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बदहाल उत्तराखंड, बह गई सड़क... परेशानी दूर करने वाली ऑलवेदर रोड ने बढ़ाई मुश्किलें

उत्तराखंड की ऑलवेदर रोड मानसून की पहली बारिश भी झेल नहीं पाई. जबकि ये पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है. ऑलवेदर रोड का निर्माण सामरिक दृष्टि से भी किया गया है. क्योंकि यह सड़क सीधा चीन बॉर्डर तक जाती है. ऐसे में इसकी गुणवत्ता पर सवाल खड़े होने लगे हैं.

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Published : Jul 13, 2022, 10:53 PM IST

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चमोली: उत्तराखंड में ऑलवेदर रोड को वरदान माना जा रहा है, लेकिन पहली बरसात में ही इसकी पोल खुल गई है. हर मौसम को झेलने का दावा करने वाली ऑलवेदर रोड मानसून की पहली बारिश भी नहीं झेल पाई. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक उत्तराखंड की ऑलवेदर रोड मानसून की बारिश में बह गई है, जिससे एक बार फिर ऑलवेदर रोड की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

दरअसल, बुधवार को ऋषिकेश-बदरीनाथ ऑलवेदर रोड हाईवे पर पुरसाड़ी के पास सड़क किनारे बने आरसीसी दीवार का एक बड़ा हिस्सा ढह गया, जिससे पूरा हाईवे बाधित हो गया. इस घटना के बाद एक बार फिर ऑलवेदर रोड की गुणवत्ता सवाल खड़े हो रहे हैं. जिस रोड को सरकार सामरिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण बता रही है, क्योंकि ये रास्ता सीधा चीन बॉर्डर तक जाता है, वो रोड बारिश की मार भी नहीं झेल पा रही है.

परेशानी दूर करने वाली ऑलवेदर रोड ने बढ़ाई मुश्किलें

पढ़ें- ऑल वेदर रोड जगह-जगह से टूटी, PM मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को निर्माण कंपनी लगा रही पलीता

ये सवाल इसीलिए भी खड़े हो रहे हैं क्योंकि चमोली में पहली बारिश ने ऑलवेदर सड़क परियोजना की पूरी पोल खोलकर रख दी है. पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ऑलवेदर रोड में कितनी कोताही बरती जा रही है, इसका अंदाजा पुरसाड़ी में हुई घटना से लगाई जा सकती है. क्योंकि भारी बारिश के बाद ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया.

इसके साथ ही कई जगहों पर पुश्तें भी टूट गए हैं. ऐसे हालात में राहगीर जान हथेली पर रखकर सफर कर रहे हैं. अगर इलाके में ऐसे ही भारी बारिश होती रही तो पुरसाड़ी के पास चमोली जिला मुख्यालय को बदरीनाथ धाम से जोड़ने वाला पुल भी ढह सकता है. क्योंकि इस जगह बीच सड़क पर एक बड़ी दरार भी पड़ चुकी है.

पढ़ें- उत्तरकाशी में पुल पर 'रेंग' रही जिंदगी, बरसात ने खोली सिस्टम की सच्चाई

स्थानीय लोग अब ऑलवेदर रोड के निर्माण कार्य की जांच कराने की मांग कर रहे हैं. वहीं, अधिकारी इसे गुणवत्ता का दोष नहीं, बल्कि मौसम की मार बता रहे हैं. ऑलवेदर रोड का निर्माण कार्य कर रही एजेंसी एनएचआईडीसीएल के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर सूर्यकांत शुक्ला का कहना है कि दीवार प्राकृतिक आपदा के कारण ढही है, सड़क निर्माण में घटिया गुणवत्ता जैसी कोई बात नही हैं.

उत्तराखंड के चमोली में 26 ऑलवेदर रोड हैं. इस सड़क को केंद्रीय कार्यदाई संस्था एनएचआईडीसीएल ने बनाया है. यह मार्ग इसलिए भी बेहद महत्वपूर्ण और संवेदनशील हो जाता है. क्योंकि चमोली से नीती घाटी को जोड़ने वाला एकमात्र यही मार्ग है. हालांकि मौजूदा समय में छोटे वाहन इस सड़क से गुजर रहे हैं, लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि ऑलवेदर रोड के नाम से बनी सड़क चंद दिनों की बारिश में धराशायी हो रही है तो मूसलाधार बारिश में इन सड़कों का क्या हाल होगा.

