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प्रीतम सिंह का विवादित बयान, मोदी और शाह को बोले दो बैलों की जोड़ी

प्रीतम सिंह ने नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभालते ही विवादित बयान दिया है. उन्होंने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को बैलों की जोड़ी बताया. प्रीतम ने कहा कि भाजपा के दोनों रावत ने प्रदेश में भाजपा को चौपट करने का काम किया है.

प्रीतम सिंह
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Published : Jul 26, 2021, 7:30 PM IST

देहरादून : नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने आधिकारिक रूप से जिम्मेदारी संभालते ही विवादित बयान दे दिया. प्रीतम सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को बैलों की जोड़ी बताया. उन्होंने कहा कि देश में दो बैलों की जोड़ी काम कर रही है. भाजपा के दोनों नेताओं ने प्रदेश में भाजपा को चौपट करने का काम किया है.

प्रीतम सिंह ने कहा कि आगामी चुनाव को लेकर प्रदेश में कई तरह की बातें हो रही हैं. जिसमें मुख्य रूप से मुफ्त में बिजली देने की चर्चा जोरों पर है. अगर भाजपा सरकार को बिजली मुफ्त देनी थी तो यह योजना 2017 में शुरू करनी चाहिए थी.

प्रीतम सिंह का विवादित बयान,

अब जब चुनाव में महज छह महीने का वक्त बचा है तो जनता को मुफ्त बिजली देने की बात कर रहे हैं. भाजपा सरकार मुफ्त बिजली का तो वादा कर रही है, लेकिन सत्ता में बैठे लोगों को यह जानकारी नहीं है कि राज्य में बिजली का उत्पादन और खपत कितनी है.

उन्होंने कहा कि जब से भाजपा सरकार बनी है, तब से सरकार के भीतर समन्वय कहीं भी दिखाई नहीं दे रहा है. यही वजह है कि भाजपा ने बार-बार मुख्यमंत्री बदले. जब भाजपा ने पहला मुख्यमंत्री बदला तो उम्मीद थी कि दूसरे मुख्यमंत्री कुछ काम करेंगे, लेकिन दूसरे मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड का नाम रोशन कर दिया.

यही नहीं, भाजपा के इस कार्यकाल में दूसरे मुख्यमंत्री के रूप में तीरथ सिंह रावत को मात्र चार महीने में ही विदा कर दिया गया और संवैधानिक संकट का बहाना बना दिया. जबकि संवैधानिक संकट नहीं था. क्योंकि सल्ट विधानसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत उपचुनाव लड़ सकते थे.

पढ़ें : गोदियाल उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष, रावत चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख नियुक्त

प्रीतम ने कहा कि भाजपा यह समझ गई थी कि पूर्व के दोनों रावत ने इस प्रदेश में भाजपा को चौपट करने का काम किया है. इसलिए संवैधानिक संकट का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री को पद से मुक्त किया गया. वहीं, केंद्र पर हमला करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि देश के दो बैलों की जोड़ी से यह पूछना चाहते हैं कि क्या उन्हें पता नहीं था तीरथ सिंह रावत सांसद हैं.

प्रीतम सिंह ने कहा कि राज्य में 57 सीटें भाजपा को मिली हैं. ऐसे में उसमें से किसी को मुख्यमंत्री बनाया जाता, लेकिन भाजपा ने एक और प्रयोग करते हुए राज्य की कमान किसी और के हाथों में सौंप दी. इस सरकार में कई मंत्री कोप भवन में चले गए थे ऐसे में उन मंत्रियों को कोप भवन से निकालने के लिए किसी मंत्री को ऊर्जा, किसी मंत्री को आबकारी, तो किसी मंत्री को पीडब्ल्यूडी विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई.

प्रीतम ने कहा कि बीजेपी का सत्ता में बैठे नेताओं पर कोई नियंत्रण नहीं है. क्योंकि सरकार और संगठन के बीच कोई समन्वय नहीं है. यही वजह है कि भाजपा में सिर फुटव्वल की स्थिति बनी हुई है. लिहाजा 2022 विधानसभा चुनाव में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस चुनाव जीत कर सत्ता पर काबिज होगी.

वहीं, प्रीतम सिंह के आरोपों पर भाजपा ने पलटवार किया है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता नवीन ठाकुर ने कहा कि प्रीतम सिंह को बड़ी मुश्किल से प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली थी, जिससे उनको हाथ धोना पड़ा है. यही नहीं, पिछले 4 साल के भीतर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्यों का एक भी पत्र किसी भी मुख्यमंत्री को नहीं सौंपा है.

लिहाजा नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह सिर्फ कटाक्ष ही कर सकते हैं. यही नहीं, नेता प्रतिपक्ष ने जिस भाषा का प्रयोग किया है, उस भाषा का जवाब 2022 विधानसभा चुनाव में जनता देगी. नया-नया दायित्व प्रीतम सिंह को मिला है, ऐसे में वह कुछ ना कुछ जरूर बोलेंगे. कांग्रेस 2022 विधानसभा चुनाव की तैयारी नहीं कर रही है, बल्कि, अपने संगठन के नेताओं को एकजुट करने की कोशिश कर रही है.

