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पाकिस्तान : सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, लोगों के हाथों में दिखे पीएम मोदी के पोस्टर

पाकिस्तान के सिंध प्रांत के जमसोरो जिले में सैयद के गृहनगर में आयोजित विशाल रैली के दौरान लोगों ने आजादी समर्थक नारे लगाए. इस दौरान उनके हाथों में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत वैश्विक नेताओं के पोस्टर देखने को मिले.

पाकिस्तान में जीएम सैयद
पाकिस्तान में जीएम सैयद
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Published : Jan 18, 2021, 10:22 AM IST

Updated : Jan 18, 2021, 11:11 AM IST

सन्न : पाकिस्तान में जीएम सैयद की 117वीं जयंती पर आयोजित एक विशाल रैली में प्रदर्शनकारियों ने सिंधुदेश की आजादी के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य विश्व नेताओं के पोस्टर हाथों में लेकर प्रदर्शन किया. पाकिस्तान के सिंध प्रांत के जमसोरो जिले में सैयद के गृहनगर में रविवार को आयोजित विशाल रैली के दौरान लोगों ने आजादी समर्थक नारे लगाए.

सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

उन्होंने दावा किया कि सिंध, सिंधु घाटी सभ्यता और वैदिक धर्म का घर है जो ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया था और उनके द्वारा 1947 में पाकिस्तान के बुरे इस्लामी हाथों में पहुंचा दिया गया था.

दर्दनाक हमलों के बीच सिंध ने इतिहास, संस्कृति, स्वतंत्रता, सहिष्णु और सामंजस्यपूर्ण समाज के रूप में अपनी अलग ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखा हुआ है.

यह भी पढ़ें : हिंदू समुदाय के नेताओं ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में मंदिर के लिए सुरक्षा की मांग की

जेई सिंध मुत्तहिदा महाज के अध्यक्ष शफी मुहम्मद बुरफात ने कहा कि विदेशी और देशी लोगों की भाषाओं और विचारों ने न केवल एक-दूसरे को प्रभावित किया है, बल्कि मानव सभ्यता के सामान्य संदेश को स्वीकार और अवशोषित किया है.

उन्होंने आगे कहा कि पूर्व और पश्चिम के धर्मों, दर्शन और सभ्यता के इस ऐतिहासिक मेल ने हमारी मातृभूमि सिंध को मानवता के इतिहास में एक अलग स्थान दिया है.

सन्न : पाकिस्तान में जीएम सैयद की 117वीं जयंती पर आयोजित एक विशाल रैली में प्रदर्शनकारियों ने सिंधुदेश की आजादी के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य विश्व नेताओं के पोस्टर हाथों में लेकर प्रदर्शन किया. पाकिस्तान के सिंध प्रांत के जमसोरो जिले में सैयद के गृहनगर में रविवार को आयोजित विशाल रैली के दौरान लोगों ने आजादी समर्थक नारे लगाए.

सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

उन्होंने दावा किया कि सिंध, सिंधु घाटी सभ्यता और वैदिक धर्म का घर है जो ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया था और उनके द्वारा 1947 में पाकिस्तान के बुरे इस्लामी हाथों में पहुंचा दिया गया था.

दर्दनाक हमलों के बीच सिंध ने इतिहास, संस्कृति, स्वतंत्रता, सहिष्णु और सामंजस्यपूर्ण समाज के रूप में अपनी अलग ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखा हुआ है.

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जेई सिंध मुत्तहिदा महाज के अध्यक्ष शफी मुहम्मद बुरफात ने कहा कि विदेशी और देशी लोगों की भाषाओं और विचारों ने न केवल एक-दूसरे को प्रभावित किया है, बल्कि मानव सभ्यता के सामान्य संदेश को स्वीकार और अवशोषित किया है.

उन्होंने आगे कहा कि पूर्व और पश्चिम के धर्मों, दर्शन और सभ्यता के इस ऐतिहासिक मेल ने हमारी मातृभूमि सिंध को मानवता के इतिहास में एक अलग स्थान दिया है.

Last Updated : Jan 18, 2021, 11:11 AM IST
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