एकता नगर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को गुजरात की पहली हैरिटेज ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. यह ट्रेन एकता नगर से अहमदाबाद के बीच चलेगी और इससे पर्यटकों को सरदार वल्लभभाई पटेल के स्मारक 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' तक आवागमन में सुविधा होगी. तीन कोच वाली हैरिटेज ट्रेन को एक इलेक्ट्रिक इंजन द्वारा चलाया जाएगा. इसे इस तरह डिजाइन किया गया है ताकि लोगों को भाप इंजन से चलने वाली रेलगाड़ियों की तरह ही अनुभव हो जैसे कि शुरुआती दिनों में धुआं उड़ाती और सीटी बजाती ट्रेनों में लोग अनुभव किया करते थे.
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Live: PM Shri @NarendraModi flags off e-buses & e-bicycles, launches development works in Gujarat https://t.co/Wl8Rx8PqAm
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मोदी ने यहां एकता दिवस समारोह के दौरान ट्रेन को हरी झंडी दिखाते हुए कहा, 'ट्रेन विरासत और आधुनिक सुविधाओं का मिश्रण है.' एकता नगर, जिसे केवड़िया के नाम से भी जाना जाता है, नर्मदा जिले में है. तीनों डिब्बों में 48-48 सीटें हैं और पर्यटक 28-सीटर एसी रेस्तरां डाइनिंग कार में सागौन की लकड़ी की डाइनिंग टेबल और दो सीटर कुशन वाले सोफे पर बैठ कर चाय और स्नैक्स का आनंद ले सकते हैं. वडोदरा के मंडल रेल प्रबंधक जितेंद्र कुमार सिंह ने कहा, 'यह ट्रेन पांच नवंबर से हर रविवार को साप्ताहिक सेवा के रूप में चलेगी. आने वाले दिनों में पर्यटकों से मिलने वाली प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुए इसके फेरे बढ़ाए जाएंगे.'
सभी डिब्बों में सागौन की लकड़ी के इंटीरियर हैं जिन्हें चेन्नई के पेरम्बूर स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में डिजाइन किया गया है. वडोदरा में रेलवे की एक समृद्ध विरासत है, जिसमें रेल सेवाओं को चलाने का पहला प्रयास 1862 में बड़ौदा राज्य के तत्कालीन शासक खांडेराव गायकवाड़ द्वारा किया गया था. इसके बाद डभोई और मियागम के बीच आठ मील के ट्रैक पर बैलों ने ट्रेनों को दौड़ाया. 1880 तक मार्ग पर नियमित रूप से लोकोमोटिव का उपयोग किया गया था.
ट्रेन अहमदाबाद से सुबह छह बज कर दस मिनट पर रवाना होगी और सुबह नौ बज कर पचास मिनट पर केवडिया के रेलवे स्टेशन एकता नगर पहुंचेगी, जहां सरदार सरोवर बांध के जलाशय में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी है. वापसी में यह ट्रेन एकता नगर से रात आठ बज कर 23 मिनट पर रवाना होगी और आधी रात को 5 मिनट बाद अहमदाबाद पहुंचेगी. एक तरफ की यात्रा का किराया 885 रुपये होगा. एकता नगर और अहमदाबाद के बीच 182 किलोमीटर की यात्रा के दौरान ट्रेन का कोई ठहराव नहीं होगा.
विंध्याचल और सतपुड़ा पर्वत श्रृंखलाओं में बसा केवड़िया दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के उद्घाटन के बाद से बड़े पैमाने पर बदल गया है. दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा के अलावा, केवड़िया में पर्यटकों के लिए जंगल सफारी, राफ्टिंग, भूलभुलैया, क्रूज, लाइट एंड साउंड शो, एक ग्लो गार्डन और नर्मदा आरती सहित कई आकर्षण हैं. भारत में दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, नीलगिरि माउंटेन रेलवे, कांगड़ा वैली रेलवे, कालका-शिमला रेलवे, माथेरान हिल रेलवे सहित कई हैरिटेज ट्रेनें हैं.