देहरादून : नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने आधिकारिक रूप से जिम्मेदारी संभालते ही विवादित बयान दे दिया. प्रीतम सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को बैलों की जोड़ी बताया. उन्होंने कहा कि देश में दो बैलों की जोड़ी काम कर रही है. भाजपा के दोनों नेताओं ने प्रदेश में भाजपा को चौपट करने का काम किया है.

प्रीतम सिंह ने कहा कि आगामी चुनाव को लेकर प्रदेश में कई तरह की बातें हो रही हैं. जिसमें मुख्य रूप से मुफ्त में बिजली देने की चर्चा जोरों पर है. अगर भाजपा सरकार को बिजली मुफ्त देनी थी तो यह योजना 2017 में शुरू करनी चाहिए थी.

प्रीतम सिंह का विवादित बयान,

अब जब चुनाव में महज छह महीने का वक्त बचा है तो जनता को मुफ्त बिजली देने की बात कर रहे हैं. भाजपा सरकार मुफ्त बिजली का तो वादा कर रही है, लेकिन सत्ता में बैठे लोगों को यह जानकारी नहीं है कि राज्य में बिजली का उत्पादन और खपत कितनी है.

उन्होंने कहा कि जब से भाजपा सरकार बनी है, तब से सरकार के भीतर समन्वय कहीं भी दिखाई नहीं दे रहा है. यही वजह है कि भाजपा ने बार-बार मुख्यमंत्री बदले. जब भाजपा ने पहला मुख्यमंत्री बदला तो उम्मीद थी कि दूसरे मुख्यमंत्री कुछ काम करेंगे, लेकिन दूसरे मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड का नाम रोशन कर दिया.

यही नहीं, भाजपा के इस कार्यकाल में दूसरे मुख्यमंत्री के रूप में तीरथ सिंह रावत को मात्र चार महीने में ही विदा कर दिया गया और संवैधानिक संकट का बहाना बना दिया. जबकि संवैधानिक संकट नहीं था. क्योंकि सल्ट विधानसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत उपचुनाव लड़ सकते थे.

पढ़ें : गोदियाल उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष, रावत चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख नियुक्त

प्रीतम ने कहा कि भाजपा यह समझ गई थी कि पूर्व के दोनों रावत ने इस प्रदेश में भाजपा को चौपट करने का काम किया है. इसलिए संवैधानिक संकट का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री को पद से मुक्त किया गया. वहीं, केंद्र पर हमला करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि देश के दो बैलों की जोड़ी से यह पूछना चाहते हैं कि क्या उन्हें पता नहीं था तीरथ सिंह रावत सांसद हैं.

प्रीतम सिंह ने कहा कि राज्य में 57 सीटें भाजपा को मिली हैं. ऐसे में उसमें से किसी को मुख्यमंत्री बनाया जाता, लेकिन भाजपा ने एक और प्रयोग करते हुए राज्य की कमान किसी और के हाथों में सौंप दी. इस सरकार में कई मंत्री कोप भवन में चले गए थे ऐसे में उन मंत्रियों को कोप भवन से निकालने के लिए किसी मंत्री को ऊर्जा, किसी मंत्री को आबकारी, तो किसी मंत्री को पीडब्ल्यूडी विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई.

प्रीतम ने कहा कि बीजेपी का सत्ता में बैठे नेताओं पर कोई नियंत्रण नहीं है. क्योंकि सरकार और संगठन के बीच कोई समन्वय नहीं है. यही वजह है कि भाजपा में सिर फुटव्वल की स्थिति बनी हुई है. लिहाजा 2022 विधानसभा चुनाव में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस चुनाव जीत कर सत्ता पर काबिज होगी.

वहीं, प्रीतम सिंह के आरोपों पर भाजपा ने पलटवार किया है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता नवीन ठाकुर ने कहा कि प्रीतम सिंह को बड़ी मुश्किल से प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली थी, जिससे उनको हाथ धोना पड़ा है. यही नहीं, पिछले 4 साल के भीतर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्यों का एक भी पत्र किसी भी मुख्यमंत्री को नहीं सौंपा है.

लिहाजा नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह सिर्फ कटाक्ष ही कर सकते हैं. यही नहीं, नेता प्रतिपक्ष ने जिस भाषा का प्रयोग किया है, उस भाषा का जवाब 2022 विधानसभा चुनाव में जनता देगी. नया-नया दायित्व प्रीतम सिंह को मिला है, ऐसे में वह कुछ ना कुछ जरूर बोलेंगे. कांग्रेस 2022 विधानसभा चुनाव की तैयारी नहीं कर रही है, बल्कि, अपने संगठन के नेताओं को एकजुट करने की कोशिश कर रही है.

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