ETV Bharat / bharat

विधि आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के लिये सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका

देश के 22वें विधि आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के लिये सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायक की गई है. इसमें केंद्रीय गृह मंत्रालय, कानून एवं न्याय मंत्रालय और विधि आयोग को पक्षकार बनाया गया है.

सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका
सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका
author img

By

Published : Dec 24, 2020, 7:18 PM IST

नई दिल्ली : देश के 22वें विधि आयोग को 'सांविधिक संस्था' घोषित करने और एक महीने के भीतर इसके अध्यक्ष तथा सदस्यों की नियुक्ति के लिये सुप्रीम कोर्ट में बृहस्पतिवार को एक जनहित याचिका दायर की गई.

भाजपा नेता एवं अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की है. इसमें केंद्रीय गृह मंत्रालय, कानून एवं न्याय मंत्रालय और विधि आयोग को पक्षकार बनाया गया है.

याचिका में कहा गया है कि 21वें विधि आयोग का कार्यकाल 31 अगस्त, 2018 को समाप्त हो गया था, लेकिन केन्द्र सरकार ने न तो उसका कार्यकाल बढ़ाया और न ही अभी तक 22वें विधि आयोग का गठन किया है.

याचिका के अनुसार, हालांकि केन्द्र ने 19 फरवरी, 2020 को 22वें विधि आयोग के गठन के फैसले की घोषणा की थी, लेकिन इसके लिये अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्तियां अभी तक नहीं हुई हैं.

याचिका में केन्द्र सरकार को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वह यथाशीघ्र 22वें विधि आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति करे.

पढ़ें- जब तक अनुच्छेद 370 बहाल नहीं होगा, चुनाव नहीं लड़ूंगा: उमर अब्दुल्ला

साथ ही, यह भी अनुरोध किया गया है कि न्यायालय को वैकल्पिक उपाय के रूप में अपने संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल करते हुए आवश्यक पहल करनी चाहिए.

उपाध्याय ने विधि आयोग को यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया है कि नेताओं और अपराधियों की साठगांठ के बारे में वोहरा समिति की रिपोर्ट पर विचार करने का निर्देश दिया जाए.

याचिका में काला धन, बेनामी संपत्ति और आय के ज्ञात स्रोत से अधिक अर्जित की गई संपत्ति पूरी तरह से जब्त करने तथा ऐसे लोगों के चुनाव लड़ने पर जीवन भर के लिये प्रतिबंध लगाने के बारे में भी विधि आयोग को विचार कर अपनी रिपोर्ट पेश करने के वास्ते निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.

नई दिल्ली : देश के 22वें विधि आयोग को 'सांविधिक संस्था' घोषित करने और एक महीने के भीतर इसके अध्यक्ष तथा सदस्यों की नियुक्ति के लिये सुप्रीम कोर्ट में बृहस्पतिवार को एक जनहित याचिका दायर की गई.

भाजपा नेता एवं अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की है. इसमें केंद्रीय गृह मंत्रालय, कानून एवं न्याय मंत्रालय और विधि आयोग को पक्षकार बनाया गया है.

याचिका में कहा गया है कि 21वें विधि आयोग का कार्यकाल 31 अगस्त, 2018 को समाप्त हो गया था, लेकिन केन्द्र सरकार ने न तो उसका कार्यकाल बढ़ाया और न ही अभी तक 22वें विधि आयोग का गठन किया है.

याचिका के अनुसार, हालांकि केन्द्र ने 19 फरवरी, 2020 को 22वें विधि आयोग के गठन के फैसले की घोषणा की थी, लेकिन इसके लिये अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्तियां अभी तक नहीं हुई हैं.

याचिका में केन्द्र सरकार को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वह यथाशीघ्र 22वें विधि आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति करे.

पढ़ें- जब तक अनुच्छेद 370 बहाल नहीं होगा, चुनाव नहीं लड़ूंगा: उमर अब्दुल्ला

साथ ही, यह भी अनुरोध किया गया है कि न्यायालय को वैकल्पिक उपाय के रूप में अपने संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल करते हुए आवश्यक पहल करनी चाहिए.

उपाध्याय ने विधि आयोग को यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया है कि नेताओं और अपराधियों की साठगांठ के बारे में वोहरा समिति की रिपोर्ट पर विचार करने का निर्देश दिया जाए.

याचिका में काला धन, बेनामी संपत्ति और आय के ज्ञात स्रोत से अधिक अर्जित की गई संपत्ति पूरी तरह से जब्त करने तथा ऐसे लोगों के चुनाव लड़ने पर जीवन भर के लिये प्रतिबंध लगाने के बारे में भी विधि आयोग को विचार कर अपनी रिपोर्ट पेश करने के वास्ते निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.