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एक समय था जब हम कबूतर छोड़ते थे, आज चीता छोड़ते हैं: पीएम मोदी - ड्रोन नीति लॉजिस्टिक क्षेत्र

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (National Logistics Policy) की शुरुआत करने के अवसर पर कहा कि भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और यह विनिर्माण के केंद्र के तौर पर उभर रहा है. उन्होंने कहा कि सुबह चीता छोड़ना और शाम को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति का उद्घाटन कोई मेल तो है, हम भी चाहते है लगेज एक जगह से दूसरी जगह चीता की गति से जाए.

National Logistics Policy
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Published : Sep 17, 2022, 7:09 PM IST

Updated : Sep 17, 2022, 10:35 PM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (National Logistics Policy) का शुभारंभ किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह नीति परिवहन क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान देने वाली, अंतिम छोर तक डिलिवरी की गति बढ़ाने और कारोबारों के लिए धन की बचत करने वाली है. बता दें, इस नीति से कारोबारों की लॉजिस्टिक लागत मौजूदा 13-14 फीसदी से घटकर एकल अंक में आने का अनुमान है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारतीय बंदरगाहों की कुल क्षमता में काफी वृद्धि हुई है और पोतों का औसत 'टर्न-अराउंड टाइम' 44 घंटे से घटकर अब 26 घंटे पर आ गया है. उन्होंने कहा कि बंदरगाहों और समर्पित माल गलियारों को जोड़ने वाली सागरमाला परियोजना ने लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी तथा अवसंरचना विकास के व्यवस्थित कार्यों में सुधार लाना शुरू कर दिया है.

  • एक समय था जब हम कबूतर छोड़ते थे, आज चीता छोड़ते हैं।

    प्रातः चीता छोड़ना और शाम को #NationalLogisticsPolicy का कोई मेल तो है, हम भी चाहते है लगेज एक जगह से दूसरी जगह चीता की गति से जाये: प्रधानमंत्री @NarendraModi जी pic.twitter.com/IofgTIjK37

    — Piyush Goyal (@PiyushGoyal) September 17, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में आज सुबह चीते छोड़ने और शाम में राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति का उद्घाटन करने में मेल स्थापित करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि सुबह चीता छोड़ना और शाम को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति का उद्घाटन कोई मेल तो है, हम भी चाहते है लगेज एक जगह से दूसरी जगह चीता की गति से जाए.

मोदी ने कहा कि भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और यह विनिर्माण के केंद्र के तौर पर उभर रहा है. उन्होंने कहा कि घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) को विश्व ने स्वीकार किया है. उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक क्षेत्र को मजबूती देने के लिए सरकार प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रही है और सीमाशुल्क में बिना अधिकारी के सामने जाए आकलन की व्यवस्था शुरू कर दी गई है. वहीं ई-वे बिल तथा फास्टटैग भी लॉजिस्टिक क्षेत्र में प्रभावशीलता बढ़ा रहे है.

विश्वभर के बाजारों में भारतीय उत्पादों की पैठ बनाने के लिए इसके समर्थन तंत्र को मजबूत करने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति समर्थन प्रणाली को आधुनिक बनाने में मदद देगी. मोदी ने बताया कि वैश्विक विशेषज्ञों का कहना है कि भारत लोकतंत्र की महाशक्ति के तौर पर उभर रहा है और ये विशेषज्ञ भारत के अभूतपूर्व कुशल परिवेश से प्रभावित हैं. उन्होंने कहा, 'विशेषज्ञ भारत के दृढ़-निश्चय एवं प्रगति की सराहना कर रहे हैं.'

'ड्रोन नीति से बेहतर होगा लॉजिस्टिक क्षेत्र'
ड्रोन नीति का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे लॉजिस्टिक क्षेत्र बेहतर होगा. उन्होंने कहा कि महामारी के दो वर्ष के बाद वृद्धि को गति देने में मदद की खातिर बनाई गई यह नीति नियमों को व्यवस्थित करेगी, आपूर्ति श्रृंखला के अवरोधकों को दूर करेगी और ईंधन लागत तथा लॉजिस्टिक लागत को कम करने के लिए रूपरेखा देगी.

