नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट लोकसभा चुनाव 2024 से पहले 33 प्रतिशत महिला आरक्षण विधेयक को सही मायने में तत्काल लागू करने की मांग वाली याचिका पर 3 नवंबर को सुनवाई करेगा. याचिका जया ठाकुर ने वकील वरुण ठाकुर और वरिंदर कुमार शर्मा के माध्यम से दायर की गई है. मामले की सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की पीठ करेगी.
याचिकाकर्ता ने संसदीय आम चुनाव 2024 से पहले 33 प्रतिशत महिला आरक्षण को सही मायने में लागू करने की मांग की. याचिकाकर्ता ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में समाज के सभी कोनों का प्रतिनिधित्व आवश्यक है लेकिन पिछले 75 वर्षों से संसद के साथ-साथ राज्य विधानमंडल में भी महिलाओं का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है.
इसकी मांग दशकों से लंबित थी और संसद ने 33 प्रतिशत आरक्षण के लिए उपरोक्त अधिनियम को सही ढंग से पारित किया. हालांकि, इस बात पर अड़ंगा लगा दिया कि इस अधिनियम को परिसीमन के बाद लागू किया जाएगा. याचिकाकर्ता ने कहा, '33 प्रतिशत महिला आरक्षण के तत्काल कार्यान्वयन के लिए जनगणना को 'शून्य' घोषित किया जा सकता है. उन्होंने आगे कहा कि संवैधानिक संशोधन को एक अनिश्चित अवधि के लिए रोका नहीं जा सकता है.
दरअसल, संसद के साथ-साथ राज्य विधानमंडल में आरक्षण लागू करने के लिए इस संशोधन विशेष सत्र को बुलाया गया था और दोनों सदनों ने इस विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया. भारत के राष्ट्रपति ने भी इसे मंजूरी दे दी और इसके बाद 28 सितंबर, 2023 को अधिनियम को अधिसूचित किया गया. याचिकाकर्ता ने कहा कि इसके बाद अधिनियम के उद्देश्य को अनिश्चित अवधि के लिए रोका नहीं जा सकता.