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दिल्ली से अजमेर तक दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक ट्रेन, पीयूष गोयल ने किया उद्घाटन

रेल मंत्री पीयूष गोयल रविवार को अलवर के ढिगावडा स्टेशन पहुंचे. उन्होंने ढिगावडा व बांदीकुई विद्युतीकरण ट्रैक का उद्घाटन किया. इस दौरान दिल्ली से आ रही मालगाड़ी को गुजरात के लिए रवाना किया गया. इस दौरान उन्होंने रेल के निजीकरण को लेकर बड़ी बात कही, जिसमें बोला की यह विपक्षी द्वारा किया गया दुष्प्रचार है.

पीयूष गोयल
पीयूष गोयल
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Published : Nov 29, 2020, 5:46 PM IST

Updated : Nov 29, 2020, 7:01 PM IST

अलवर : दिल्ली से अजमेर तक अब विद्युत से चलने वाली ट्रेनों का संचालन होगा. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को ढिगावडा व बांदीकुई विद्युतीकरण ट्रैक का उद्घाटन किया. ट्रैक उद्घाटन के लिए वह अलवर के ढिगावडा स्टेशन पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि भारतीय रेल देश की संपत्ति है और इसका निजीकरण एक दुष्प्रचार है. पीपीपी मॉडल पर अगर कुछ उद्योगपति ट्रेनें चलाना चाहते हैं तो उनका रेलवे स्वागत करती है. उन्होंने कहा कि 2022 में 15 अगस्त से पहले डीएमआईसी (दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रीयल कॉरीडोर) का काम पूरा हो जाएगा.

ढिगावडा व बांदीकुई विद्युतीकरण ट्रैक का उद्घाटन

इस दौरान पीयूष गोयल ने कहा कि 9 माह बाद पहली बार किसी कार्यक्रम में जाने का मौका मिला है. यह कार्यक्रम जरूर छोटा है, लेकिन मोदी सरकार में भारतीय रेल लगातार उन्नति पर बढ़ रही है. सभी के सहयोग से काम को गति मिलती है. मोदी सरकार के कार्यकाल में रेलवे ने नई उपलब्धि हासिल की है. इससे प्रदूषण में कमी आएगी व ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी.

बांदीकुई विद्युतीकरण रेलवे लाइन का उद्घाटन

स्पेशल ट्रेन से रेल मंत्री सुबह 11.20 बजे पर अलवर के ढिगावडा स्टेशन पर पहुंचे. रेलवे के अधिकारी व भाजपा नेताओं ने उनका स्वागत किया. अलवर के ढिगावडा से बांदीकुई विद्युतीकरण रेलवे लाइन का उद्घाटन करते हुए रेल मंत्री ने कहा कि राजस्थान में 2014 के पहले कोटा लाइन का विद्युतीकरण कार्य किया गया.

35 साल तक इस लाइन पर कोई काम नहीं हुआ, रेलवे को चिंता नहीं थी. राजस्थान में रेलवे का विकास पूरी तरह से ठप था. 2009 से 2014 तक विद्युतीकरण के क्षेत्र में भी जीरो फीसदी काम हुआ है.

उसके बाद 682 करोड़ रुपये का निवेश 2009 से 2014 के बीच रहा, जबकि 2014 से 2020 तक हर वर्ष 28 हजार करोड़ का निवेश रेलवे की तरफ से किया जाने लगा. 2014 से पहले 65 अंडर पास बनाए गए, जबकि 2014 के बाद 378 अंडरपास बनाए गए, 4 फुट ओवर ब्रिज 2014 से पहले बने, लेकिन मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान 30 रोड ओवरब्रिज बनाए गए. 74 प्रतिशत नई लाइनों का काम हुआ. डबलिंग का काम भी दोगुना किया गया. 950 किलोमीटर नई लाइन डाली जाएगी. गेज कन्वर्जन पर 4000 करोड़ का निवेश होगा.

पढ़ें: मन की बात' में डॉ. गौरव का जिक्र, हिमाचल से है गहरा नाता

रेल मंत्री ने कहा कि अब दिल्ली से अजमेर तक विद्युत से ट्रेनों का संचालन होगा. जरूरत के हिसाब से अलवर मार्ग पर ट्रेनों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. अलवर से मंत्री पीयूष गोयल बांदीकुई ट्रेन से रवाना हुए, बांदीकुई से मेहंदीपुर बालाजी सड़क मार्ग से होते हुए जाएंगे.

बालाजी के दर्शन के बाद महावीर जी में पूजा करेंगे. रात को 9 बजे महावीर जी स्टेशन से दिल्ली निजामुद्दीन के लिए रवाना होंगे. इस दौरान बांदीकुई व महावीर जी सहित कई स्टेशनों का निरीक्षण करेंगे. रेलवे को बेहतर बनाने और यात्री सुविधाएं बढ़ाने पर अधिकारियों से चर्चा करेंगे.

2022 से पहले पूरा होगा डीएमआईसी का काम

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि डीएमआईसी प्रोजेक्ट का काम 2022 से पहले पूरा होगा. उनकी निगरानी में पूरा काम हो रहा है. 15 अगस्त 2022 से पहले इस प्रोजेक्ट का काम पूरा हो जाएगा. औद्योगिक क्षेत्र में कई शहर सीधे महानगरों से जुड़ पाएंगे.

