नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज टोक्यो में एक कार्यक्रम में शामिल होंगे, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अपनी महत्वाकांक्षी हिंद-प्रशांत आर्थिक रूपरेखा (आईपीईएफ) का शुभारंभ करेंगे. आईपीईएफ एक पहल है, जिसका उद्देश्य समान विचार वाले देशों के बीच हरित ऊर्जा, आपूर्ति शृंखला और डिजिटल कारोबार के क्षेत्र में आपसी सहयोग को और अधिक मजबूत करना है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार की शाम दो-दिवसीय यात्रा पर जापान के लिए रवाना हुए थे. वह टोक्यो पहुंच चुके हैं, जहां वह 24 मई को क्वाड नेताओं के एक शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे, जो प्रभावशाली समूह के सदस्य देशों के बीच सहयोग को और मजबूत बनाने तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र से संबंधित घटनाक्रम पर चर्चा करने पर केंद्रित है. प्रधानमंत्री कॉर्पोरेट जगत के कई प्रमुख दिग्गजों के साथ अलग-अलग बैठकें करेंगे, जिनमें एनईसी कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष नोबुहिरो एंडो, यूनीक्लो के अध्यक्ष तदाशी यानाई, सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन के सलाहकार ओसामु सुजुकी और सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्पोरेशन बोर्ड के निदेशक मासायोशी सोन शामिल हैं.
शिखर सम्मेलन : राष्ट्रपति बाइडेन द्वारा आईपीईएफ की शुरुआत से यह संकेत मिलने की उम्मीद है कि अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कारोबार पर चीन की आक्रामक रणनीति का मुकाबला करने के लिए एक मजबूत आर्थिक नीति को आगे बढ़ाने पर केंद्रित है. टोक्यो में 24 मई को होने वाले शिखर सम्मेलन में मोदी के अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस शामिल होंगे. शिखर सम्मेलन से इतर मोदी बाइडेन, किशिदा और अल्बनीज के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे.
पीएम की इस यात्रा का क्या महत्व है, इस पर पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत ने क्या कहा, देखें.
उन्होंने कहा कि इस बैठक का महत्व कुछ अलग है. इसके पीछे की वजह है- रूस यूक्रेन युद्ध के बाद वैश्विक माहौल का बदलना. दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया के पीएम भी बदल चुके हैं. वहां बिल्कुल नया नेतृत्व है. ऑस्ट्रेलिया क्वाड का महत्वपूर्ण सदस्य है. युद्ध के कारण खाद्य और दवा की कमी को लेकर पूरी दुनिया प्रभावित हो रही है. इसे कैसे दूर किया जा सकता है, इस पर भी बातचीत होगी. क्लाइमेट पर भी बात होगी. चीन पर भी बात होगी.
पढ़ें- क्वाड शिखर वार्ता से समूह के कार्यों में हुई प्रगति की समीक्षा का अवसर मिलेगा : मोदी