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भोपाल के हमीदिया अस्पताल में पीएम केयर फंड से मिला वेंटिलेटर बंद होने से कोरोना मरीज की मौत - pm care fund

कोरोना संक्रमितों की जान बचाने के लिए राजधानी के हमीदिया हॉस्पिटल में पीएम केयर फंड से 48 वेंटिलेटर भेजे गए. जेपी हॉस्पिटल में 10 वेंटिलेटर भेज गए, लेकिन ये बेहद घटिया क्वालिटी के हैं. पीएम केयर फंड से खरीदे गए इन वेंटिलेटर्स को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हैं.

bhopal hospital
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Published : May 4, 2021, 8:24 PM IST

भोपाल : कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकार की कोशिशें तो जारी हैं, लेकिन हकीकत में ये कोशिशें संक्रमितों को कोई मदद नहीं पहुंचा पा रही हैं. मरीज ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, जरूरी दवाओं की कमी से जूझ रहे हैं और व्यवस्थाओं से हार मानकर दम तोड़ रहे हैं. कोरोना संक्रमितों की जान बचाने के लिए राजधानी के हमीदिया हॉस्पिटल और जेपी हॉस्पिटल में पीएम केयर फंड से 48 वेंटिलेटर भेजे गए, लेकिन ये बेहद घटिया क्वालिटी के हैं.

20 वेंटिलेटर मिले, 8 खराब
प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत रुकने का नाम नहीं ले रही. सरकार राहत देने के तमाम दावे कर रही है, लेकिन ये दावे हकीकत में कितने सच साबित हो पा रहे हैं इसकी सच्चाई आपको राजधानी भोपाल के ही सबसे बड़े अस्पताल हमीदिया हॉस्पिटल में दिख जाएगी. यहां कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए 20 वेंटिलेटर भेजे गए थे. इनमें से 8 वेंटिलेटर खराब निकले. पिछले 2 दिन से तकरीबन 8 वेंटिलेटर्स में शिकायतें आई हैं. जिससे ऐसे मरीज जिन्हें वेंटिलेटर नहीं मिल पा रहा है, उन्हें हाई फ्लो ऑक्सीजन सपोर्ट पर शिफ्ट करना पड़ता है. लेकिन इसमें हुई देरी से कई मरीज मौत का शिकार बन रहे हैं.

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग की सफाई.

वेंटिलेटर नहीं चला, मरीज की हुई मौत

सीहोर जिले से एक कोरोना संक्रमित मरीज को हमीदिया रेफर किया गया था. यहां के ज्यादातर वेंटिलेटर भरे हुए थे. इसके बाद मरीज को पीएम केयर फंड से मिले वेंटिलेटर पर शिफ्ट करने की कोशिश की गई, लेकिन वेंटिलेटर खराब निकला. इसके बाद आनन फानन में हॉस्पिटल का स्टाफ दूसरा वेंटिलेटर ढूंढने निकला. वेंटिलेटर को ढूंढने में ही आधे घंटे से ज्यादा वक्त लग गया, इसका नतीजा यह हुआ कि मरीज को समय पर इलाज न मिलने से उसकी मौत हो गई.

दूसरे वार्डों में भर्ती मरीज भी हुए परेशान
खराब वेंटिलेटर का इस्तेमाल करने से ऑक्सीजन सप्लाई प्लांट पर भी असर पड़ा, जिससे वह कुछ देर के लिए बंद हो गया. इससे दूसरे वार्डों में भर्ती गंभीर मरीजों को फेफड़े में पानी भरना, कफ जमना, पेट में सेप्टिक इंफेक्शन होना जैसी समस्याएं होने लगीं. काफी देर तक हॉस्पिटल का स्टाफ भी ऑक्सीजन सक्शन प्लांट खराब होने से परेशान होता रहा.

सरकार का दावा सबकुछ ठीक
डॉक्टर्स का कहना है कि खराब वेंटिलेटर की वजह से ऑक्सीजन सक्शन प्लांट में खराबी आ रही है. जिससे मरीजों को हाई फ्लो ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम पर शिफ्ट करना पड़ता है. इसी देरी की वजह से मरीजों की मौत हो रही है. जबकि सरकार कह रही है कि प्रदेश के अस्पतालों में सब कुछ ठीक है. हमीदिया में खराब वेंटिलेटर्स भेजे जाने के मामले पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि उन्होंने इस पूरे मामले को लेकर हमीदिया प्रबंधन से बात की है, लेकिन प्रबंधन का कहना है कि कोई भी वेंटिलेटर खराब नहीं है और मरीजों को सही इलाज मिल रहा है. वेंटिलेटर खराब होने के चलते किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है. वहीं कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने ट्वीट कर इस पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाते हुए प्रदेश की बीजेपी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है. शर्मा ने अपने ट्वीट में कहा है कि पीएम केयर्स फंड में जो वेंटिलेटर्स मंगाए गए हैं वह बेहद घटिया हैं, इनकी खरीदी की जांच होना चाहिए.

