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देश के हर नागरिक को मिलेगा डिजिटल स्वास्थ्य पहचान पत्र : मोदी - आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य अभियान) की शुरुआत की. इस डिजिटल मिशन के तहत लोगों को डिजिटल स्वास्थ्य पहचान पत्र प्रदान किया जाएगा जिसमें उनका स्वास्थ्य संबंधी रिकॉर्ड दर्ज होगा.

पीएम मोदी
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Published : Sep 27, 2021, 11:41 AM IST

Updated : Sep 27, 2021, 1:49 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को आयुष्मान भारत-डिजिटल मिशन की शुरुआत की और कहा कि इसमें स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने की ताकत है. इस डिजिटल मिशन के तहत लोगों को डिजिटल स्वास्थ्य पहचान पत्र प्रदान किया जाएगा जिसमें उनका स्वास्थ्य संबंधी रिकॉर्ड दर्ज होगा.

प्रधानमंत्री ने पिछले साल 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य अभियान की पायलट परियोजना की घोषणा की थी. वर्तमान में इस योजना को छह केंद्र शासित प्रदेशों में प्रारंभिक चरण में लागू किया जा रहा है. आयुष्मान भारत-डिजिटल मिशन की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना ने गरीब के जीवन की बहुत बड़ी चिंता दूर की है. अभी तक दो करोड़ से अधिक देशवासियों ने इस योजना के तहत मुफ्त इलाज की सुविधा का लाभ उठाया है. इसमें भी आधी लाभार्थी, हमारी माताएं, बहनें, बेटियां हैं.'

पीएम मोदी ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत की.

उन्होंने कहा, 'आयुष्मान भारत-डिजिटल मिशन के तहत देशवासियों को अब एक डिजिटल हेल्थ आईडी मिलेगी. हर नागरिक का स्वास्थ्य संबंधी रिकॉर्ड डिजिटल रूप से सुरक्षित रहेगा.' प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, 'अब भारत में एक ऐसे स्वास्थ्य मॉडल पर काम जारी है जो समग्र हो और समावेशी भी हो. एक ऐसा मॉडल, जिसमें बीमारियों से बचाव पर जोर हो, यानी रोकथाम संबंधी स्वास्थ्य सेवा हो, बीमारी की स्थिति में इलाज सुलभ हो, सस्ता हो और उस तक सबकी पहुंच हो.'

उन्होंने कहा, 'भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए चिकित्सा शिक्षा में भी अभूतपूर्व सुधार हो रहे हैं. 7-8 साल पहले की तुलना में आज अधिक चिकित्सक और पैरामेडिकल कर्मी देश में तैयार हो रहे हैं.'

प्रधानमंत्री के अनुसार, 'बीते सात वर्षों में, देश की स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने का जो अभियान चल रहा है, वह आज से एक नए चरण में प्रवेश कर रहा है. आज एक ऐसे मिशन की शुरुआत हो रही है, जिसमें भारत की स्वास्थ्य सुविधाओं में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की ताकत है.'

उन्होंने कहा, '130 करोड़ आधार नंबर, 118 करोड़ मोबाइल उपभोक्ता, लगभग 80 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता, करीब 43 करोड़ जनधन बैंक खाते, इतनी बड़ी एकीकृत आधारभूत अवसंरचना दुनिया में कहीं नहीं है.' मोदी ने कहा कि यह डिजिटल आधारभूत अवसंरचना राशन से लेकर प्रशासन तक को तेज, पारदर्शी तरीके से सामान्य भारतीय तक पहुंचा रही है.

उन्होंने कहा, 'आरोग्य सेतु ऐप से कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने में बहुत मदद मिली. सबको टीका, मुफ्त टीका अभियान के तहत भारत आज टीके की करीब-करीब 90 करोड़ खुराक लगा पाया है तो इसमें को-विन ऐप की बहुत बड़ी भूमिका है.' प्रधानमंत्री ने यह भी कहा, 'स्वास्थ्य का पर्यटन के साथ एक बड़ा मजबूत रिश्ता है क्योंकि जब हमारा स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचा एकीकृत होता है, मजबूत होता है, तो उसका प्रभाव पर्यटन क्षेत्र पर भी पड़ता है.'

