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Chennai Coimbatore Vande Bharat : दक्षिण भारत को वंदे भारत की सौगात, यात्रियों ने कहा- आसान होगा सफर - Etv bharat special

पीएम मोदी ने तेलंगाना और तमिलनाडु को शनिवार को एक-एक वंदे भारत ट्रेन की सौगात दी. दोनों ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. चेन्नई से कोयंबटूर की वंदे भारत ट्रेन से ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट.

Chennai Coimbatore Vande Bharat
वंदे भारत यात्रियों से बातचीत
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Published : Apr 8, 2023, 9:26 PM IST

यात्रियों से बातचीत

नई दिल्ली/चेन्नई : दक्षिण भारत के 6 राज्यों कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में से इस समय कर्नाटक में बीजेपी की सरकार है जबकि पुडुचेरी में बीजेपी गठबंधन के साथ सत्ता में है. यही वजह है की कर्नाटक और तेलंगाना के चुनाव को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिशन दक्षिण भारत की दो दिवसीय यात्रा के दौरान अनेकों सौगात दी हैं.

2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में बीजेपी दक्षिण के सहारे जीत का रास्ता बनाने की कोशिश कर रही है. यदि 2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो दक्षिण के 6 राज्यों की 130 लोकसभा सीटों में से बीजेपी के पास मात्र 29 सीटें हैं जिनमें से 25 कर्नाटक और चार तेलंगाना में मिलीं थीं. जबकि तमिलनाडु और अन्य राज्यों में पार्टी लोकसभा सीट नही जीत पाई थी.

इस बार बीजेपी की नजर मिशन दक्षिण पर है और उसकी शुरुआत प्रधानमंत्री ने शनिवार से कर दी है. प्रधानमंत्री ने तेलंगाना में सिकंदराबाद से तिरुपति के बीच चलने वाली वंदे भारत को हरी झंडी दिखाई. निरीक्षण और सफर किया. वहीं तमिलनाडु में चेन्नई से कोयंबटूर के बीच चलने वाली वंदे भारत को भी हरी झंडी दिखाई. इसके अलावा भी इन दो दिनों में प्रधानमंत्री ने तेलंगाना, तमिलनाडु के बाद कर्नाटक में भी हाईवे और अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे.

ईटीवी भारत ने जाना वंदे भारत के सफर का हाल : चेन्नई से कोयंबटूर तक चलने वाली वंदे भारत ट्रेन का प्रधानमंत्री ने उद्घाटन किया. चेन्नई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को तेरहवीं वंदे भारत ट्रेन हो हरी झंडी दिखाकर कोयंबटूर के लिए रवाना किया. इस ट्रेन में 8 कोच हैं और रेलवे के मुताबिक 495 किलोमीटर की दूरी यह ट्रेन केवल 5.50 मिनट में तय करेगी. ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना ने इस ट्रेन में यात्रा की और पायलट केबिन से लेकर यात्रियों तक से बातचीत की. यात्रियों ने बताया कि चेन्नई से कोयंबटूर तक इस ट्रेन के चलने से उन्हें काफी फायदा होगा और हवाई जहाज के बजाय वो अब वंदे भारत को पसंद करेंगे.

खास रिपोर्ट

लोको पायलट ने बताया- जानवर या पक्षी सामने आने पर कैसे करते हैं कंट्रोल : इसी तरह इस ट्रेन के लोको पायलट केबिन से भी हमारे पाठकों को वंदेभारत की स्पीड दिखाने की कोशिश की गई है. इस ट्रेन के लोको पायलट ने बताया कि ट्रेन 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है, मगर इस रूट की कैपेसिटी 130 किमी प्रति घंटे की है इसलिए वो इसी रफ्तार से चला रहे हैं. इस सवाल पर कि ट्रैक पर किसी जानवर या पक्षी आने की घटनाओं को वो कैसे संभालते हैं. इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि या तो लाइट जलाकर या स्पीड कम कर इसे नियंत्रित किया जाता है, मगर ये इतनी बड़ी समस्या नहीं है.

स्लीपर वंदे भारत चलाने की भी हो रही तैयारी : वहीं, सूत्रों की मानें तो जल्द ही सरकार पांच घंटे से ज्यादा और 400 किमी. से ज्यादा दूरी वाले स्टेशनों के लिए स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस भी शुरू कर सकती है. इसके लिए रूट का चयन किया जा रहा है. हालांकि वर्तमान में जिन रूट पर भी वंदे भारत चल रही है उससे रेलवे को काफी मुनाफा हो रहा है. इसी से उत्साहित होकर रेलवे स्लीपर वंदे भारत लाने की भी योजना तैयार कर रही है.

अभी जिस किसी भी रूट पर वंदे भारत चल रही है वहां काफी संख्या में यात्री सफर कर रहे हैं. रेलवे को इस बात का यकीन है कि जैसे ही इसमें स्लीपर कोच जुड़ेगा उसके साथ ही यात्रियों की संख्या और बढ़ेगी. सूत्रों के अनुसार दिल्ली-वाराणसी रूट पर सबसे पहले यह स्लीपर वंदे भारत ट्रेन चलाई जा सकती है.

आईसीएफ चेन्नई के अलावा वंदे भारत ट्रेन महाराष्ट्र, हरियाणा, रायबरेली में बनाने की योजना है और सरकार का लक्ष्य यह है कि 2027 तक 478 वंदे भारत ट्रेनें बन कर तैयार हो जाएं. रेलवे की 200 स्लीपर वंदे भारत ट्रेनों को बनाने का काम पूरा किए जाने की योजना है. एसी स्लीपर वंदे भारत के बारे में यह भी दावा किया जा रहा है की यह ट्रेनें 160 किमी की रफ्तार से चलेंगी.