रेलवे के निजीकरण को लेकर उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियों ने इसको लेकर दुष्प्रचार किया है. रेलवे भारत की संपत्ति है और भारत सरकार की संपत्ति रहेगी. रेलवे को 50 हजार करोड़ रुपये की आवश्यकता है, ऐसे में पीपीपी मॉडल पर लोगों को ट्रेन संचालन के लिए दी जा रही है. इससे यात्रियों को भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी.

अलवर : दिल्ली से अजमेर तक अब विद्युत से चलने वाली ट्रेनों का संचालन होगा. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को ढिगावडा व बांदीकुई विद्युतीकरण ट्रैक का उद्घाटन किया. ट्रैक उद्घाटन के लिए वह अलवर के ढिगावडा स्टेशन पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि भारतीय रेल देश की संपत्ति है और इसका निजीकरण एक दुष्प्रचार है. पीपीपी मॉडल पर अगर कुछ उद्योगपति ट्रेनें चलाना चाहते हैं तो उनका रेलवे स्वागत करती है. उन्होंने कहा कि 2022 में 15 अगस्त से पहले डीएमआईसी (दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रीयल कॉरीडोर) का काम पूरा हो जाएगा.

ढिगावडा व बांदीकुई विद्युतीकरण ट्रैक का उद्घाटन

इस दौरान पीयूष गोयल ने कहा कि 9 माह बाद पहली बार किसी कार्यक्रम में जाने का मौका मिला है. यह कार्यक्रम जरूर छोटा है, लेकिन मोदी सरकार में भारतीय रेल लगातार उन्नति पर बढ़ रही है. सभी के सहयोग से काम को गति मिलती है. मोदी सरकार के कार्यकाल में रेलवे ने नई उपलब्धि हासिल की है. इससे प्रदूषण में कमी आएगी व ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी.

बांदीकुई विद्युतीकरण रेलवे लाइन का उद्घाटन

स्पेशल ट्रेन से रेल मंत्री सुबह 11.20 बजे पर अलवर के ढिगावडा स्टेशन पर पहुंचे. रेलवे के अधिकारी व भाजपा नेताओं ने उनका स्वागत किया. अलवर के ढिगावडा से बांदीकुई विद्युतीकरण रेलवे लाइन का उद्घाटन करते हुए रेल मंत्री ने कहा कि राजस्थान में 2014 के पहले कोटा लाइन का विद्युतीकरण कार्य किया गया.

35 साल तक इस लाइन पर कोई काम नहीं हुआ, रेलवे को चिंता नहीं थी. राजस्थान में रेलवे का विकास पूरी तरह से ठप था. 2009 से 2014 तक विद्युतीकरण के क्षेत्र में भी जीरो फीसदी काम हुआ है.

उसके बाद 682 करोड़ रुपये का निवेश 2009 से 2014 के बीच रहा, जबकि 2014 से 2020 तक हर वर्ष 28 हजार करोड़ का निवेश रेलवे की तरफ से किया जाने लगा. 2014 से पहले 65 अंडर पास बनाए गए, जबकि 2014 के बाद 378 अंडरपास बनाए गए, 4 फुट ओवर ब्रिज 2014 से पहले बने, लेकिन मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान 30 रोड ओवरब्रिज बनाए गए. 74 प्रतिशत नई लाइनों का काम हुआ. डबलिंग का काम भी दोगुना किया गया. 950 किलोमीटर नई लाइन डाली जाएगी. गेज कन्वर्जन पर 4000 करोड़ का निवेश होगा.

पढ़ें: मन की बात' में डॉ. गौरव का जिक्र, हिमाचल से है गहरा नाता

रेल मंत्री ने कहा कि अब दिल्ली से अजमेर तक विद्युत से ट्रेनों का संचालन होगा. जरूरत के हिसाब से अलवर मार्ग पर ट्रेनों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. अलवर से मंत्री पीयूष गोयल बांदीकुई ट्रेन से रवाना हुए, बांदीकुई से मेहंदीपुर बालाजी सड़क मार्ग से होते हुए जाएंगे.

बालाजी के दर्शन के बाद महावीर जी में पूजा करेंगे. रात को 9 बजे महावीर जी स्टेशन से दिल्ली निजामुद्दीन के लिए रवाना होंगे. इस दौरान बांदीकुई व महावीर जी सहित कई स्टेशनों का निरीक्षण करेंगे. रेलवे को बेहतर बनाने और यात्री सुविधाएं बढ़ाने पर अधिकारियों से चर्चा करेंगे.

2022 से पहले पूरा होगा डीएमआईसी का काम

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि डीएमआईसी प्रोजेक्ट का काम 2022 से पहले पूरा होगा. उनकी निगरानी में पूरा काम हो रहा है. 15 अगस्त 2022 से पहले इस प्रोजेक्ट का काम पूरा हो जाएगा. औद्योगिक क्षेत्र में कई शहर सीधे महानगरों से जुड़ पाएंगे.

रेलवे के निजीकरण को लेकर उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियों ने इसको लेकर दुष्प्रचार किया है. रेलवे भारत की संपत्ति है और भारत सरकार की संपत्ति रहेगी. रेलवे को 50 हजार करोड़ रुपये की आवश्यकता है, ऐसे में पीपीपी मॉडल पर लोगों को ट्रेन संचालन के लिए दी जा रही है. इससे यात्रियों को भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी.

Last Updated : Nov 29, 2020, 7:01 PM IST
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