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पीएम पोस्टर मामले में हुई FIR रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

याचिकाकर्ता प्रदीप कुमार ने अपनी याचिका में तर्क दिया है कि पीएम मोदी के खिलाफ लगाए गए पोस्टर के चलते लोगों पर एफआईआर दर्ज करना संविधान द्वारा प्रदान की गई उनकी अभिव्यक्ति की स्वंतत्रता और मौलिक अधिकारों के खिलाफ है.

सुप्रीम कोर्ट
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Published : May 17, 2021, 3:48 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें कोविड-19 वैक्सीन की कमी को लेकर पीएम मोदी के खिलाफ लगाए गए पोस्टर पर कार्रवाई करते हुए कुछ लोगों पर दर्ज की गई एफआईआर को मौलिक अधिकारों के खिलाफ बताकर उसे रद्द करने की मांग की गई है. दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इस पोस्टर को ट्विटर पर साझा करने के बाद से यह पोस्टर सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल रहा है.

याचिकाकर्ता प्रदीप कुमार ने अपनी याचिका में तर्क दिया है कि पीएम मोदी के खिलाफ लगाए गए पोस्टर के चलते लोगों पर एफआईआर दर्ज करना संविधान द्वारा प्रदान की गई उनकी अभिव्यक्ति की स्वंतत्रता और मौलिक अधिकारों के खिलाफ है. इसलिए कोर्ट को इन लोगों के मौलिक अधिकारों को ध्यान में रखते हुए इस मामले में जिन-जिन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, उन्हें रद्द किया जाना चाहिए.

ये भी पढ़े : पोस्टर, पंगा और पॉलिटिक्स: वैक्सीनेशन पर विपक्ष और सोशल मीडिया के निशाने पर मोदी सरकार

बता दें, पोस्टर चस्पा करने के चलते अब तक 20 से ज्यादा लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है और कइयों की गिरफ्तारी भी हुई है. वहीं, वैक्सीन की कमी के चलते कई कार्यकर्ताओं और विपक्षी नेताओं ने सरकार पर कई सवाल खड़े किए हैं. वहीं इन गिरफ्तारी के बाद से ही कई नेताओं ने इस वायरल पोस्टर में लिखे सवाल को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा कर लिखा है कि पुलिस उन्हें गिरफ्तार करके दिखाए.

पोस्टर में ऐसा क्या है ?

'हमारे बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यों भेज दिया ?' राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भी अपने ट्विटर अकाउंट की प्रोफाइल फोटो पर यह पोस्टर साझा किया है. इस पोस्टर में किया गया सवाल सोशल मीडिया और सियासी गलियारों में खूब ट्रेंड कर रहा है.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें कोविड-19 वैक्सीन की कमी को लेकर पीएम मोदी के खिलाफ लगाए गए पोस्टर पर कार्रवाई करते हुए कुछ लोगों पर दर्ज की गई एफआईआर को मौलिक अधिकारों के खिलाफ बताकर उसे रद्द करने की मांग की गई है. दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इस पोस्टर को ट्विटर पर साझा करने के बाद से यह पोस्टर सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल रहा है.

याचिकाकर्ता प्रदीप कुमार ने अपनी याचिका में तर्क दिया है कि पीएम मोदी के खिलाफ लगाए गए पोस्टर के चलते लोगों पर एफआईआर दर्ज करना संविधान द्वारा प्रदान की गई उनकी अभिव्यक्ति की स्वंतत्रता और मौलिक अधिकारों के खिलाफ है. इसलिए कोर्ट को इन लोगों के मौलिक अधिकारों को ध्यान में रखते हुए इस मामले में जिन-जिन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, उन्हें रद्द किया जाना चाहिए.

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बता दें, पोस्टर चस्पा करने के चलते अब तक 20 से ज्यादा लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है और कइयों की गिरफ्तारी भी हुई है. वहीं, वैक्सीन की कमी के चलते कई कार्यकर्ताओं और विपक्षी नेताओं ने सरकार पर कई सवाल खड़े किए हैं. वहीं इन गिरफ्तारी के बाद से ही कई नेताओं ने इस वायरल पोस्टर में लिखे सवाल को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा कर लिखा है कि पुलिस उन्हें गिरफ्तार करके दिखाए.

पोस्टर में ऐसा क्या है ?

'हमारे बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यों भेज दिया ?' राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भी अपने ट्विटर अकाउंट की प्रोफाइल फोटो पर यह पोस्टर साझा किया है. इस पोस्टर में किया गया सवाल सोशल मीडिया और सियासी गलियारों में खूब ट्रेंड कर रहा है.

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