देहरादून: पीएम मोदी के केदारनाथ दौरे को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी तैयारियों का जायजा लेने आज केदारधाम पहुंचे. साथ ही उन्होंने नाराज तीर्थ पुरोहितों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं. वहीं, पीएम मोदी के केदारनाथ दौरे को लेकर उनका मिनट टू मिनट कार्यक्रम भी आ चुका है. जिसके हिसाब से पीएम मोदी सुबह 6 बजे दिल्ली एयरपोर्ट से रवाना होंगे और सुबह 6.30 बजे करीब जौलीग्रांट एयरपोर्ट देहरादून पहुंचेंगे.
5 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को लेकर भी तैयारियां अंतिम दौर में हैं. दीपावली पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शनों के लिए धाम में पहुंच रहे हैं. उधर, देवस्थानम बोर्ड को रद्द करने की तीर्थ पुरोहितों की मांग को देखते हुए सीएम धामी भी आज केदारनाथ तीर्थपुरोहितों के बातचीत की. साथ ही उन्होंने पीएम को दौरे को लेकर केदारधाम में व्यवस्थाओं का जायजा लिया.
मुख्यमंत्री धामी की तीर्थ पुरोहितों और पंडा समाज के प्रतिनिधियों से सौहार्दपूर्ण बातचीत रही. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार जन भावनाओं का सम्मान करने वाली सरकार है. तीर्थों के पंडा, पुरोहित और पुजारियों के मान सम्मान को कोई ठेस नहीं पहुंचाई जाएगी. चारधाम पंडा, पुरोहित और पुजारी समाज की गरिमा और सम्मान के सरकार वचनबद्ध है.
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इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बाबा केदार के प्रति विशेष आस्था और श्रद्धा है. उनका उत्तराखंड को दुनिया की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी के तौर पर विकसित करने का विजन है. पूरी दुनिया के लोग यहां आध्यात्मिक शांति के लिए आएंगे.
वहीं, आधुनिक इतिहास में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण किया जा रहा है. पहले चरण के काम हो चुके हैं, दूसरे चरण के काम शुरू हो रहे हैं. पीएम 5 नवंबर को आदि गुरू शंकराचार्य जी की समाधि का लोकार्पण करने के साथ ही उनकी प्रतिमा का भी अनावरण करेंगे.
पीएम मोदी का केदारनाथ दौरे का मिनट टू मिनट कार्यक्रम
- सुबह 6 बजे दिल्ली एयरपोर्ट से रवाना होंगे प्रधानमंत्री.
- सुबह 6:50 पर जौली ग्रांट एयरपोर्ट देहरादून पहुंचेंगे प्रधानमंत्री.
- सुबह 8 बजे केदारनाथ हेलीपैड पर पहुंचेंगे प्रधानमंत्री.
- सुबह 8 से 8:30 बजे तक बाबा केदार के धाम में पूजा दर्शन करेंगे प्रधानमंत्री.
- सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक केदारधाम में अलग-अलग कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे प्रधानमंत्री.
- आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि स्थल का उद्घाटन.
- केदारनाथ के पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लेंगे.
- पब्लिक मीटिंग और केदारनाथ के विकास कार्यों का उद्घाटन.
- दोपहर 12 बजे केदारनाथ हेलीपैड से जौली ग्रांट एयरपोर्ट देहरादून को रवाना होंगे प्रधानमंत्री .
- दोपहर 12:30 बजे जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचेंगे प्रधानमंत्री.
- दोपहर 1 बजे जौली ग्रांट एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए रवाना होंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.
- दोपहर 1.30 पर दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.
PM मोदी के दौरे से पूर्व CM त्रिवेंद्र रावत को रखा जाएगा दूर, जानें वजह
उधर, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पीएम के कार्यक्रम से दूर रखा जा रहा है. दरअसल रावत सोमवार को केदारनाथ धाम पहुंचे थे. वहां उन्हें पंडा-पुरोहितों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा था. त्रिवेंद्र को पुरोहितों ने मंदिर में बाबा केदार के दर्शन तक नहीं करने दिए. इसे देखते हुए 5 नंवबर को पीएम मोदी के केदारनाथ पहुंचने के कार्यक्रम से त्रिवेंद्र को दूर रखा जा रहा है. 'ईटीवी भारत' को मिली जानकारी अनुसार पीएम मोदी के केदारनाथ यात्रा के दौरान जिन गणमान्यों की लिस्ट पीएमओ को सौंपी गई है, उसमें त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम नहीं है. पीएम मोदी के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल, सतपाल महाराज, स्वामी यतीश्वरानंद, रेखा आर्य, गणेश जोशी, धन सिंह रावत, केदारनाथ विधायक मनोज रावत के साथ अन्य लोग मौजूद रहेंगे. इसके साथ ही राज्यपाल गुरमीत सिंह भी इस दौरे पर पीएम मोदी के साथ रहेंगे.
इस बारे में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने 'ईटीवी भारत' से कहा कि ऐसा नहीं है कि सिर्फ त्रिवेंद्र सिंह रावत को ही कार्यक्रम में सम्मिलित नहीं किया गया है. बल्कि पूर्व मुख्यमंत्रियों का ऐसा कोई प्रोटोकोल नहीं है. लिहाजा विजय बहुगुणा और रमेश पोखरियाल निशंक का भी लिस्ट में नाम नहीं है. इसलिए इस बात को जोर देना कि सिर्फ त्रिवेंद्र सिंह का नाम नहीं है, यह बात सही नहीं होगी.
मदन कौशिक ने कहा कि यह बात सही है कि 2 दिन पहले उनका भारी विरोध हुआ था. लोकतंत्र में विरोध करना हर किसी के अधिकार में है, लेकिन विरोध भी एक दायरे में रहकर किया जाना चाहिए. तीर्थ पुरोहितों ने उन्हें दर्शन करने से रोका यह बात सही नहीं थी. दरअसल सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को यह लगता है कि अगर त्रिवेंद्र सिंह वहां पर होंगे तो कहीं विरोध की ज्वाला दोबारा से ना भड़क जाए.