नई दिल्ली: मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमूर्ति और राष्ट्रमंडल खेलों के विजेताओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट किए गए उपहारों सहित तकरीबन 1,200 से ज्यादा उपहारों की नीलामी शनिवार को आरंभ हो गयी. यह नीलामी प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर शनिवार सुबह शुरू हुई.
केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने ट्वीट किया, वक्त आ गया है. सुबह के 10 बज गए हैं और प्रधानमंत्री के उपहारों की नीलामी अब शुरू हो गयी है और लाइव चल रही है. वेबसाइट पीएममोमेंटोज डॉट गॉव पर पंजीकरण करा नीलामी में शामिल हों , जिस पर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को मिले खास तोहफे (नीलामी के लिए) रखे गए हैं.
रेड्डी ने यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में शुक्रवार को कहा था कि भगवान गणेश की प्रतिमा, अयोध्या में बन रहे राम मंदिर और वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर की प्रतिकृतियां भी प्रधानमंत्री को भेट किए गए उपहारों में शामिल हैं, जिनकी ई-नीलामी की जाएगी. ई-नीलामी से प्राप्त हुई धनराशि ‘नमामि गंगे’ मिशन को दान की जाएगी. उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में जगद्गुरु शंकराचार्य के समाधि स्थल पर स्थापित उनकी भव्य प्रतिमा का निर्माण करने वाले मूर्तिकार अरुण योगीराज ने इसी साल अप्रैल में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी और उन्हें अखंड पत्थर से बनी नेताजी की दो फुट ऊंची प्रतिमा का मॉडल भेंट किया था.
रेड्डी ने कहा कि खिलाड़ियों द्वारा विभिन्न अवसरों पर प्रधानमंत्री को सौंपे गए उपहार भी इस नीलामी का हिस्सा होंगे। एक अधिकारी ने बताया कि ऐसे 24 उपहारों की नीलामी की जाएगी. नीलामी दो अक्टूबर को समाप्त होगी. कुछ उपहारों को राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय में प्रदर्शनी के लिए लगाया गया है.
बता दें, उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में जगद्गुरु शंकराचार्य के समाधि स्थल पर स्थापित उनकी भव्य प्रतिमा का निर्माण करने वाले मूर्तिकार अरुण योगीराज ने इसी साल अप्रैल में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी और उन्हें अखंड पत्थर से बनी नेताजी की दो फुट ऊंची प्रतिमा का मॉडल भेंट किया था. उस समय मोदी ने ट्वीट कर कहा था, आज अरुण योगीराज से मिलकर बहुत खुशी हुई. नेताजी सुभाष चंद्र बोस की उत्कृष्ट प्रतिमा भेंट करने के लिए मैं उनका आभारी हूं.
रेड्डी ने कहा कि खिलाड़ियों द्वारा विभिन्न अवसरों पर प्रधानमंत्री को सौंपे गए उपहार भी इस नीलामी का हिस्सा हैं. एक अधिकारी ने बताया कि ऐसे 24 उपहारों की नीलामी की जाएगी. केंद्रीय मंत्री ने कहा, इन खिलाड़ियों में राष्ट्रमंडल खेल 2022 के पदक विजेता, पैरालंपिक खेल 2022 और थॉमस कप में भाग लेने वाले खिलाड़ी शामिल हैं. राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाले कई खिलाड़ियों ने प्रधानमंत्री को खेल वस्तुएं उपहार में भेट की थी. ये भी नीलामी का हिस्सा होंगी.
इस बार राष्ट्रमंडल खेल बर्मिंघम में हुए और वहां भारतीय खिलाड़ियों ने अपने प्रदेर्शन से सभी का दिल जीता था. नीलामी वेब पोर्टल पीएममोमेंटोज डॉट गॉव के जरिए की जाएगी और यह दो अक्टूबर को समाप्त होगी. कुछ उपहारों को राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय में प्रदर्शनी के लिए लगाया गया है. रेड्डी ने कहा, 2019 में खुली नीलामी के जरिये इन वस्तुओं को लोगों के लिये रखा गया था. उस समय 1805 उपहारों को नीलामी के पहले दौर में प्रस्तुत किया गया था और दूसरे दौर में 2772 उपहार रखे गये थे. वर्ष 2021 में भी सितंबर में ई-नीलामी का आयोजन किया गया, जिसमें हमने नीलामी के लिये 1348 वस्तुयें रखी थीं.
उन्होंने कहा कि नीलामी में रखे गये उपहारों एवं स्मृति-चिह्नों में शानदार पेंटिंग्स, मूर्तिकला, हस्तशिल्प और लोक कलाकृतियों को शामिल किया गया है. उन्होंने कहा कि इनमें से कई वस्तुओं को पारंपरिक रूप से उपहार में दिया गया है, जैसे पारंपरिक अंगवस्त्रम, शॉल, पगड़ी-टोपी, रस्मी तलवारें. रेड्डी ने कहा, नरेन्द्र मोदी भारत के ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने भारत की जीवन-रेखा-नमामि गंगे के जरिये गंगा के उद्धार जैसे पवित्र ध्येय के लिये अपने उपहारों की ई-नीलामी का निर्णय किया है. मैं सभी से आग्रह करता हूं कि वे उदार मन से नीलामी में हिस्सा लें और इस पवित्र ध्येय के लिये योगदान करें.
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इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि पिछली नीलामी में हर राज्य और (भारतीय) मूल के लोगों ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था। उन्होंने लोगों से इस नीलामी में बढ़चकर हिस्सा लेने का आग्रह किया. केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने प्रधानमंत्री को दिये गये विभिन्न स्मृति-चिह्नों के महत्व को रेखांकित करते हुये बताया कि कैसे यह ई-नीलामी लोगों को नमामि गंगे में योगदान करने का शानदार अवसर प्रदान करती है.
भाषा इस अवसर को और रुचिकर बनाने के लिये आम जनता के लिये गाइडेड टूर की व्यवस्था की गई है. साथ ही श्रवणबाधित लोगों के लिये सांकेतिक भाषा में पर्यटन की व्यवस्था भी की गई है. इसी तरह दृष्टिबाधित लोगों के लिये ब्रेल लिपि में पुस्तिकाओं को भी उपलब्ध कराया जायेगा. प्रदर्शन क्षेत्र जनता के लिये 17 सितंबर से दो अक्टूबर तक खुला रहेगा. प्रवेश नि:शुल्क है. नीलामी में जो धनराशि जमा होगी, उसे नमामि गंगे कार्यक्रम के पवित्र ध्येय के लिये लगा दिया जायेगा. उल्लेखनीय है कि नमामि गंगे कार्यक्रम हमारी राष्ट्रीय नदी गंगा के संरक्षण और उसके पुनरुद्दार की प्रमुख परियोजना है.
पीटीआई-भाषा