नियंत्रण से बाहर है. 2011 में वित्त मंत्री ने कहा था- महंगाई कम करने के लिए किसी अलाउद्दीन के जादू की उम्मीद न करें. चिदंबरम कहते थे- 2012 में...15 रुपये के पानी और 20 रु. के आइस्क्रीम खरीदने में दिक्कत नहीं होती, लेकिन गेंहू के दाम एक रुपये बढ़ जाएं, तो चिंतता होने लगती है. ये थी आपकी सरकार.

हमने जरूरी चीजों की कीमत पर नियंत्रण रखा. कीमत आसमान न छुए, इसे सुनिश्चित किया. कांग्रेस के समय मंहगाई दर 10 फीसदी से ज्यादा थी, 2014-20 के दौरान महंगाई दर पांच फीसदी से कम रही. इस समय भी 5 फीसदी के आसपास है. फूड इन्फ्लेशन 3 फीसदी के आसपास है.

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महंगाई को लेकर नेहरू ने क्या कहा, लाल किले से, उसे बताते हैं. कभी कभी कोरिया में लड़ाई हमें प्रभावित करती है. इसके चलते वस्तुओं की कीमतें बढ़ जाती हैं. और यह हमारे नियंत्रण से भी बाहर हो जाती हैं. अगर अमेरिका में कुछ हो जाता है, तो इसका इसर वस्तुओं की कीमत पर पड़ता है. आज आप होते, तो यह कहते कि कोरोना के कारन महंगाई बढ़ रही है. आज अमेरिका, ओईसीडी में महंगाई सात फीसदी है. लेकिन फिर भी हम दूसरे देशों पर ठीकरा नहीं फोड़ते हैं.

गरीबी पर सरकार संवेदनशील
आप 44 सीटों पर आकर सिमट गए. 1971 से गरीबी हटाओ के नारे पर आप जीतते आ रहे थे. बाद में कांग्रेस ने नई परिभाषा दे दी. (कुछ लोग, (राहुल), भाग जाते हैं, और झेलना ऐसे लोगों (अधीर रंजन चौधरी) को पड़ता है.) 2013 में यूपीए ने कहा- कि 17 करोड़ लोग अमीर बन गए. समझिए, क्या किया उन्होंने. बेसिक नॉर्म्स ही बदल दिए.

नेशन वर्सेस यूनियन ऑफ स्टेट्स
राष्ट्रीय विरासत- क्या बिना राष्ट्र के विरासत संभव है. हमारे संविधान में राष्ट्र शब्द नहीं आता है. ऐसा कहा गया. लेकिन क्या वह नहीं जानते हैं, कि यह संविधान की प्रस्तावना में लिखा है. अंग्रेज चले गए, कांग्रेस आज टुकड़े-टुकड़े गैंग की लीडर बन गई है. उनके डीएनए में बांट करो शासन करो की नीति अपना ली है. यहां अनुशासनहीनता कर हमें रोकना चाहते हैं.

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मुझे कहा गया कि पीएम कर्तव्य की बात क्यों करते हैं
खुद को लाइम लाइट में रहने के लिए कुछ लोग कुछ भी बोल देते हैं. कांग्रेस का गेम प्लान समझिए. आप कहते रहते हैं कि मोदी नेहरू का नाम क्यों नहीं लेते हैं. अब सुनिए. नेहरू-ने कहा था... आजाद हिंदुस्तान है, हम इस सालगिरह को मनाते हैं, लेकिन आजादी के साथ जिम्मेदारी भी होती है. जिम्मेदारी हरेक आजाद शख्स की होती है, आप इसे महसूस नहीं करते, तब पूरी तौर पर आप आजादी के माने नहीं समझे, आप आजादी को पूरी तौर पर बचा नहीं सकते हैं. क्या कांग्रेस वाले इसे भी भूल गए. इसी कर्तव्य की तो बात मैंने कही, तो सवाल क्यों उठा रहे हैं.

इससे पहले पीएम मोदी ने लता मंगेशकर के निधन पर शोक जताया. गौरतलब है कि पीएम मोदी के बयान से पहले लता मंगेशकर के निधन पर लोक सभा स्पीकर ने शोक संतप्त परिवार और लता जी के प्रशंसकों के प्रति संवेदना प्रकट की. बता दें कि लता मंगेशकर का रविवार को मुबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया था. वह 92 वर्ष की थीं. मुंबई में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.

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इससे पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चार दिनों तक चर्चा की गई. गत शुक्रवार को लोक सभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोक सभा में पीएम मोदी की मौजूदगी में भाजपा नेताओं पर कटाक्ष किया था. उन्होंने कहा कि जितना टाइम मोदी-मोदी करने में लगाया, अगर वैसे ही भगवान राम का नाम लिया होता तो खुद भगवान राम यहां उतर आते.

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पीएम मोदी के समर्थकों को साइकोफैंट्स (sycophants) बताते हुए अधीर रंजन ने कहा, तीन दिन से लोक सभा में चर्चा हो रही है. जितनी बार मोदी-मोदी-मोदी का उच्चारण किया गया, मुझे लगता है कि उतनी बार राम-राम-राम सही ढंग से पुकारा होता तो खुद भगवान राम संसद में उतर आते.

Last Updated : Feb 7, 2022, 7:56 PM IST
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