कोलकाता: कलकत्ता उच्च न्यायालय के वकील राम प्रसाद सरकार ने उच्च न्यायालय में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के खिलाफ एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की कि सौरव गांगुली को अवैध रूप से बोर्ड अध्यक्ष के पद से क्यों हटाया गया. वकील के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद गांगुली को बीसीसीआई अध्यक्ष पद से क्यों हटाया गया?
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि सौरव गांगुली और जय शाह 2025 तक पद पर बने रह सकते हैं. लेकिन सौरव को पद छोड़ना पड़ा जबकि जय शाह सत्ता में रहे. याचिकाकर्ता के अनुसार गांगुली बंगाल के पूर्व क्रिकेटर और भारत के पूर्व कप्तान हैं. यह बंगाल का अपमान है. क्या इसके पीछे कोई राजनीतिक साजिश है? उन्होंने यह भी कहा कि बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया है.
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वहां हारने के बाद, बोर्ड उच्च न्यायालय में आ सकता है और कह सकता है कि यह उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला नहीं है. लेकिन इस संबंध में बोर्ड को हाईकोर्ट में आकर जवाब देना होगा. कोर्ट को कमेटी बनाकर जांच करने दीजिए. मामले की सुनवाई अगले मंगलवार को होने की संभावना है. यह याद किया जा सकता है कि गांगुली को बोर्ड के अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था और एक अन्य पूर्व क्रिकेटर रोजर बिन्नी, जो 1983 की विश्व कप विजेता टीम के सदस्य भी थे, सर्वसम्मति से बोर्ड के अध्यक्ष बनाए गये.