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को आयुष्मान भारत-डिजिटल मिशन की शुरुआत की और कहा कि इसमें स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने की ताकत है. इस डिजिटल मिशन के तहत लोगों को डिजिटल स्वास्थ्य पहचान पत्र प्रदान किया जाएगा जिसमें उनका स्वास्थ्य संबंधी रिकॉर्ड दर्ज होगा.

प्रधानमंत्री ने पिछले साल 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य अभियान की पायलट परियोजना की घोषणा की थी. वर्तमान में इस योजना को छह केंद्र शासित प्रदेशों में प्रारंभिक चरण में लागू किया जा रहा है. आयुष्मान भारत-डिजिटल मिशन की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना ने गरीब के जीवन की बहुत बड़ी चिंता दूर की है. अभी तक दो करोड़ से अधिक देशवासियों ने इस योजना के तहत मुफ्त इलाज की सुविधा का लाभ उठाया है. इसमें भी आधी लाभार्थी, हमारी माताएं, बहनें, बेटियां हैं.'

पीएम मोदी ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत की.

उन्होंने कहा, 'आयुष्मान भारत-डिजिटल मिशन के तहत देशवासियों को अब एक डिजिटल हेल्थ आईडी मिलेगी. हर नागरिक का स्वास्थ्य संबंधी रिकॉर्ड डिजिटल रूप से सुरक्षित रहेगा.' प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, 'अब भारत में एक ऐसे स्वास्थ्य मॉडल पर काम जारी है जो समग्र हो और समावेशी भी हो. एक ऐसा मॉडल, जिसमें बीमारियों से बचाव पर जोर हो, यानी रोकथाम संबंधी स्वास्थ्य सेवा हो, बीमारी की स्थिति में इलाज सुलभ हो, सस्ता हो और उस तक सबकी पहुंच हो.'

उन्होंने कहा, 'भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए चिकित्सा शिक्षा में भी अभूतपूर्व सुधार हो रहे हैं. 7-8 साल पहले की तुलना में आज अधिक चिकित्सक और पैरामेडिकल कर्मी देश में तैयार हो रहे हैं.'

प्रधानमंत्री के अनुसार, 'बीते सात वर्षों में, देश की स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने का जो अभियान चल रहा है, वह आज से एक नए चरण में प्रवेश कर रहा है. आज एक ऐसे मिशन की शुरुआत हो रही है, जिसमें भारत की स्वास्थ्य सुविधाओं में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की ताकत है.'

उन्होंने कहा, '130 करोड़ आधार नंबर, 118 करोड़ मोबाइल उपभोक्ता, लगभग 80 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता, करीब 43 करोड़ जनधन बैंक खाते, इतनी बड़ी एकीकृत आधारभूत अवसंरचना दुनिया में कहीं नहीं है.' मोदी ने कहा कि यह डिजिटल आधारभूत अवसंरचना राशन से लेकर प्रशासन तक को तेज, पारदर्शी तरीके से सामान्य भारतीय तक पहुंचा रही है.

उन्होंने कहा, 'आरोग्य सेतु ऐप से कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने में बहुत मदद मिली. सबको टीका, मुफ्त टीका अभियान के तहत भारत आज टीके की करीब-करीब 90 करोड़ खुराक लगा पाया है तो इसमें को-विन ऐप की बहुत बड़ी भूमिका है.' प्रधानमंत्री ने यह भी कहा, 'स्वास्थ्य का पर्यटन के साथ एक बड़ा मजबूत रिश्ता है क्योंकि जब हमारा स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचा एकीकृत होता है, मजबूत होता है, तो उसका प्रभाव पर्यटन क्षेत्र पर भी पड़ता है.'

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Sep 27, 2021, 1:49 PM IST
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