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Saurashtra Tamil Sangamam: सबसे कठिन परिस्थितियों में भी भारत में कुछ नया करने का साहस है: पीएम मोदी

रक्षा मंत्री ने पिछले सप्ताह सोमवार को इसी सम्मलेन को संबोधित किया था. उन्होंने राहुल गांधी को आड़े हाथ लेते हुए उन पर निशाना साधा था.

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Etv Bharat सौराष्ट्र तमिल संगमम् के समापन समारोह को संबोधित करेंगे पीएम मोदी
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Published : Apr 26, 2023, 8:55 AM IST

Updated : Apr 26, 2023, 1:42 PM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि सबसे कठिन परिस्थितियों में भी भारत में कुछ नया करने का साहस है. उन्होंने कहा कि देश 2047 तक विकसित भारत बनने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है लेकिन कुछ ताकतें ऐसी भी हैं जो रास्ते से भटकाने की कोशिशें करेंगी. मोदी ने कहा कि देश ने आजादी के 75 साल पूरे किए हैं और इसने लोगों में अपनी विरासत के प्रति गर्व की भावना को बलवती किया है.

उन्होंने कहा 'जब हम गुलामी की मानसिकता से खुद को मुक्त करके इसे जानेंगे, तो हमें हमारी विरासत पर गर्व होगा.' उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत अपनी विविधता का जश्न मनाता है. 'सौराष्ट्र तमिल संगमम’ के समापन समारोह को डिजिटल तरीके से संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि गुजरात और तमिलनाडु के बीच बहुत कुछ ऐसा है जिसे जानबूझकर 'हमारी' जानकारी से बाहर रखा गया है. उन्होंने कहा, 'आज हमारा लक्ष्य 2047 (भारत को विकसित देश बनाना) है. हमारे सामने गुलामी के युग और उसके बाद के सात दशकों की अवधि की चुनौतियां भी हैं.'

प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमें देश को आगे लेकर जाना है, लेकिन रास्ते में तोड़ने वाली ताकतें और भटकाने वाले लोग भी मिलेंगे. भारत कठिन से कठिन हालातों में भी कुछ नया करने की ताकत रखता है. सबसे कठिन परिस्थितियों में भी भारत में कुछ नया करने का साहस है.' उन्होंने यह भी कहा कि भारत एक ऐसा देश है जो अपनी विविधता को अपनी विशेषता के रूप में प्रदर्शित करता है. उन्होंने कहा, 'हम विविधता का जश्न मनाने वाले लोग हैं. हम विभिन्न भाषाओं और बोलियों, विभिन्न कलाओं और ज्ञान का जश्न मनाते हैं. हमारे विश्वास से लेकर आध्यात्मिकता तक हर जगह विविधता है.'

इससे पहले पीएमओ ने एक बयान में कहा कि इस कार्यक्रम की शुरुआत एक भारत- श्रेष्ठ भारत की भावना को बढ़ावा देने को लेकर प्रधानमंत्री की सोच में निहित है, जो देश के विभिन्न हिस्सों में लोगों के बीच सदियों पुराने संबंधों को सामने लाने और उन्हें फिर से खोजने में सहायता करता है.

बयान में कहा गया कि इसी सोच को ध्यान में रखते हुए इससे पहले काशी तमिल संगमम् का आयोजन किया गया था. वहीं, सौराष्ट्र तमिल संगमम्, गुजरात और तमिलनाडु के बीच साझा संस्कृति व विरासत का उत्सव मनाकर इस सोच को आगे बढ़ाता है. पीएमओ के मुताबिक कई सदी पहले बड़ी संख्या में लोग सौराष्ट्र क्षेत्र से तमिलनाडु चले गए थे. इसे देखते हुए सौराष्ट्र तमिल संगमम् ने सौराष्ट्र के तमिलों को अपनी जड़ों के साथ फिर से जुड़ने का एक अवसर प्रदान किया है.

पढ़ें: पहचान अक्षुण्ण रखने के लिए सांस्कृतिक सुरक्षा भी उतनी ही महत्वपूर्ण, जितने सुरक्षा के अन्य पहलू: राजनाथ

इस 10 दिवसीय संगम में हिस्सा लेने के लिए 3,000 से अधिक सौराष्ट्र के तमिल एक विशेष ट्रेन से सोमनाथ आए हैं. यह कार्यक्रम 17 अप्रैल को शुरू हुआ था और इसका समापन समारोह 26 अप्रैल को सोमनाथ में आयोजित किया जा रहा है. इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सौराष्ट्र तमिल संगमम् के सम्मेलन को संबोधित किया था. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला बोला था. उन्होंने कहा कि कुछ लोग जो और करने लायक नहीं हैं, वे भारत क जोड़ने के नाम पर यात्रा कर रहे हैं.

