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चीन के मुद्दे पर 'अडिग' रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी: जयशंकर

विदेश मंत्री एस. जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) चीन के मुद्दे पर बहुत अडिग रहे हैं और उन्हें चीन-भारत सीमा पर हमारे सशस्त्र बलों की मजबूत तैनाती के आधार पर आंका जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि चीन से निपटने का सही तरीका यह है कि जब डटे रहना हो तो डटे रहना चाहिए.

External Affairs Minister S Jaishankar
विदेश मंत्री एस जयशंकर
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Published : Nov 25, 2022, 11:01 PM IST

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस. जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) चीन के मुद्दे पर बहुत अडिग रहे हैं और उन्हें चीन-भारत सीमा पर हमारे सशस्त्र बलों की मजबूत तैनाती के आधार पर आंका जाना चाहिए. जयशंकर ने हाल ही में इंडोनेशिया के बाली में जी20 शिखर बैठक के दौरान प्रधानमंत्री के चीनी राष्ट्रपति शी जिंनपिंग से हाथ मिलाने को लेकर विपक्ष की आलोचना को खारिज कर दिया. जयशंकर ने कहा कि चीन के साथ लेनदेन में वास्तविकता यह है कि यह देश दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और भारत का निकटतम पड़ोसी है, लेकिन इसके साथ ही इस देश के साथ हमारा एक मुश्किल इतिहास, संघर्ष और एक बहुत बड़ा सीमा विवाद भी जुड़ा रहा है.

विदेश मंत्री ने टाइम्स नाउ शिखर सम्मेलन में कहा कि चीन से निपटने का सही तरीका यह है कि जब डटे रहना हो तो डटे रहना चाहिए. उन्होंने कहा, 'यदि आपको सैनिकों को सीमा तक ले जाना है, तो वे जो करने की कोशिश कर रहे हैं, उससे निपटने के लिए हमें वह करना चाहिए. जिन मुद्दों पर जहां वे हमारे हितों का समर्थन या उसे कमजोर नहीं करते हैं, इसके बारे में जहां आवश्यक हो, स्पष्ट रहे, सार्वजनिक हों.'

जयशंकर ने कहा, 'मैं इसके बारे में हर समय सार्वजनिक रूप से नहीं कहता, लेकिन जहां कूटनीति की आवश्यकता होती है, वहां सार्वजनिक होना अक्सर उपयोगी होता है.' हाल ही में इंडोनेशिया के बाली में जी20 शिखर बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के चीनी राष्ट्रपति से हाथ मिलाने को लेकर कुछ वर्गो खास तौर पर विपक्ष की आलोचना पर परोक्ष प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि वह समझते हैं कि ऐसे लोग हैं जो कोई रूख अख्तियार करते हैं, खास तौर पर अगर वे जिम्मेदारी से मुक्त होते हैं, तब ऐसा करते हैं, ऐसे में वे बिना विचारे कुछ कह सकते हैं. उन्होंने कहा ककि यह स्वतंत्र देश है और लोगों को बात कहने का अधिकार है.

विदेश मंत्री ने कहा कि वे समझते हैं कि जिम्मेदार एवं विचारवान लोग यह देखेंगे कि ऐसे रास्ते हैं जिसके तहत भारत का नेता व्यवहार करते हैं. उन्होंने कहा कि वह समझते हैं कि प्रधानमंत्री ने चीन पर सार्वजनिक रूप से रूख रखा, उनका रूख चीन को लेकर दृढ़ था और प्रधानमंत्री न केवल शब्दों के माध्यम से काफी स्पष्ट थे बल्कि अपने कदमों में भी काफी स्पष्ट थे. जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मामले में वह समझते हैं कि उन्हें इस तथ्य के आंका जाना चाहिए कि भारतीय सेना आज चीन से लगी सीमा पर पूरी क्षमता के साथ डटी है.

ये भी पढ़ें - अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष 2023: जयशंकर ने कहा, खाद्य सुरक्षा अंतरराष्ट्रीय संबंधों का प्रारंभिक बिंदु

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस. जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) चीन के मुद्दे पर बहुत अडिग रहे हैं और उन्हें चीन-भारत सीमा पर हमारे सशस्त्र बलों की मजबूत तैनाती के आधार पर आंका जाना चाहिए. जयशंकर ने हाल ही में इंडोनेशिया के बाली में जी20 शिखर बैठक के दौरान प्रधानमंत्री के चीनी राष्ट्रपति शी जिंनपिंग से हाथ मिलाने को लेकर विपक्ष की आलोचना को खारिज कर दिया. जयशंकर ने कहा कि चीन के साथ लेनदेन में वास्तविकता यह है कि यह देश दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और भारत का निकटतम पड़ोसी है, लेकिन इसके साथ ही इस देश के साथ हमारा एक मुश्किल इतिहास, संघर्ष और एक बहुत बड़ा सीमा विवाद भी जुड़ा रहा है.

विदेश मंत्री ने टाइम्स नाउ शिखर सम्मेलन में कहा कि चीन से निपटने का सही तरीका यह है कि जब डटे रहना हो तो डटे रहना चाहिए. उन्होंने कहा, 'यदि आपको सैनिकों को सीमा तक ले जाना है, तो वे जो करने की कोशिश कर रहे हैं, उससे निपटने के लिए हमें वह करना चाहिए. जिन मुद्दों पर जहां वे हमारे हितों का समर्थन या उसे कमजोर नहीं करते हैं, इसके बारे में जहां आवश्यक हो, स्पष्ट रहे, सार्वजनिक हों.'

जयशंकर ने कहा, 'मैं इसके बारे में हर समय सार्वजनिक रूप से नहीं कहता, लेकिन जहां कूटनीति की आवश्यकता होती है, वहां सार्वजनिक होना अक्सर उपयोगी होता है.' हाल ही में इंडोनेशिया के बाली में जी20 शिखर बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के चीनी राष्ट्रपति से हाथ मिलाने को लेकर कुछ वर्गो खास तौर पर विपक्ष की आलोचना पर परोक्ष प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि वह समझते हैं कि ऐसे लोग हैं जो कोई रूख अख्तियार करते हैं, खास तौर पर अगर वे जिम्मेदारी से मुक्त होते हैं, तब ऐसा करते हैं, ऐसे में वे बिना विचारे कुछ कह सकते हैं. उन्होंने कहा ककि यह स्वतंत्र देश है और लोगों को बात कहने का अधिकार है.

विदेश मंत्री ने कहा कि वे समझते हैं कि जिम्मेदार एवं विचारवान लोग यह देखेंगे कि ऐसे रास्ते हैं जिसके तहत भारत का नेता व्यवहार करते हैं. उन्होंने कहा कि वह समझते हैं कि प्रधानमंत्री ने चीन पर सार्वजनिक रूप से रूख रखा, उनका रूख चीन को लेकर दृढ़ था और प्रधानमंत्री न केवल शब्दों के माध्यम से काफी स्पष्ट थे बल्कि अपने कदमों में भी काफी स्पष्ट थे. जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मामले में वह समझते हैं कि उन्हें इस तथ्य के आंका जाना चाहिए कि भारतीय सेना आज चीन से लगी सीमा पर पूरी क्षमता के साथ डटी है.

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(पीटीआई-भाषा)

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