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तकनीकी परिधान, मानव निर्मित फाइबर के लिये पीएलआई योजना को मिल सकती है मंजूरी - मानव निर्मित फाइबर

घरेलू विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल तकनीकी परिधान आौर मानव निर्मित रेशे (एमएमएफ) के लिये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दे सकता है.

पीएलआई योजना को मिल सकती है मंजूरी
पीएलआई योजना को मिल सकती है मंजूरी
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Published : Sep 7, 2021, 5:11 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल बुधवार को 10,683 करोड़ रुपये व्यय के साथ तकनीकी परिधान आौर मानव निर्मित रेशे (एमएमएफ) के लिये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दे सकता है. इस पहल का मकसद घरेलू विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा देना है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.

उसने कहा कि प्रस्ताव बुधवार को विचार के लिये मंत्रिमंडल के समक्ष आ सकता है. मंत्रिमंडल इससे पहले देश में विनिर्माण क्षमता और निर्यात को बढ़ावा देने के लिये 13 प्रमुख क्षेत्रों के लिये पीएलआई योजना को मंजूरी दे चुका है.

अधिकारी के अनुसार मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद कपड़ा मंत्रालय संबंधित क्षेत्रों के लिये विस्तृत दिशनिर्देश जारी करेगा.

योजना का मकसद भारत में संबंधित क्षेत्रों में समस्याओं को दूर कर, पैमाने की मितव्ययिता प्राप्त कर तथा दक्षता सुनिश्चित कर विनिर्माण को वैóश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाना है. इसे भारत में अनुकूल परिवेश बनाने और देश को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का एक अभिन्न हिस्सा बनाने के उद्श्य के साथ तैयार किया गया है.

इस योजना से वैश्विक निवेश आकर्षित होने, बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होने और निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है. यह योजना घरेलू कंपनियों को वैश्विक स्तर पर प्रमुख इकाई बनने में भी मदद करेगी.

पढ़ें - SBI के पूर्व चेयरमैन रजनीश कुमार बने आंध्र प्रदेश के नए आर्थिक सलाहकार

भारत के मानव निर्मित रेशे से बने कपड़ों का निर्यात उसके कुल परिधान निर्यात का केवल 10 प्रतिशत है. यह 2019-20 में लगभग 16 अरब डालर था.

(भाषा)

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल बुधवार को 10,683 करोड़ रुपये व्यय के साथ तकनीकी परिधान आौर मानव निर्मित रेशे (एमएमएफ) के लिये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दे सकता है. इस पहल का मकसद घरेलू विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा देना है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.

उसने कहा कि प्रस्ताव बुधवार को विचार के लिये मंत्रिमंडल के समक्ष आ सकता है. मंत्रिमंडल इससे पहले देश में विनिर्माण क्षमता और निर्यात को बढ़ावा देने के लिये 13 प्रमुख क्षेत्रों के लिये पीएलआई योजना को मंजूरी दे चुका है.

अधिकारी के अनुसार मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद कपड़ा मंत्रालय संबंधित क्षेत्रों के लिये विस्तृत दिशनिर्देश जारी करेगा.

योजना का मकसद भारत में संबंधित क्षेत्रों में समस्याओं को दूर कर, पैमाने की मितव्ययिता प्राप्त कर तथा दक्षता सुनिश्चित कर विनिर्माण को वैóश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाना है. इसे भारत में अनुकूल परिवेश बनाने और देश को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का एक अभिन्न हिस्सा बनाने के उद्श्य के साथ तैयार किया गया है.

इस योजना से वैश्विक निवेश आकर्षित होने, बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होने और निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है. यह योजना घरेलू कंपनियों को वैश्विक स्तर पर प्रमुख इकाई बनने में भी मदद करेगी.

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भारत के मानव निर्मित रेशे से बने कपड़ों का निर्यात उसके कुल परिधान निर्यात का केवल 10 प्रतिशत है. यह 2019-20 में लगभग 16 अरब डालर था.

(भाषा)

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