नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें पश्चिम बंगाल में हुए हालिया विधानसभा चुनाव के दौरान हुई हिंसा में 16 से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत की जांच एसआईटी (SIT) से कराने की मांग की गई है.
याचिका महाराष्ट्र के एक वकील घनश्याम उपाध्याय ने दायर की है. वकील ने याचिका में तर्क दिया, बीती 2 मई को राज्य में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों को मौत के घाट उतारा गया और उनके घरों को नष्ट किया गया, जिसके चलते उन्हें अपना घर छोड़कर छिपने के लिए मजबूर होना पड़ा.'
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वकील ने याचिका में आगे तर्क दिया, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपना राजधर्म पूरी तरह से भूल चुकी हैं और राज्य के एक निश्चित वर्ग के लोगों के साथ, जिन्होंने चुनाव में प्रचार किया और उनके राजनीतिक दल के खिलाफ मतदान किया, उचित व्यवहार नहीं किया. वकील ने कहा कि टीएमसी के लोगों ने भाजपा से संबंधित लोगों की हत्या और नरसंहार किया और राज्य की कानून लागू करने वाली एजेंसियां और पुलिस तंत्र ऐसे जघन्य अपराधों पर मूक दर्शक बनी हुई है.'
राज्य में हिंसा पर मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता घनश्याम उपाध्याय ने कहा, ममता बनर्जी और उनकी पार्टी एक जिम्मेदार सरकार के सिद्धांतों को तोड़ने की कोशिशों में लगी है. बजाय इसके वे घरेलू हिंसा को बढ़ावा देकर तानाशाही स्थापित करने की कोशिश कर रही हैं.
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याचिकाकर्ता ने राज्य के राज्यपाल को राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति पर एक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने और यह घोषित करने का निर्देश देने की मांग की है कि राज्य में कानून का शासन नहीं है और यहां संवैधानिक मशीनरी पूरी तरह से विफल हो चुकी है. याचिकाकर्ता ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग की है.