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पिनराई विजयन ने दिल्ली के अस्पताल में नर्सों को मलयालम बोलने से रोकने वाले आदेश की निंदा की

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (Pinarayi Vijayan ) ने दिल्ली के एक अस्पताल में नर्सों को मलयालम बोलने से रोकने वाले आदेश की निंदा करने के साथ ही इसे 'देश की विविधता पर हमला' बताया.

पिनराई विजयन
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Published : Jun 7, 2021, 3:38 AM IST

तिरुवनंतपुरम : केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (Pinarayi Vijayan) ने रविवार को दिल्ली के एक अस्पताल में नर्सों को मलयालम बोलने से रोकने वाले आदेश की निंदा की और इस मामले को 'देश की विविधता पर हमला' करार दिया.

हालांकि, उन्होंने विभिन्न पक्षों से आलोचना के बाद अस्पताल प्रशासन द्वारा इस आदेश को वापस लेने के कदम की सराहना की.

पढ़ें -दिल्ली के अस्पताल में नर्सों के मलयालम भाषा के इस्तेमाल पर लगी रोक

विजयन ने फेसबुक पर कहा, 'मलयालम भारत की आधिकारिक भाषाओं में शुमार है. प्रशासन ने काफी देर से इस निदंनीय परिपत्र को वापस लिया जोकि हमारे देश के सांस्कृतिक एवं लोकतांत्रिक ढांचे के खिलाफ था.'

दिल्ली के सरकारी गोविंद बल्लभ पंत अस्पताल ने नर्सिंग कर्मचारियों को मलयालम भाषा में बात न करने के लिए कहने वाले आदेश को आलोचना के बाद रविवार को वापस ले लिया और कहा कि मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें - अस्पताल ने काम के दौरान मलयालम में बात करने से नर्सों को रोकने संबंधी आदेश वापस लिया

सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने इस विवादास्पद परिपत्र के मामले में गोविंद बल्लभ पंत स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (जीआईपीएमईआर) को एक ज्ञापन जारी किया है.

दिल्ली के प्रमुख अस्पतालों में से एक गोविंद बल्लभ पंत स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान संस्थान द्वारा जारी परिपत्र में नर्सों से कहा गया था कि वे संवाद के लिए केवल हिंदी और अंग्रेजी का उपयोग करें, अन्यथा 'कड़ी कार्रवाई' का सामना करने के लिए तैयार रहें.

(पीटीआई-भाषा)

तिरुवनंतपुरम : केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (Pinarayi Vijayan) ने रविवार को दिल्ली के एक अस्पताल में नर्सों को मलयालम बोलने से रोकने वाले आदेश की निंदा की और इस मामले को 'देश की विविधता पर हमला' करार दिया.

हालांकि, उन्होंने विभिन्न पक्षों से आलोचना के बाद अस्पताल प्रशासन द्वारा इस आदेश को वापस लेने के कदम की सराहना की.

पढ़ें -दिल्ली के अस्पताल में नर्सों के मलयालम भाषा के इस्तेमाल पर लगी रोक

विजयन ने फेसबुक पर कहा, 'मलयालम भारत की आधिकारिक भाषाओं में शुमार है. प्रशासन ने काफी देर से इस निदंनीय परिपत्र को वापस लिया जोकि हमारे देश के सांस्कृतिक एवं लोकतांत्रिक ढांचे के खिलाफ था.'

दिल्ली के सरकारी गोविंद बल्लभ पंत अस्पताल ने नर्सिंग कर्मचारियों को मलयालम भाषा में बात न करने के लिए कहने वाले आदेश को आलोचना के बाद रविवार को वापस ले लिया और कहा कि मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें - अस्पताल ने काम के दौरान मलयालम में बात करने से नर्सों को रोकने संबंधी आदेश वापस लिया

सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने इस विवादास्पद परिपत्र के मामले में गोविंद बल्लभ पंत स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (जीआईपीएमईआर) को एक ज्ञापन जारी किया है.

दिल्ली के प्रमुख अस्पतालों में से एक गोविंद बल्लभ पंत स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान संस्थान द्वारा जारी परिपत्र में नर्सों से कहा गया था कि वे संवाद के लिए केवल हिंदी और अंग्रेजी का उपयोग करें, अन्यथा 'कड़ी कार्रवाई' का सामना करने के लिए तैयार रहें.

(पीटीआई-भाषा)

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