बेंगलुरु : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि हर देश को स्वास्थ्यसेवा को सर्वाधिक महत्व देना चाहिए. उन्होंने यह बात मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र (सीबीआर) का उद्घाटन करने और यहां एक मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल की नींव रखने के बाद कही. मोदी ने भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) परिसर में 280 करोड़ रुपये की लागत से बने मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र (सीबीआर) का उद्घाटन किया, जिसकी आधारशिला उन्होंने स्वयं रखी थी. उन्होंने कहा कि सीबीआर का उद्घाटन करके उन्हें बहुत खुशी हुई.
मोदी ने कहा, 'यह खुशी इसलिए और भी बड़ी है, क्योंकि इस परियोजना की नींव रखने का सम्मान भी मुझे ही मिला था. यह केंद्र मस्तिष्क संबंधी विकारों के प्रबंधन संबंधी अनुसंधान में अग्रणी रहेगा.' अधिकारियों ने बताया कि सीबीआर को अपनी तरह के एक अलग अनुसंधान केंद्र के रूप में विकसित किया गया है और इसमें उम्र से संबंधित मस्तिष्क विकारों के समाधान के लिए साक्ष्य-आधारित जन स्वास्थ्य उपचार मुहैया कराने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण अनुसंधान करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, सूचना प्रौद्योगिकी की दिग्गज कंपनी इंफोसिस के सह-संस्थापक एस गोपालकृष्णन और उनका परिवार भी इस कार्यक्रम में मौजूद था.
अधिकारियों ने बताया कि गोपालकृष्णन और उनकी पत्नी सुधा गोपालकृष्णन की मदद से आईआईएससी में एक स्वायत्त, गैर-लाभकारी अनुसंधान संगठन के रूप में मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र की स्थापना की गई है. उन्होंने बताया कि गोपालकृष्णन ने आईआईएससी परिसर के भीतर सीबीआर के लिए अत्याधुनिक भवन के निर्माण के वास्ते धन भी प्रदान किया है और उनका यह उपहार भारत के इतिहास में वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए किसी व्यक्ति द्वारा दी गई सबसे बड़ी सहायता है.
प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम के दौरान 832 बिस्तर वाले 'बागची-पार्थसारथी मल्टीस्पेशियलिटी' अस्पताल की आधारशिला भी रखी. मोदी ने कहा, 'जब हर देश को स्वास्थ्यसेवा को सबसे अधिक महत्ता देनी चाहिए, तब ऐसे में 'बागची-पार्थसारथी मल्टीस्पेशियलिटी' अस्पताल जैसे प्रयासों का बहुत महत्व है.' उन्होंने कहा, 'आने वाले समय में यह स्वास्थ्यसेवा क्षमताओं को मजबूत करेगा और क्षेत्र में अग्रणी अनुसंधान को प्रोत्साहित करेगा.'
सामूहिक रूप से 425 करोड़ रुपये दान करेंगे : अधिकारियों ने कहा कि यह देश में नैदानिक अनुसंधान को बड़ा प्रोत्साहन देगा और देश में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए मददगार नवोन्मेषी समाधान खोजने की दिशा में काम करेगा. आईआईएससी ने बागची-पार्थसारथी अस्पताल की स्थापना के लिए परोपकारी सुष्मिता एवं सुब्रतो बागची और राधा एवं एन एस पार्थसारथी के साथ फरवरी में साझेदारी की. आईआईएससी के निदेशक प्रोफेसर गोविंद रंगराजन ने कहा था, 'ये जोड़े 800 बिस्तरों वाले मल्टी स्पैशियलिटी अस्पताल के निर्माण के लिये सामूहिक रूप से 425 करोड़ रुपये (लगभग छह करोड़ डॉलर) दान करेंगे. आईआईएससी की स्थापना के बाद से उसे यह सबसे बड़ा निजी दान प्राप्त हुआ है.' सुब्रतो बागची और एन एस पार्थसारथी माइंडट्री के सह-संस्थापक हैं जो सूचना प्रौद्योगिकी सेवा और परामर्श कंपनी है जिसका मुख्यालय बेंगलुरु में है.