चमोली: उत्तराखंड में ऑलवेदर रोड को वरदान माना जा रहा है, लेकिन पहली बरसात में ही इसकी पोल खुल गई है. हर मौसम को झेलने का दावा करने वाली ऑलवेदर रोड मानसून की पहली बारिश भी नहीं झेल पाई. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक उत्तराखंड की ऑलवेदर रोड मानसून की बारिश में बह गई है, जिससे एक बार फिर ऑलवेदर रोड की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

दरअसल, बुधवार को ऋषिकेश-बदरीनाथ ऑलवेदर रोड हाईवे पर पुरसाड़ी के पास सड़क किनारे बने आरसीसी दीवार का एक बड़ा हिस्सा ढह गया, जिससे पूरा हाईवे बाधित हो गया. इस घटना के बाद एक बार फिर ऑलवेदर रोड की गुणवत्ता सवाल खड़े हो रहे हैं. जिस रोड को सरकार सामरिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण बता रही है, क्योंकि ये रास्ता सीधा चीन बॉर्डर तक जाता है, वो रोड बारिश की मार भी नहीं झेल पा रही है.

परेशानी दूर करने वाली ऑलवेदर रोड ने बढ़ाई मुश्किलें

पढ़ें- ऑल वेदर रोड जगह-जगह से टूटी, PM मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को निर्माण कंपनी लगा रही पलीता

ये सवाल इसीलिए भी खड़े हो रहे हैं क्योंकि चमोली में पहली बारिश ने ऑलवेदर सड़क परियोजना की पूरी पोल खोलकर रख दी है. पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ऑलवेदर रोड में कितनी कोताही बरती जा रही है, इसका अंदाजा पुरसाड़ी में हुई घटना से लगाई जा सकती है. क्योंकि भारी बारिश के बाद ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया.

इसके साथ ही कई जगहों पर पुश्तें भी टूट गए हैं. ऐसे हालात में राहगीर जान हथेली पर रखकर सफर कर रहे हैं. अगर इलाके में ऐसे ही भारी बारिश होती रही तो पुरसाड़ी के पास चमोली जिला मुख्यालय को बदरीनाथ धाम से जोड़ने वाला पुल भी ढह सकता है. क्योंकि इस जगह बीच सड़क पर एक बड़ी दरार भी पड़ चुकी है.

पढ़ें- उत्तरकाशी में पुल पर 'रेंग' रही जिंदगी, बरसात ने खोली सिस्टम की सच्चाई

स्थानीय लोग अब ऑलवेदर रोड के निर्माण कार्य की जांच कराने की मांग कर रहे हैं. वहीं, अधिकारी इसे गुणवत्ता का दोष नहीं, बल्कि मौसम की मार बता रहे हैं. ऑलवेदर रोड का निर्माण कार्य कर रही एजेंसी एनएचआईडीसीएल के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर सूर्यकांत शुक्ला का कहना है कि दीवार प्राकृतिक आपदा के कारण ढही है, सड़क निर्माण में घटिया गुणवत्ता जैसी कोई बात नही हैं.

उत्तराखंड के चमोली में 26 ऑलवेदर रोड हैं. इस सड़क को केंद्रीय कार्यदाई संस्था एनएचआईडीसीएल ने बनाया है. यह मार्ग इसलिए भी बेहद महत्वपूर्ण और संवेदनशील हो जाता है. क्योंकि चमोली से नीती घाटी को जोड़ने वाला एकमात्र यही मार्ग है. हालांकि मौजूदा समय में छोटे वाहन इस सड़क से गुजर रहे हैं, लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि ऑलवेदर रोड के नाम से बनी सड़क चंद दिनों की बारिश में धराशायी हो रही है तो मूसलाधार बारिश में इन सड़कों का क्या हाल होगा.

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