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Congress Urges Citizens : 'कर्नाटक चुनाव में व्यस्त हैं पीएम मोदी, जनता आत्मनिर्भर बने' - Prakash Rathod

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) का बेंगलुरु में दो दिन रोडशो होना है. उससे पहले कांग्रेस ने पीएम पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर हिंसा को नजरंदाज कर कर्नाटक में चुनाव प्रचार में लगे हैं. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट.

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Published : May 5, 2023, 8:50 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने शुक्रवार को पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि देश के नागरिकों को आत्मनिर्भर बनना चाहिए और अपनी समस्याओं का समाधान खुद ढूंढना चाहिए क्योंकि प्रधानमंत्री कर्नाटक चुनाव में व्यस्त हैं. पिछले कुछ दिनों से राज्य भर में प्रचार कर रहे पीएम शनिवार को बेंगलुरु में एक मेगा रोड शो करने वाले हैं. 40 किमी लंबे रोड शो के पूरे शहर को कवर करने और कर्नाटक की राजधानी भर में ट्रैफिक जाम लगने की संभावना है, जिसके लिए स्थानीय प्रशासन ने निवासियों के लिए सलाह जारी की है.

कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रकाश राठौड़ (Prakash Rathod) ने ईटीवी भारत से कहा कि, 'प्रधानमंत्री ने कभी भी देश के मुद्दों को हल करने की जहमत नहीं उठाई. मणिपुर जल रहा है और वह कर्नाटक में चुनाव प्रचार कर रहे हैं. कर्नाटक में जब बाढ़ आई थी तो प्रधानमंत्री ने कभी जाने की जहमत नहीं उठाई, न ही कोई विशेष राहत पैकेज दिया था. अब जब चुनाव आ गया है तो वह राज्य में दिन बिता रहे हैं. उनके लिए देश चलाने से ज्यादा महत्वपूर्ण चुनाव जीतना है.'

उन्होंने कहा कि 'इसकी तुलना में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बेहद अलग थे. वह राज्य के चुनावों में एक या दो रैलियों करते थे. कोई नहीं कह रहा है कि पीएम को प्रचार नहीं करना चाहिए लेकिन उन्हें देश भी चलाना है.'

राठौड़ के मुताबिक ' पीएम शोमैन हैं. उनके लिए उनकी ड्रेसिंग, पर्सनल इमेज और कैमरा एंगल ज्यादा मायने रखते हैं. जब 2019 का पुलवामा आतंकी हमला हुआ, तब वह एक वन्यजीव वृत्तचित्र की शूटिंग में व्यस्त थे. वास्तव में उन्हें ऑस्कर पुरस्कार मिलना चाहिए क्योंकि वह किसी भी दिन अभिनय में अमिताभ बच्चन को पछाड़ देंगे.'

कांग्रेस नेता कहा कि 'कर्नाटक चुनावों में प्रधानमंत्री के प्रचार ने यह भी दिखाया कि राज्य भाजपा पूरी तरह से उन पर निर्भर थी और स्थानीय नेताओं की कमी थी.' राठौर ने कहा कि 'इसी तरह केंद्रीय मंत्रिमंडल चलाया जाता है. मंत्रियों का शायद ही कुछ कहना होता है और सभी निर्णय एक व्यक्ति द्वारा लिए जाते हैं.'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कनिष्ठ केंद्रीय गृह मंत्री अजय माकन ने आश्चर्य जताया, 'पीएम मणिपुर को कैसे नजरअंदाज कर सकते हैं.' माकन ने कहा कि 'एक पूर्वोत्तर राज्य में देखते ही गोली मारने के आदेश हैं, जिसका मतलब है कि स्थिति की निगरानी के लिए पीएम को नई दिल्ली में होना चाहिए. जलते राज्य की चिंता करने के बजाए पीएम मोदी का वोट हासिल करने के लिए प्रचार करना अधिक महत्वपूर्ण है.'

उन्होंने कहा कि 'जब मणिपुर जल रहा है तो पीएम कर्नाटक में प्रचार करने और दक्षिणी राज्य को परेशान करने के लिए लगातार तीन दिनों तक दिल्ली से दूर कैसे हो सकते हैं. मणिपुर रणनीतिक रूप से देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण राज्य है. क्या उनके पास स्थानीय नेता नहीं हैं जो राज्य के चुनावों से निपट सकें.'

कांग्रेस मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा, 'यह केंद्र सरकार की गलत प्राथमिकताओं को दर्शाता है.' कांग्रेस ने भी एक राष्ट्रीय सलाह ट्वीट करते हुए कहा, 'कर्नाटक चुनाव के लिए पीएम की शनिवार की बेंगलुरु यात्रा को देखते हुए, अन्य राज्यों के नागरिकों से चाहे उन्होंने किसी भी पार्टी को वोट दिया हो, खुद शासन करने का अनुरोध किया है. 13 मई को मतगणना समाप्त होने तक मणिपुर का जलना, पहलवानों का विरोध, पुंछ आतंकी हमला, क्रोनी कैपिटलिज्म, आर्थिक मंदी, कानून व्यवस्था, बढ़ती बेरोजगारी, चरमराता बुनियादी ढांचा, अनियंत्रित मूल्य वृद्धि और भ्रष्टाचार मुद्दे अनसुलझे रहेंगे.'

