चंडीगढ़: पीजीआई चंडीगढ़ (PGI Chandigarh) की नर्स डॉ. मंजू दंडापानी का नाम अंतरराष्ट्रीय एस्टर गार्जियन ग्लोबल नर्सिंग अवार्ड के लिए सेलेक्ट किया गया है. इस अवार्ड के लिए दुनिया भर के 184 देशों से करीब 24 हजार नर्सों ने आवेदन किया था. जिसमें से टॉप टेन नर्सों को इस अवार्ड के लिए नामांकित किया गया है. भारत से दो नर्सें इस अवार्ड के लिए नामित हुई हैं. जिनमें से एक चंडीगढ़ पीजीआई की नर्स डॉक्टर मंजू भी है. मंजू के अलावा दूसरा नाम लिंग लिंसी जोसेफ का है जो केरल की रहने वाली हैं. बता दें कि इस अवार्ड को जीतने वाली नर्स को करीब 2 करोड़ रुपये की राशि पुरस्कार स्वरूप दी जाएगी.
कैसे हुआ टॉप-10 में सेलेक्शन- डॉक्टर मंजू ने बताया कि इस अवार्ड के लिए जितनी भी नर्सों ने आवेदन किया था उनसे उनके द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में किए गए कामों का ब्योरा मांगा गया था. मैंने भी आज तक जो काम किए हैं उनका ब्योरा भेजा. शायद उन्हें मेरे द्वारा किया गया काम पसंद आया. इसीलिए टॉप 10 में मेरा सेलेक्शन हो पाया.
न्यूरो सर्जरी के मरीजों के लिए किया काम- डॉ. मंजू ने कहा कि अपने काम के दौरान नर्सिंग के क्षेत्र को और ज्यादा बेहतर बनाने के लिए कई पहल की है. जैसे उन्होंने न्यूरो सर्जरी के मरीजों के लिए काफी काम किया है. उन्होंने कहा कि न्यूरो सर्जरी के मरीजों को देखभाल की जितनी जरूरत होती है उतनी ही जरूरत उनकी देखभाल कर रहे दूसरे लोगों को भी होती है. क्योंकि जो लोग न्यूरो सर्जरी के मरीजों की देखभाल करते हैं. वे भी कई समस्याओं का सामना कर रहे होते हैं. इसीलिए उन समस्याओं को जानना और उनका समाधान करने की भी जरूरत थी.
डॉक्टर मंजू ने बताया कि इसके लिए हमने एक टीम बनाई. इसके बाद इस टीम के माध्यम से हमने उन लोगों के साथ बातचीत करनी शुरू की. उन लोगों की काउंसलिंग भी की. यही नहीं इस क्षेत्र में जितने सुधार हो सकते थे हमने उतने करने की कोशिश की. जब मरीज घर भी चला जाता है तब भी उनकी देखभाल करने वाले लोगों की चुनौतियां कम नहीं होती. इसलिए हम साल में एक बार एक ऐसा कार्यक्रम रखते हैं जिसमें मरीज और उसके साथ वाले लोग भी जाते हैं.
हम उन सब से बैठ कर बात करते हैं. जिससे उन लोगों को काफी मदद मिलती है. इसके अलावा नर्सिंग के क्षेत्र को और ज्यादा बेहतर कैसे बनाया जाए. मरीजों की देखभाल के तरीके में क्या कुछ आवश्यक बदलाव किए जाएं. इसको लेकर भी मैंने काफी काम किया था. इसके लिए मेरे बनाए पेपर भी पब्लिश हुए थे. शायद इन्हीं कामों की वजह से मुझे इस अवार्ड के लिए नामित किया गया है. डॉक्टर मंजू दंडापानी, नर्स, चंडीगढ़ पीजीआई
डॉक्टर मंजू का कहना है कि मरीजों के लिए डॉक्टर और नर्स मिलकर काम करते हैं. डॉक्टर्स को सम्मानित करने के लिए पहले से कई अंतरराष्ट्रीय अवार्ड हैं. लेकिन नर्सों को सम्मानित किये जाने वाले इस तरह के अवॉर्ड की संख्या काफी कम है. उन्होंने कहा कि कोविड काल के दौरान लोगों ने देखा है कि डॉक्टर के अलावा नर्सेज और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कैसे अपने जान की परवाह किए बगैर मरीजों की सेवा की और उन्हें ठीक किया.
इसके बाद दुनिया भर में नर्सों के काम को सराहा जा रहा है. मुझे लगता है कि यह अवार्ड भी उसी का ही परिणाम है. यह अवार्ड एस्टर गार्जियन नाम की संस्था द्वारा दिया जा रहा है. यह अपनी तरह का ऐसा पहला अवार्ड है जो इतने बड़े स्तर पर आयोजित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि चुनी गई सभी 10 नर्सें अगले हफ्ते दुबई जाएंगी.
डॉ मंजू मूलतः केरल की रहने वाली हैं. हालांकि पिछले काफी समय से वे चंडीगढ़ पीजीआई में कार्यरत हैं. कई साल बतौर नर्स काम किया. अब पीजीआई के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन में टीचर हैं. डॉक्टर मंजू ने नर्सिंग में पीएचडी की है. उन्हें सोसायटी ऑफ इंडियन न्यूरोसाइंसेस के बेस्ट न्यूरो नर्स अवार्ड और पीजीआई द्वारा बेस्ट पब्लिकेशन अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है.
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