सुष्मिता ने कहा, 'परोपकारी होने का मतलब दूसरों के लिए सहानुभूति पैदा करना है, दूसरों के लिए महसूस करना और संवेदनशील बनना है. ये ऐसे मूल्य हैं जो हमारे माता-पिता से हमें मिले.' उन्होंने कहा, 'हमने उनके पद चिह्नों पर चलते हुए छोटे-छोटे तरीके अपनाए. जब हम 1990 के दशक में अमेरिका में रहते थे, तो समुदाय में हर कोई मुद्दों के साथ जिस तरह से जुड़ा हुआ था, उससे हम बहुत प्रभावित हुए. जिस तरह से वे अपने आपको पेश करते हैं और मदद करते हैं, उससे हमें भारत लौटने पर संस्थानों से जुड़ने में मदद मिली.'
राधा ने कहा कि वे लोग लंबे समय से छोटे-मोटे परमार्थ के काम में लगे हुए हैं. उन्होंने कहा, 'हालांकि, यह पहला मौका है जब हम आईआईएससी जैसी बड़ी संस्था में इतना बड़ा योगदान दे रहे हैं.' यह पूछे जाने पर कि इतनी बड़ी धन राशि दान करने की प्रेरणा उन्हें कहां से मिली, राधा ने कहा कि उन्होंने कड़ी मेहनत की है और अब जब संसाधन उनके पास हैं तो उनका मानना है कि यह उन तक सौभाग्य से पहुंचे हैं. राधा ने कहा, 'हम मानते हैं कि नियति ने हमें ये संसाधन दिए हैं और ऐसे में इनका इस्तेमाल 'वसुधैव कुटुम्बकम' के सिद्धांत के आधार पर लोगों की भलाई के लिए किया जाना चाहिए.' इस अस्पताल के 2024 तक शुरू हो जाने की उम्मीद है.
भीड़ का अभिवादन करने के लिए पीएम ने सड़क पर रोकी कार : कर्नाटक के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्ग में सोमवार को जय-जयकार करती भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भीड़ को उस समय सुखद आश्चर्य की अनुभूति हुई, जब प्रधानमंत्री ने उनका अभिवादन करने के लिए सड़क पर अपनी कार रोक दी. मोदी जब वायुसेना स्टेशन प्रशिक्षण कमान मुख्यालय से भारतीय विज्ञान संस्थान की तरफ (आईआईएससी) जा रहे थे, तब रास्ते में लोगों की भीड़ भाजपा के झंडे लहरा रही थी और 'मोदी, मोदी' के नारे लगा रही थी.
इसे देखकर मोदी ने कुछ मिनट के लिए अपनी कार रोकी, सीट से उठे और रनिंग बोर्ड पर खड़े होकर भीड़ की तरफ हाथ हिलाया. इसके बाद प्रधानमंत्री ने भीड़ का अभिवादन करने के लिए हाथ जोड़कर 'नमस्ते' किया. बाद में जब उनका वाहन आईआईएससी में कार्यक्रम स्थल की ओर बढ़ने लगा, तब भी उन्होंने भीड़ की ओर हाथ हिलाना जारी रखा.
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Bengaluru | PM Narendra Modi inaugurates & lays foundation stone for rail and road infrastructure projects worth over Rs 28,000 crores in Karnataka pic.twitter.com/OnR9xqXPAM
— ANI (@ANI) June 20, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) June 20, 2022
28,000 करोड़ के रेल प्रोजेक्ट का शिलान्यास और उद्घाटन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु में कई रेल परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. इस दौरान उनके साथ कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई भी मौजूद रहे. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 28,000 करोड़ रुपए से ज़्यादा के प्रोजेक्ट का शिलान्यास और उद्घाटन हुआ. ये प्रोजेक्ट ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस दोनों को लाभ पहुंचाएगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय रेल अब तेज भी हो रही है, स्वच्छ भी हो रही है, आधुनिक भी हो रही है, सुरक्षित भी हो रही है और सिटीजन फ्रेंडली भी बन रही है. हमने देश के उन हिस्सों में भी रेल को पहुंचाया है, जहां इसके बारे में कभी सोचना भी मुश्किल था.
पढ़ें- प्रधानमंत्री मोदी कर्नाटक के दो दिवसीय दौरे पर बेंगलुरु पहुंचे