पढ़ें- Karnataka Election : हाईकोर्ट ने दी पीएम मोदी के बेंगलुरु में रोड शो की इजाजत, एहतियाती कदम उठाने को कहा

नई दिल्ली : कांग्रेस ने शुक्रवार को पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि देश के नागरिकों को आत्मनिर्भर बनना चाहिए और अपनी समस्याओं का समाधान खुद ढूंढना चाहिए क्योंकि प्रधानमंत्री कर्नाटक चुनाव में व्यस्त हैं. पिछले कुछ दिनों से राज्य भर में प्रचार कर रहे पीएम शनिवार को बेंगलुरु में एक मेगा रोड शो करने वाले हैं. 40 किमी लंबे रोड शो के पूरे शहर को कवर करने और कर्नाटक की राजधानी भर में ट्रैफिक जाम लगने की संभावना है, जिसके लिए स्थानीय प्रशासन ने निवासियों के लिए सलाह जारी की है.

कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रकाश राठौड़ (Prakash Rathod) ने ईटीवी भारत से कहा कि, 'प्रधानमंत्री ने कभी भी देश के मुद्दों को हल करने की जहमत नहीं उठाई. मणिपुर जल रहा है और वह कर्नाटक में चुनाव प्रचार कर रहे हैं. कर्नाटक में जब बाढ़ आई थी तो प्रधानमंत्री ने कभी जाने की जहमत नहीं उठाई, न ही कोई विशेष राहत पैकेज दिया था. अब जब चुनाव आ गया है तो वह राज्य में दिन बिता रहे हैं. उनके लिए देश चलाने से ज्यादा महत्वपूर्ण चुनाव जीतना है.'

उन्होंने कहा कि 'इसकी तुलना में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बेहद अलग थे. वह राज्य के चुनावों में एक या दो रैलियों करते थे. कोई नहीं कह रहा है कि पीएम को प्रचार नहीं करना चाहिए लेकिन उन्हें देश भी चलाना है.'

राठौड़ के मुताबिक ' पीएम शोमैन हैं. उनके लिए उनकी ड्रेसिंग, पर्सनल इमेज और कैमरा एंगल ज्यादा मायने रखते हैं. जब 2019 का पुलवामा आतंकी हमला हुआ, तब वह एक वन्यजीव वृत्तचित्र की शूटिंग में व्यस्त थे. वास्तव में उन्हें ऑस्कर पुरस्कार मिलना चाहिए क्योंकि वह किसी भी दिन अभिनय में अमिताभ बच्चन को पछाड़ देंगे.'

कांग्रेस नेता कहा कि 'कर्नाटक चुनावों में प्रधानमंत्री के प्रचार ने यह भी दिखाया कि राज्य भाजपा पूरी तरह से उन पर निर्भर थी और स्थानीय नेताओं की कमी थी.' राठौर ने कहा कि 'इसी तरह केंद्रीय मंत्रिमंडल चलाया जाता है. मंत्रियों का शायद ही कुछ कहना होता है और सभी निर्णय एक व्यक्ति द्वारा लिए जाते हैं.'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कनिष्ठ केंद्रीय गृह मंत्री अजय माकन ने आश्चर्य जताया, 'पीएम मणिपुर को कैसे नजरअंदाज कर सकते हैं.' माकन ने कहा कि 'एक पूर्वोत्तर राज्य में देखते ही गोली मारने के आदेश हैं, जिसका मतलब है कि स्थिति की निगरानी के लिए पीएम को नई दिल्ली में होना चाहिए. जलते राज्य की चिंता करने के बजाए पीएम मोदी का वोट हासिल करने के लिए प्रचार करना अधिक महत्वपूर्ण है.'

उन्होंने कहा कि 'जब मणिपुर जल रहा है तो पीएम कर्नाटक में प्रचार करने और दक्षिणी राज्य को परेशान करने के लिए लगातार तीन दिनों तक दिल्ली से दूर कैसे हो सकते हैं. मणिपुर रणनीतिक रूप से देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण राज्य है. क्या उनके पास स्थानीय नेता नहीं हैं जो राज्य के चुनावों से निपट सकें.'

कांग्रेस मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा, 'यह केंद्र सरकार की गलत प्राथमिकताओं को दर्शाता है.' कांग्रेस ने भी एक राष्ट्रीय सलाह ट्वीट करते हुए कहा, 'कर्नाटक चुनाव के लिए पीएम की शनिवार की बेंगलुरु यात्रा को देखते हुए, अन्य राज्यों के नागरिकों से चाहे उन्होंने किसी भी पार्टी को वोट दिया हो, खुद शासन करने का अनुरोध किया है. 13 मई को मतगणना समाप्त होने तक मणिपुर का जलना, पहलवानों का विरोध, पुंछ आतंकी हमला, क्रोनी कैपिटलिज्म, आर्थिक मंदी, कानून व्यवस्था, बढ़ती बेरोजगारी, चरमराता बुनियादी ढांचा, अनियंत्रित मूल्य वृद्धि और भ्रष्टाचार मुद्दे अनसुलझे रहेंगे.'

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