पढ़ें- प्रधानमंत्री मोदी ने चेन्नई हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया, वंदे भारत एक्सप्रेस को दिखाई हरी झंडी

यात्रियों से बातचीत

नई दिल्ली/चेन्नई : दक्षिण भारत के 6 राज्यों कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में से इस समय कर्नाटक में बीजेपी की सरकार है जबकि पुडुचेरी में बीजेपी गठबंधन के साथ सत्ता में है. यही वजह है की कर्नाटक और तेलंगाना के चुनाव को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिशन दक्षिण भारत की दो दिवसीय यात्रा के दौरान अनेकों सौगात दी हैं.

2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में बीजेपी दक्षिण के सहारे जीत का रास्ता बनाने की कोशिश कर रही है. यदि 2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो दक्षिण के 6 राज्यों की 130 लोकसभा सीटों में से बीजेपी के पास मात्र 29 सीटें हैं जिनमें से 25 कर्नाटक और चार तेलंगाना में मिलीं थीं. जबकि तमिलनाडु और अन्य राज्यों में पार्टी लोकसभा सीट नही जीत पाई थी.

इस बार बीजेपी की नजर मिशन दक्षिण पर है और उसकी शुरुआत प्रधानमंत्री ने शनिवार से कर दी है. प्रधानमंत्री ने तेलंगाना में सिकंदराबाद से तिरुपति के बीच चलने वाली वंदे भारत को हरी झंडी दिखाई. निरीक्षण और सफर किया. वहीं तमिलनाडु में चेन्नई से कोयंबटूर के बीच चलने वाली वंदे भारत को भी हरी झंडी दिखाई. इसके अलावा भी इन दो दिनों में प्रधानमंत्री ने तेलंगाना, तमिलनाडु के बाद कर्नाटक में भी हाईवे और अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे.

ईटीवी भारत ने जाना वंदे भारत के सफर का हाल : चेन्नई से कोयंबटूर तक चलने वाली वंदे भारत ट्रेन का प्रधानमंत्री ने उद्घाटन किया. चेन्नई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को तेरहवीं वंदे भारत ट्रेन हो हरी झंडी दिखाकर कोयंबटूर के लिए रवाना किया. इस ट्रेन में 8 कोच हैं और रेलवे के मुताबिक 495 किलोमीटर की दूरी यह ट्रेन केवल 5.50 मिनट में तय करेगी. ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना ने इस ट्रेन में यात्रा की और पायलट केबिन से लेकर यात्रियों तक से बातचीत की. यात्रियों ने बताया कि चेन्नई से कोयंबटूर तक इस ट्रेन के चलने से उन्हें काफी फायदा होगा और हवाई जहाज के बजाय वो अब वंदे भारत को पसंद करेंगे.

खास रिपोर्ट

लोको पायलट ने बताया- जानवर या पक्षी सामने आने पर कैसे करते हैं कंट्रोल : इसी तरह इस ट्रेन के लोको पायलट केबिन से भी हमारे पाठकों को वंदेभारत की स्पीड दिखाने की कोशिश की गई है. इस ट्रेन के लोको पायलट ने बताया कि ट्रेन 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है, मगर इस रूट की कैपेसिटी 130 किमी प्रति घंटे की है इसलिए वो इसी रफ्तार से चला रहे हैं. इस सवाल पर कि ट्रैक पर किसी जानवर या पक्षी आने की घटनाओं को वो कैसे संभालते हैं. इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि या तो लाइट जलाकर या स्पीड कम कर इसे नियंत्रित किया जाता है, मगर ये इतनी बड़ी समस्या नहीं है.

स्लीपर वंदे भारत चलाने की भी हो रही तैयारी : वहीं, सूत्रों की मानें तो जल्द ही सरकार पांच घंटे से ज्यादा और 400 किमी. से ज्यादा दूरी वाले स्टेशनों के लिए स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस भी शुरू कर सकती है. इसके लिए रूट का चयन किया जा रहा है. हालांकि वर्तमान में जिन रूट पर भी वंदे भारत चल रही है उससे रेलवे को काफी मुनाफा हो रहा है. इसी से उत्साहित होकर रेलवे स्लीपर वंदे भारत लाने की भी योजना तैयार कर रही है.

अभी जिस किसी भी रूट पर वंदे भारत चल रही है वहां काफी संख्या में यात्री सफर कर रहे हैं. रेलवे को इस बात का यकीन है कि जैसे ही इसमें स्लीपर कोच जुड़ेगा उसके साथ ही यात्रियों की संख्या और बढ़ेगी. सूत्रों के अनुसार दिल्ली-वाराणसी रूट पर सबसे पहले यह स्लीपर वंदे भारत ट्रेन चलाई जा सकती है.

आईसीएफ चेन्नई के अलावा वंदे भारत ट्रेन महाराष्ट्र, हरियाणा, रायबरेली में बनाने की योजना है और सरकार का लक्ष्य यह है कि 2027 तक 478 वंदे भारत ट्रेनें बन कर तैयार हो जाएं. रेलवे की 200 स्लीपर वंदे भारत ट्रेनों को बनाने का काम पूरा किए जाने की योजना है. एसी स्लीपर वंदे भारत के बारे में यह भी दावा किया जा रहा है की यह ट्रेनें 160 किमी की रफ्तार से चलेंगी.

पढ़ें- प्रधानमंत्री मोदी ने चेन्नई हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया, वंदे भारत एक्सप्रेस को दिखाई हरी झंडी

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