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पीएम मोदी ने कोरोना से निपटने के लिए संयुक्त वैश्विक प्रयास का किया आह्वान

वार्षिक रायसीना डायलॉग को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोविड-19 जैसी महामारी आखिरी बार लगभग एक शताब्दी पहले आई थी, लेकिन इसके बावजूद आज पूरी दुनिया इस महामारी से जूझ रही है.

पीएम मोदी
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Published : Apr 13, 2021, 8:23 PM IST

Updated : Apr 13, 2021, 9:47 PM IST

नई दिल्ली : पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को रायसीना डायलॉग के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि रायसीना डायलॉग का यह संस्करण मानव इतिहास में एक ऐतिहासिक घटना के रूप में दर्ज होगा.

पीएम मोदी ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ जंग में संयुक्त वैश्विक प्रयासों पर बल देते हुए कहा कि जब तक सभी इसके खिलाफ एकजुट नहीं होंगे, तब तक मानवजाति इसे पराजित करने में समर्थ नहीं होगी.

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 जैसी महामारी आखिरी बार लगभग एक शताब्दी पहले आई थी, लेकिन इसके बावजूद आज पूरी दुनिया इस महामारी से जूझ रही है. उन्होंने कहा कि भारत ने इन विषम परिस्थितियों के बीच अपने 130 करोड़ नागरिकों को कोविड-19 से बचाने का प्रयास किया और महामारी से मुकाबला करने में दूसरे देशों की भी सहायता की.

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने दुनिया में एक ऐसी व्यवस्था विकसित करने का अवसर दिया, जिससे मौजूदा समस्याओं और भावी चुनौतियों का निराकरण किया जा सके.

उन्होंने कहा, कोविड-19 महामारी ने हमें अवसर दिया है कि हम वैश्विक व्यवस्था में बदलाव कर सकें और अपनी सोच में परिवर्तन ला सकें. हमें ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए, जिससे आज की समस्याओं और आगामी चुनौतियों का निराकरण हो सके.

यह भी पढ़ें- अंतरिक्ष में मानव के 60 साल पूरे, जानें यूरी गागरिन के पूरे मिशन के बारे में

उन्होंने कहा, हम अच्छी तरह समझते हैं कि मानव जाति इस महामारी को तब तक नहीं हरा पाएगी, जब तक हम सभी इसके खिलाफ एकजुट नहीं हो जाते. इसलिए कई बाधाओं के बावजूद हमने 80 से अधिक देशों को कोविड-19 रोधी टीके उपलब्ध कराए.

उन्होंने कहा कि इस महामारी के खिलाफ जंग से मिले अनुभवों, विशेषज्ञता और संसाधनों को भारत दुनिया भर से साझा करता रहेगा.

नई दिल्ली : पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को रायसीना डायलॉग के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि रायसीना डायलॉग का यह संस्करण मानव इतिहास में एक ऐतिहासिक घटना के रूप में दर्ज होगा.

पीएम मोदी ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ जंग में संयुक्त वैश्विक प्रयासों पर बल देते हुए कहा कि जब तक सभी इसके खिलाफ एकजुट नहीं होंगे, तब तक मानवजाति इसे पराजित करने में समर्थ नहीं होगी.

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 जैसी महामारी आखिरी बार लगभग एक शताब्दी पहले आई थी, लेकिन इसके बावजूद आज पूरी दुनिया इस महामारी से जूझ रही है. उन्होंने कहा कि भारत ने इन विषम परिस्थितियों के बीच अपने 130 करोड़ नागरिकों को कोविड-19 से बचाने का प्रयास किया और महामारी से मुकाबला करने में दूसरे देशों की भी सहायता की.

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने दुनिया में एक ऐसी व्यवस्था विकसित करने का अवसर दिया, जिससे मौजूदा समस्याओं और भावी चुनौतियों का निराकरण किया जा सके.

उन्होंने कहा, कोविड-19 महामारी ने हमें अवसर दिया है कि हम वैश्विक व्यवस्था में बदलाव कर सकें और अपनी सोच में परिवर्तन ला सकें. हमें ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए, जिससे आज की समस्याओं और आगामी चुनौतियों का निराकरण हो सके.

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उन्होंने कहा, हम अच्छी तरह समझते हैं कि मानव जाति इस महामारी को तब तक नहीं हरा पाएगी, जब तक हम सभी इसके खिलाफ एकजुट नहीं हो जाते. इसलिए कई बाधाओं के बावजूद हमने 80 से अधिक देशों को कोविड-19 रोधी टीके उपलब्ध कराए.

उन्होंने कहा कि इस महामारी के खिलाफ जंग से मिले अनुभवों, विशेषज्ञता और संसाधनों को भारत दुनिया भर से साझा करता रहेगा.

Last Updated : Apr 13, 2021, 9:47 PM IST
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