ETV Bharat / bharat

पत्रकारों को किया जाए प्राथमिकता से वैक्सीनेट, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर - मीडिया कर्मियों को फ्रंटलाइन वर्कर

पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर मानकर उन्हें प्राथमिकता से वैक्सीनेट करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है. पढ़ें पूरी खबर...

sc
sc
author img

By

Published : May 21, 2021, 4:24 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें केंद्र और राज्यों को पत्रकारों और मीडिया कर्मियों को फ्रंटलाइन वर्कर मानकर उनका प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण करने का निर्देश देने की मांग की गई है क्योंकि पत्रकारों ने कोरोना काल में अपनी जान को जोखिम में डालकर लोगों तक हर समाचार को पहुंचाया है.

जनहित याचिका एडवोकेट विशाल तिवारी द्वारा दायर की गई है, जिसमें कहा गया है, मौजूदा स्थिति के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए मौके से सीधे समाचार प्रसारित करना बलिदान की सेवा है और फिर भी सरकार ने इनके जीवन के मूल्य को मान्यता नहीं दी है.

उनका कहना है कि प्रेस को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है और इसके द्वारा दी गई जानकारी लोगों को एक सूचित निर्णय लेने और देश की स्थिति से अवगत होने में मदद करती है.

तिवारी ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि पत्रकारों के अथक प्रयासों के बावजूद सरकारें उन्हें पहचानने में विफल रही है और कई पत्रकारों ने महामारी के चलते अपनी जान गंवा दी है. याचिकाकर्ता ने मृत पत्रकारों के परिजनों के लिए 20 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की मांग की. साथ ही पत्रकारों के लिए प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण शुरू करने की भी मांग की.

पढ़ें :- कोविड-19 रोधी टीकाकरण के लिए पत्रकारों को अग्रिम पंक्ति का कर्मी माना जाए : फडणवीस

इससे पहले एक सुनवाई के दौरान, पूर्व न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा था कि पत्रकारों को लोगों से सीधे बातचीत करने की आवश्यकता नहीं है. वे इसके बिना भी काम कर सकते हैं.

न्यायालय ने न्यायिक अधिकारियों और कर्मचारियों के टीकाकरण को प्राथमिकता देने पर विचार किया था क्योंकि अदालत को लगा कि न्यायिक अधिकारी और कर्मचारी कोरोना काल में वायरस के संपर्क में आए हैं. बता दें कि पिछले एक साल से अदालत ऑनलाइन माध्यम से काम कर रही है और कर्मचारी बारी-बारी से अदालत में जाते हैं जिससे संक्रमण का खतरा कम रहे.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें केंद्र और राज्यों को पत्रकारों और मीडिया कर्मियों को फ्रंटलाइन वर्कर मानकर उनका प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण करने का निर्देश देने की मांग की गई है क्योंकि पत्रकारों ने कोरोना काल में अपनी जान को जोखिम में डालकर लोगों तक हर समाचार को पहुंचाया है.

जनहित याचिका एडवोकेट विशाल तिवारी द्वारा दायर की गई है, जिसमें कहा गया है, मौजूदा स्थिति के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए मौके से सीधे समाचार प्रसारित करना बलिदान की सेवा है और फिर भी सरकार ने इनके जीवन के मूल्य को मान्यता नहीं दी है.

उनका कहना है कि प्रेस को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है और इसके द्वारा दी गई जानकारी लोगों को एक सूचित निर्णय लेने और देश की स्थिति से अवगत होने में मदद करती है.

तिवारी ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि पत्रकारों के अथक प्रयासों के बावजूद सरकारें उन्हें पहचानने में विफल रही है और कई पत्रकारों ने महामारी के चलते अपनी जान गंवा दी है. याचिकाकर्ता ने मृत पत्रकारों के परिजनों के लिए 20 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की मांग की. साथ ही पत्रकारों के लिए प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण शुरू करने की भी मांग की.

पढ़ें :- कोविड-19 रोधी टीकाकरण के लिए पत्रकारों को अग्रिम पंक्ति का कर्मी माना जाए : फडणवीस

इससे पहले एक सुनवाई के दौरान, पूर्व न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा था कि पत्रकारों को लोगों से सीधे बातचीत करने की आवश्यकता नहीं है. वे इसके बिना भी काम कर सकते हैं.

न्यायालय ने न्यायिक अधिकारियों और कर्मचारियों के टीकाकरण को प्राथमिकता देने पर विचार किया था क्योंकि अदालत को लगा कि न्यायिक अधिकारी और कर्मचारी कोरोना काल में वायरस के संपर्क में आए हैं. बता दें कि पिछले एक साल से अदालत ऑनलाइन माध्यम से काम कर रही है और कर्मचारी बारी-बारी से अदालत में जाते हैं जिससे संक्रमण का खतरा कम रहे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.