नई दिल्ली : संसद के मॉनसून सत्र (Parliament Monsoon Session) के लिए लोकसभा की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित निचले सदन में विभिन्न दलों के नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भेंट की.
बुधवार को लोकसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, लोकसभा अध्यक्ष ने सभी दलों के नेताओं से भविष्य में सदन में चर्चा और संवाद को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया. बिरला ने कहा, ' चर्चा और संवाद से ही जनता का कल्याण होगा.' संसद के मॉनसून सत्र के समापन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भेंट की. लोकसभा अध्यक्ष के कक्ष में हुई इस मुलाकात के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी भी मौजूद थे.
इनके अलावा तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय, द्रमुक के टी आर बालू, अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल, वाईएसआरसीपी के मिथुन रेड्डी, बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्रा, जदयू के राजीव रंजन सिंह लल्लन, बसपा के रितेश पांडेय और तेलंगाना राष्ट्र समिति के नामा नागेश्वर राव समेत अनेक विपक्षी दलों के नेता भी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिलने पहुंचे.
संसद के मॉनसून सत्र के लिए लोकसभा की बैठक बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. पेगासस जासूसी मामला, तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग सहित अन्य मुद्दों पर विपक्षी दलों के शोर-शराबे के कारण पूरे सत्र में सदन में कामकाज बाधित रहा और सिर्फ 22 प्रतिशत कार्य निष्पादन हुआ.
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मॉनसून सत्र में लोकसभा की कार्यवाही सुचारू तरीके से नहीं चलने पर दु:ख प्रकट करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने आज संवाददाताओं से कहा कि सदन की कार्यवाही सहमति एवं सामूहिक जिम्मेदारी के साथ चलनी चाहिए लेकिन आसन के समीप आकर सदस्यों का तख्तियां लहराना और नारे लगाना परंपराओं के अनुरूप नहीं है.
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सहमति-असहमति लोकतंत्र की विशेषता है. कई मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाती है, गतिरोध बना रहता है. उन्होंने कहा कि हमने इस दिशा में संवाद के जरिये कोशिश की है और भविष्य में और कोशिश करेंगे.
(पीटीआई-भाषा)