पीटीआई-भाषा

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि सबसे कठिन परिस्थितियों में भी भारत में कुछ नया करने का साहस है. उन्होंने कहा कि देश 2047 तक विकसित भारत बनने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है लेकिन कुछ ताकतें ऐसी भी हैं जो रास्ते से भटकाने की कोशिशें करेंगी. मोदी ने कहा कि देश ने आजादी के 75 साल पूरे किए हैं और इसने लोगों में अपनी विरासत के प्रति गर्व की भावना को बलवती किया है.

उन्होंने कहा 'जब हम गुलामी की मानसिकता से खुद को मुक्त करके इसे जानेंगे, तो हमें हमारी विरासत पर गर्व होगा.' उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत अपनी विविधता का जश्न मनाता है. 'सौराष्ट्र तमिल संगमम’ के समापन समारोह को डिजिटल तरीके से संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि गुजरात और तमिलनाडु के बीच बहुत कुछ ऐसा है जिसे जानबूझकर 'हमारी' जानकारी से बाहर रखा गया है. उन्होंने कहा, 'आज हमारा लक्ष्य 2047 (भारत को विकसित देश बनाना) है. हमारे सामने गुलामी के युग और उसके बाद के सात दशकों की अवधि की चुनौतियां भी हैं.'

प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमें देश को आगे लेकर जाना है, लेकिन रास्ते में तोड़ने वाली ताकतें और भटकाने वाले लोग भी मिलेंगे. भारत कठिन से कठिन हालातों में भी कुछ नया करने की ताकत रखता है. सबसे कठिन परिस्थितियों में भी भारत में कुछ नया करने का साहस है.' उन्होंने यह भी कहा कि भारत एक ऐसा देश है जो अपनी विविधता को अपनी विशेषता के रूप में प्रदर्शित करता है. उन्होंने कहा, 'हम विविधता का जश्न मनाने वाले लोग हैं. हम विभिन्न भाषाओं और बोलियों, विभिन्न कलाओं और ज्ञान का जश्न मनाते हैं. हमारे विश्वास से लेकर आध्यात्मिकता तक हर जगह विविधता है.'

इससे पहले पीएमओ ने एक बयान में कहा कि इस कार्यक्रम की शुरुआत एक भारत- श्रेष्ठ भारत की भावना को बढ़ावा देने को लेकर प्रधानमंत्री की सोच में निहित है, जो देश के विभिन्न हिस्सों में लोगों के बीच सदियों पुराने संबंधों को सामने लाने और उन्हें फिर से खोजने में सहायता करता है.

बयान में कहा गया कि इसी सोच को ध्यान में रखते हुए इससे पहले काशी तमिल संगमम् का आयोजन किया गया था. वहीं, सौराष्ट्र तमिल संगमम्, गुजरात और तमिलनाडु के बीच साझा संस्कृति व विरासत का उत्सव मनाकर इस सोच को आगे बढ़ाता है. पीएमओ के मुताबिक कई सदी पहले बड़ी संख्या में लोग सौराष्ट्र क्षेत्र से तमिलनाडु चले गए थे. इसे देखते हुए सौराष्ट्र तमिल संगमम् ने सौराष्ट्र के तमिलों को अपनी जड़ों के साथ फिर से जुड़ने का एक अवसर प्रदान किया है.

पढ़ें: पहचान अक्षुण्ण रखने के लिए सांस्कृतिक सुरक्षा भी उतनी ही महत्वपूर्ण, जितने सुरक्षा के अन्य पहलू: राजनाथ

इस 10 दिवसीय संगम में हिस्सा लेने के लिए 3,000 से अधिक सौराष्ट्र के तमिल एक विशेष ट्रेन से सोमनाथ आए हैं. यह कार्यक्रम 17 अप्रैल को शुरू हुआ था और इसका समापन समारोह 26 अप्रैल को सोमनाथ में आयोजित किया जा रहा है. इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सौराष्ट्र तमिल संगमम् के सम्मेलन को संबोधित किया था. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला बोला था. उन्होंने कहा कि कुछ लोग जो और करने लायक नहीं हैं, वे भारत क जोड़ने के नाम पर यात्रा कर रहे हैं.

पीटीआई-भाषा

Last Updated : Apr 26, 2023, 1:42 PM IST
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