श्रीनगर : कोरोना काल के चलते लोगों ने अपने काम-काज करने के तरीकों के विकल्प ढुंढ लिए थे. उन्हीं विकल्पों में से सबसे ज्यादा अपनाने वाला तरीका था 'Work from home', यानी कि घर से काम करना और ये मुमकिन हो पाया 'Digital' माध्यम से. न्यायिक प्रक्रिया चालू रखने के लिए भी इसी तरीके को अपनाया गया, जिसे 'Online Hearings' का नाम दिया गया. चूंकि अब कोरोना के मामलों में गिरावट देखने को मिल रही है इसलिए तीन महीने बाद वापस सोमवार को जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय सहित जम्मू-कश्मीर की सभी अदालतों में सुनवाई की साधारण प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी गई है.
कोर्ट के खुलने के बाद, जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने आज सुबह 9:30 बजे से कोर्ट के गेट पर अधिवक्ताओं, याचिकाकर्ताओं और प्रतिवादियों की लाइन लगनी शुरू हो गई. अदालत प्रशासन ने 30 जून को निर्देश जारी किया था कि केवल टीकाकरण वाले व्यक्तियों को ही अदालत परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी. क्षेत्र में आतंकवादी हमलों में वृद्धि को देखते हुए सुरक्षा बलों के जवानों को भी परिसर के बाहर तैनात किया गया है.
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अदालत ने 30 जून को इस संबंध में एक आदेश जारी करते हुए वकीलों और अन्य कर्मचारियों को महामारी के खिलाफ एहतियाती उपाय करने का निर्देश दिया था और जिन लोगों को कोरोना वायरस के खिलाफ टीका लगाया गया है, उन्हें ही अदालत में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी. इसके अलावा आदेश में कहा गया है कि अदालत में केवल उन्हीं वकीलों को पेश होने की अनुमति दी जाएगी जिन्हें मामले की सुनवाई के लिए अदालत में पेश होना है.