ETV Bharat / bharat

Rajasthan : पुरुष आयोग के गठन की मांग, राजस्थान हाईकोर्ट में पेश की गई जनहित याचिका

राजस्थान हाईकोर्ट में पुरुष आयोग के गठन को लेकर जनहित याचिका पेश की गई है. इस मामले में ग्रीष्म अवकाश के बाद सुनवाई की जाएगी.

PIL Filed in Rajasthan High Court
PIL Filed in Rajasthan High Court
author img

By

Published : Jun 15, 2023, 8:34 PM IST

जयपुर. राजस्थान में पुरुष आयोग के गठन की गुहार करते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका पेश की गई है. हाईकोर्ट की खंडपीठ मामले में ग्रीष्मावकाश के बाद सुनवाई करेगी. ऋचा सैनी की ओर से पेश इस जनहित याचिका में कहा गया है कि संविधान में महिलाओं के कल्याण के लिए कई प्रावधान किए गए हैं. उनके सामाजिक जीवन स्तर उठाने और सामाजिक सुरक्षा के लिए कई कानूनों का भी निर्माण किया गया है, जबकि पुरुषों के लिए अलग से कोई कानून अस्तित्व में नहीं है.

याचिका में कहा गया कि कई महिलाएं घरेलू हिंसा कानून का दुरुपयोग कर रही हैं, लेकिन पीड़ित पुरुषों की सुनवाई करने वाला कोई नहीं है. कई मामलों में महिलाएं सहमति से संबंध बनाती हैं और बाद में पुरुष को ब्लैकमेल करने के लिए दुष्कर्म का आरोप लगा देती हैं. ऐसे मामले में पुरुष को साबित करना पड़ता है कि उसने दुष्कर्म नहीं किया है.

पढ़ें. Uniform Civil Code : फिर उठ खड़ा हुआ समान नागरिक संहिता विवाद, जानें क्या है यह मामला

इसके अलावा कई महिलाएं सरकारी नौकरी में तलाकशुदा का आरक्षण लेने के लिए शादी के तुरंत बाद तलाक ले लेती हैं. याचिका में क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा गया कि पुरुषों की आत्महत्या का एक बड़ा कारण महिलाओं की प्रताड़ना भी है. महिलाएं कानूनों को हथियार के रूप में काम में लेकर पुरुषों को प्रताड़ित कर रही हैं. इसके बावजूद पुरुषों के पास ऐसा कोई मंच नहीं है, जहां वे अपनी पीड़ा बता सकें. ऐसे में प्रदेश में पुरुष आयोग का गठन किया जाना चाहिए.

जयपुर. राजस्थान में पुरुष आयोग के गठन की गुहार करते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका पेश की गई है. हाईकोर्ट की खंडपीठ मामले में ग्रीष्मावकाश के बाद सुनवाई करेगी. ऋचा सैनी की ओर से पेश इस जनहित याचिका में कहा गया है कि संविधान में महिलाओं के कल्याण के लिए कई प्रावधान किए गए हैं. उनके सामाजिक जीवन स्तर उठाने और सामाजिक सुरक्षा के लिए कई कानूनों का भी निर्माण किया गया है, जबकि पुरुषों के लिए अलग से कोई कानून अस्तित्व में नहीं है.

याचिका में कहा गया कि कई महिलाएं घरेलू हिंसा कानून का दुरुपयोग कर रही हैं, लेकिन पीड़ित पुरुषों की सुनवाई करने वाला कोई नहीं है. कई मामलों में महिलाएं सहमति से संबंध बनाती हैं और बाद में पुरुष को ब्लैकमेल करने के लिए दुष्कर्म का आरोप लगा देती हैं. ऐसे मामले में पुरुष को साबित करना पड़ता है कि उसने दुष्कर्म नहीं किया है.

पढ़ें. Uniform Civil Code : फिर उठ खड़ा हुआ समान नागरिक संहिता विवाद, जानें क्या है यह मामला

इसके अलावा कई महिलाएं सरकारी नौकरी में तलाकशुदा का आरक्षण लेने के लिए शादी के तुरंत बाद तलाक ले लेती हैं. याचिका में क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा गया कि पुरुषों की आत्महत्या का एक बड़ा कारण महिलाओं की प्रताड़ना भी है. महिलाएं कानूनों को हथियार के रूप में काम में लेकर पुरुषों को प्रताड़ित कर रही हैं. इसके बावजूद पुरुषों के पास ऐसा कोई मंच नहीं है, जहां वे अपनी पीड़ा बता सकें. ऐसे में प्रदेश में पुरुष आयोग का गठन किया जाना चाहिए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.