केंद्र सरकार बीते तीन साल से राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति पर काम कर रही है. वाणिज्य मंत्राल यने मसौदा नीति 2019 में जारी की थी लेकिन कोविड-19 के कारण इसमें विलंब हुआ. बजट 2022-23 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बार फिर इस नीति की घोषणा की.

यह भी पढ़ें- PM Modi Birthday: भाजपा मुख्यालय में पीएम मोदी की जिंदगी पर प्रदर्शनी का उद्घाटन

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (National Logistics Policy) का शुभारंभ किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह नीति परिवहन क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान देने वाली, अंतिम छोर तक डिलिवरी की गति बढ़ाने और कारोबारों के लिए धन की बचत करने वाली है. बता दें, इस नीति से कारोबारों की लॉजिस्टिक लागत मौजूदा 13-14 फीसदी से घटकर एकल अंक में आने का अनुमान है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारतीय बंदरगाहों की कुल क्षमता में काफी वृद्धि हुई है और पोतों का औसत 'टर्न-अराउंड टाइम' 44 घंटे से घटकर अब 26 घंटे पर आ गया है. उन्होंने कहा कि बंदरगाहों और समर्पित माल गलियारों को जोड़ने वाली सागरमाला परियोजना ने लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी तथा अवसंरचना विकास के व्यवस्थित कार्यों में सुधार लाना शुरू कर दिया है.

  • एक समय था जब हम कबूतर छोड़ते थे, आज चीता छोड़ते हैं।

    प्रातः चीता छोड़ना और शाम को #NationalLogisticsPolicy का कोई मेल तो है, हम भी चाहते है लगेज एक जगह से दूसरी जगह चीता की गति से जाये: प्रधानमंत्री @NarendraModi जी pic.twitter.com/IofgTIjK37

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पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में आज सुबह चीते छोड़ने और शाम में राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति का उद्घाटन करने में मेल स्थापित करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि सुबह चीता छोड़ना और शाम को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति का उद्घाटन कोई मेल तो है, हम भी चाहते है लगेज एक जगह से दूसरी जगह चीता की गति से जाए.

मोदी ने कहा कि भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और यह विनिर्माण के केंद्र के तौर पर उभर रहा है. उन्होंने कहा कि घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) को विश्व ने स्वीकार किया है. उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक क्षेत्र को मजबूती देने के लिए सरकार प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रही है और सीमाशुल्क में बिना अधिकारी के सामने जाए आकलन की व्यवस्था शुरू कर दी गई है. वहीं ई-वे बिल तथा फास्टटैग भी लॉजिस्टिक क्षेत्र में प्रभावशीलता बढ़ा रहे है.

विश्वभर के बाजारों में भारतीय उत्पादों की पैठ बनाने के लिए इसके समर्थन तंत्र को मजबूत करने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति समर्थन प्रणाली को आधुनिक बनाने में मदद देगी. मोदी ने बताया कि वैश्विक विशेषज्ञों का कहना है कि भारत लोकतंत्र की महाशक्ति के तौर पर उभर रहा है और ये विशेषज्ञ भारत के अभूतपूर्व कुशल परिवेश से प्रभावित हैं. उन्होंने कहा, 'विशेषज्ञ भारत के दृढ़-निश्चय एवं प्रगति की सराहना कर रहे हैं.'

'ड्रोन नीति से बेहतर होगा लॉजिस्टिक क्षेत्र'
ड्रोन नीति का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे लॉजिस्टिक क्षेत्र बेहतर होगा. उन्होंने कहा कि महामारी के दो वर्ष के बाद वृद्धि को गति देने में मदद की खातिर बनाई गई यह नीति नियमों को व्यवस्थित करेगी, आपूर्ति श्रृंखला के अवरोधकों को दूर करेगी और ईंधन लागत तथा लॉजिस्टिक लागत को कम करने के लिए रूपरेखा देगी.

केंद्र सरकार बीते तीन साल से राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति पर काम कर रही है. वाणिज्य मंत्राल यने मसौदा नीति 2019 में जारी की थी लेकिन कोविड-19 के कारण इसमें विलंब हुआ. बजट 2022-23 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बार फिर इस नीति की घोषणा की.

यह भी पढ़ें- PM Modi Birthday: भाजपा मुख्यालय में पीएम मोदी की जिंदगी पर प्रदर्शनी का उद्घाटन

Last Updated : Sep 17, 2022, 10:35 PM IST
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