भोपाल : कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकार की कोशिशें तो जारी हैं, लेकिन हकीकत में ये कोशिशें संक्रमितों को कोई मदद नहीं पहुंचा पा रही हैं. मरीज ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, जरूरी दवाओं की कमी से जूझ रहे हैं और व्यवस्थाओं से हार मानकर दम तोड़ रहे हैं. कोरोना संक्रमितों की जान बचाने के लिए राजधानी के हमीदिया हॉस्पिटल और जेपी हॉस्पिटल में पीएम केयर फंड से 48 वेंटिलेटर भेजे गए, लेकिन ये बेहद घटिया क्वालिटी के हैं.

20 वेंटिलेटर मिले, 8 खराब
प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत रुकने का नाम नहीं ले रही. सरकार राहत देने के तमाम दावे कर रही है, लेकिन ये दावे हकीकत में कितने सच साबित हो पा रहे हैं इसकी सच्चाई आपको राजधानी भोपाल के ही सबसे बड़े अस्पताल हमीदिया हॉस्पिटल में दिख जाएगी. यहां कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए 20 वेंटिलेटर भेजे गए थे. इनमें से 8 वेंटिलेटर खराब निकले. पिछले 2 दिन से तकरीबन 8 वेंटिलेटर्स में शिकायतें आई हैं. जिससे ऐसे मरीज जिन्हें वेंटिलेटर नहीं मिल पा रहा है, उन्हें हाई फ्लो ऑक्सीजन सपोर्ट पर शिफ्ट करना पड़ता है. लेकिन इसमें हुई देरी से कई मरीज मौत का शिकार बन रहे हैं.

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग की सफाई.

वेंटिलेटर नहीं चला, मरीज की हुई मौत

सीहोर जिले से एक कोरोना संक्रमित मरीज को हमीदिया रेफर किया गया था. यहां के ज्यादातर वेंटिलेटर भरे हुए थे. इसके बाद मरीज को पीएम केयर फंड से मिले वेंटिलेटर पर शिफ्ट करने की कोशिश की गई, लेकिन वेंटिलेटर खराब निकला. इसके बाद आनन फानन में हॉस्पिटल का स्टाफ दूसरा वेंटिलेटर ढूंढने निकला. वेंटिलेटर को ढूंढने में ही आधे घंटे से ज्यादा वक्त लग गया, इसका नतीजा यह हुआ कि मरीज को समय पर इलाज न मिलने से उसकी मौत हो गई.

दूसरे वार्डों में भर्ती मरीज भी हुए परेशान
खराब वेंटिलेटर का इस्तेमाल करने से ऑक्सीजन सप्लाई प्लांट पर भी असर पड़ा, जिससे वह कुछ देर के लिए बंद हो गया. इससे दूसरे वार्डों में भर्ती गंभीर मरीजों को फेफड़े में पानी भरना, कफ जमना, पेट में सेप्टिक इंफेक्शन होना जैसी समस्याएं होने लगीं. काफी देर तक हॉस्पिटल का स्टाफ भी ऑक्सीजन सक्शन प्लांट खराब होने से परेशान होता रहा.

सरकार का दावा सबकुछ ठीक
डॉक्टर्स का कहना है कि खराब वेंटिलेटर की वजह से ऑक्सीजन सक्शन प्लांट में खराबी आ रही है. जिससे मरीजों को हाई फ्लो ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम पर शिफ्ट करना पड़ता है. इसी देरी की वजह से मरीजों की मौत हो रही है. जबकि सरकार कह रही है कि प्रदेश के अस्पतालों में सब कुछ ठीक है. हमीदिया में खराब वेंटिलेटर्स भेजे जाने के मामले पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि उन्होंने इस पूरे मामले को लेकर हमीदिया प्रबंधन से बात की है, लेकिन प्रबंधन का कहना है कि कोई भी वेंटिलेटर खराब नहीं है और मरीजों को सही इलाज मिल रहा है. वेंटिलेटर खराब होने के चलते किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है. वहीं कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने ट्वीट कर इस पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाते हुए प्रदेश की बीजेपी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है. शर्मा ने अपने ट्वीट में कहा है कि पीएम केयर्स फंड में जो वेंटिलेटर्स मंगाए गए हैं वह बेहद घटिया हैं, इनकी खरीदी की जांच होना चाहिए.

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